Politics

ईरान का पाकिस्तान पर ‘सर्जिल स्टाइक’, अमेरिका 70 चूहे खाकर चला हज करने

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, वाशिंगटन

संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की निंदा की है. यह बिल्कुल वैसे ही है, जैसे 70 चूहे खाकर बीबी हज को चली.आतंकवाद के नाम पर अमेरिका अब तक करता क्या रहा है ? इसके नाम पर अमेरिका का अफगानिस्तान पर ताबड़ तोड़ हमला करना किसे याद नहीं ? यहां तक कि हाल में अफगानिस्तान से जाने के कुछ दिन बाद ही इसने ड्रोन से हला किया था. इसी तरह पाकिस्तान में सील कमांडो भेजकर ओसामा बिन लादैन को मार गिराना क्या सीमा उल्लंघन नहीं था ? यह सही है कि ओसामा विश्व भर में वांछित अपराधी था, पर क्या अमेरिका ने उसे मारने से पहले पाकिस्तान को उसके वहां छुपने के सबूत दिखाकर उसे विश्वास में लेना जरूरी ?

दरअसल, आतंकवाद को महावरा बना दिया गया है. मजबूत देश अपने से कमजोर देशों को इसके नाम पर हमेशा अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरते रहते हैं. कई देश तो ऐसे हैं कि अपने से मजबूत जिन बड़े देशों से खतरा महसूस करते हैं, उसे भी ‘आतंकवादी देश का पोषक’ का तमगा पहने से बाज नहीं आते. यदि ऐसा नहीं है तो आतंकवाद के खिलाफ विश्व मंच पर ढिंढोरा पीटने वाले क्या ईरान के सर्जिकल स्ट्राइल के मामले मंे एक साथ खड़े नहीं होते ? अमेरिका ईरान पर इसके लिए जिस तरह का आरोप लगा रहा है, क्या लगाता ? यदि वास्तव में आतंकवाद विश्व के शांति का खून चूस रहा है तो उसे ईरान के समर्थन में क्या नहीं आना चाहिए ? यही नहीं इजरायल क्या अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर गाजा में आतंकवाद नहीं फैला रहा है ? अमेरिका और ब्रिटने देश इस मामले इजरायल को हथियार सप्लाई कर रहे हैं. फिर इसे क्यों न आतंकवाद माना जाए ?

बहरहाल, अमेरिका ने पाकिस्तान, सीरिया और इराक में ईरानी हमलों की निंदा की है, जिनके बारे में तेहरान का दावा है कि ये हमले ईरानी विरोधी आतंकवादी समूहों के खिलाफ किए गए हैं.अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, हमने देखा है कि ईरान ने कुछ ही दिनों में अपने तीन पड़ोसी देशों की संप्रभु सीमाओं का उल्लंघन किया है.

अमेरिकी प्रवक्ता के मुताबिक, एक तरफ ईरान क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता का प्रमुख प्रायोजक है और दूसरी तरफ उसका दावा है कि उसे आतंकवाद के खिलाफ ऐसे कदमों की जरूरत है.बता दें कि ईरान ने इराक और सीरिया में इसी तरह के हमलों के बाद मंगलवार रात को पाकिस्तान के क्षेत्र में हमला किया था, जिसमें उसने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जैश-उल-अदल के ठिकानों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाने का दावा किया था.

ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब मध्य पूर्व में गाजा संकट और यमन में ईरान समर्थित हौथिस द्वारा लाल सागर में जहाजों पर हमले जारी हैं.पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि ईरान से सटे बलूचिस्तान के पंजगुर जिले में हुए हमले में दो लड़कियों की मौत हो गई.

पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने पाकिस्तान-ईरान सीमा के पास हुए हमले को अकारण और पाकिस्तान की सीमाओं का उल्लंघन बताया.हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के बाद ईरान से राजदूत को वापस बुलाने की भी घोषणा की गई. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे हमले का जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं. पाकिस्तान में ईरानी राजदूत, जो इस समय ईरान में हैं, वापस नहीं लौटेंगे.

MUST READ बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश-उल-अदल पर ईरान का मिसाइल और ड्रोन हमला, पाकिस्तान को ऐतराज

ईरान का पाकिस्तान पर सर्जिल स्ट्राइक, रिस्ते बिगड़े, राजदूत वापस बुलाया

बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश-उल-अदल पर ईरान का मिसाइल और ड्रोन हमला, पाकिस्तान को ऐतराज