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क्या आरफा खानम की बात सही है कि मोदी जब परेशान होते हैं, ज्यादा कम्यूनल हो जाते हैं ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

न्यूज आउटलेट्स ‘ द वाॅयर’ की आरफा खानम ने अपने एक वीडियो में कहा है,‘‘ मोदी जब ज्यादा परेशान हो जाते हैं तो ज्याादा कम्यूनल हो जाते हैं.’’आरफा खानम की यह बात तब सच लगने लगी जब बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक जनसभा में यह कहा,‘‘ अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति उन लोगों को बांट देगी जिनके अधिक बच्चे हैं.’’

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटें लाने का दावा कर रही है. मगर पहले चरण के मतदान में मतददाताओं ने जैसी उदासीनता दिखाई, उससे स्पष्ट है कि यदि वे विपक्ष को महत्व नहीं दे रहे, तो उन्हें तीसरी बार मोदी सरकार को लाने में भी खास दिलचस्पी नहीं है.

बाकी के अन्य चरणों में भी मतदाओं ने ऐसी ही उदासीनता दिखाई तो बीजेपी को 400 क्या, लेने के देने पड़ जाएंगे.इसका एहसास अब बीजेपी को होने लगा है और मंच से सांप्रदायिक बातें करने बचने वाले मोदी भी स्पष्ट शब्दों में हिंदू-मुसलमान करने लगे हैं.एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार,राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश की संपत्ति को घुसपैठियों और जिनके अधिक बच्चे हैं उनके बीच वितरित किया जा सकता है.

जाहिर है,उनका सीधा इशारा मुसलमानों की ओर था. बीजेपी को कर्नाटक मंे मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने से बहुत परेशाानी है. बीजेपी नेता अमित शाह भी कई बार मंच से कह चुके हैं कि बीजेपी के सत्ता मंे आने पर मुसलमानों का आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. अब वही भाषा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोल रहे हैं.

मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय को देश के संसाधनों तक प्राथमिकता से पहुंच मिलनी चाहिए, को आधार बनाकर कहा, कांग्रेस के घोषणापत्र से संकेत मिलता है कि वे माताओं और बहनों की सोने की संपत्ति का मूल्यांकन करने, उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने और बाद में उस संपत्ति को वितरित करने की योजना बना रहे हैं. वे इसे किसे वितरित करेंगे? मनमोहन सिंह के प्रशासन ने जोर देकर कहा था कि मुसलमानों को देश की संपत्ति तक पहुंचने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.“

याद दिला दें कि मनमोहन सिंह ने यह बात तब कही थी जब सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि देश के मुसलमानों की दशा दलितों से भी ज्यादा बुरी है.इस बीच कांग्रेस ने मोदी के बयान की निंदा की है और कहा कि प्रधानमंत्री अपने झूठ के जरिए फिर से हिंदू-मुसलमानों को बांट रहे हैं.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. दावा किया कि घोषणापत्र में कोई मुस्लिम-हिंदू संदर्भ नहीं है.रविवार को साझा किए गए एक वीडियो संदेश में खेड़ा ने प्रधानमंत्री को अपने दावे के समर्थन में सबूत देने की चुनौती दी.

उन्होंने कहा, कांग्रेस के घोषणापत्र में हिंदू-मुस्लिम का कोई जिक्र नहीं है. हम प्रधानमंत्री को चुनौती देते हैं कि वह हमें दिखाएं कि हमारे घोषणापत्र में कहीं भी हिंदू या मुस्लिम शब्द लिखा है.खेड़ा के स्पष्टीकरण के बाद, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर 9 दिसंबर 2006 के तत्कालीन पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के भाषण का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा था, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों को समान रूप से साझा करने का अधिकार है, संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए.

भाजपा ने पूछा है, कांग्रेस को अपने ही प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं है?डॉ. सिंह ने ये टिप्पणी नई दिल्ली में राष्ट्रीय विकास परिषद की 52वीं बैठक में की थी.एक सोशल मीडिया यूजर ने एक्स पर वीडियो क्लिप पोस्ट करते हुए कहा, यहां मनमोहन सिंह कैमरे पर कह रहे हैं कि संसाधनों पर मुसलमानों का पहला दावा होना चाहिए.

इसने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है और कुछ लोगों ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री का बयान मनमोहन सिंह के कथन की विध्वंसक प्रकृति को प्रदर्शित करता है.कुछ लोगों के अनुसार, डॉ. सिंह की टिप्पणियां भाजपा के कांग्रेस के तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल होने के दावों को पुष्ट करती हैं.

इस बीच, खेड़ा ने पीएम मोदी की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण में गंभीरता की कमी को दर्शाता है.खेड़ा ने कहा, इस तरह का हल्कापन आपकी मानसिकता और आपके राजनीतिक मूल्यों में है. हमने युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासियों, मध्यम वर्ग और श्रमिकों के लिए न्याय की बात की है. क्या आपको इस पर भी आपत्ति है?

कांग्रेस के घोषणापत्र की अखंडता पर जोर देते हुए, खेड़ा ने इसे समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया. उन्होंने कहा, हमारा घोषणापत्र प्रधानमंत्री को आईना दिखाता है. अगर आप ऐसे झूठ बोलते रहे तो आपका (पीएम) नाम कूड़ेदान में चला जाएगा.

यहां कुछ अहम सवाल भी उठ रहे हैं. क्या बीजेपी को मुसलमानों को लेकर किसी तरह का भय है, इसलिए वह इस समुदाय को सत्ता में भागीदारी नहीं बनाना चाहती ? फिर वह पसमांदा का शोर क्यों मचाती है ? केवल लोक लुभावने नारे देकर मुसलमानों मंे फूट डालने का इरादा तो नहीं ? बहरहाल, मोदी का यह बयान आगले चुनावी चरणों में अवश्य ही बहस का मुददा रहने वाला है, ऐसा लगता है.