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क्या ओवैसी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को हवा देने में हिंदू संगठनों का साथ दे रहे

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली कलबुर्गी (कर्नाटक)

बीजेपी, संघ और तमाम हिंदू संगठनों के पूरी ताकत झोंकने के बावजूद अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में को वह शोहरत नहीं मिली रही, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. ऐसे में चुनावी लाभ उठाने की चाह रखने वाले चिंतित नजर आ रहे हैं. ऐसे में उनकी ओर से कार्यक्रम को हाईप देने की निरंतर कोशिश चल रही हैं. पूरे में हिंदूवादी संगठन द्वारा रामनवमी झंडे बांटे जा रहे हैं. बाजारों में राम राम के झंडे की बिक्री का खास इंतजाम किया गया है. प्रभात फेरियां निकाली जा रही हैं. मुख्य धारा के न्यूज चैनल को विशेष कवरेज में लगाया गया है. कार्यक्रम में अहम शख्सियतें बुलाई जा रही हैं. यहां तक कि कार्यक्रम के आयोजन से पहले आतंकवाद, बम धमाके तक के शोसे छोड़े जा चुके हैं.

इतनी हंगामी सूरत के बावजूद भारत का मुसलमान खामोश है. हालांकि, मुस्लिमों की यह खामोशी उन्हें बिल्कुल रास नहीं आ रही जिनके कंधे पर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को हवा देने की जिम्मेदारी है. मुसलमानों की एंट्री से विवाद को हवा देना आसान हो जाता है. मुसलमानों की प्रतिक्रिया से ऐसे नीति निर्धारकों को उम्मीद से कहीं अधिक लाभ होने की उम्मीद रहती है.

मजे की बात है कि जब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर तमाम मुस्लिम रहनुमा खामोश हैं, ऐन समय पर एआईएमआई के सदर ओवैसी बाबरी मस्जिद का मुददा लेकर मैदान में कूद पड़े हैं.ओवैसी और उनकी पार्टी पर भारतीय जनता पार्टी के बी टीम होने का आरोप है. उनपर यह भी आरोप लगते रहे हैं कि जिस सीट पर सेक्यूलर पार्टियांें के मजबूत उम्मीदवार होते हैं, वोटों मंे बिखराव पैदा करने के लिए ओवैसी अपने प्रत्याशी खड़े कर देते हैं. अभी तेलंगाना के चुनाव में यह आरोप लगा. उनकी पार्टी पर बिहार, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात के चुनाव में ऐसे आरोप लग चुके हैं.

22 जनवरी को अयोध्या में  प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होना है तो उससे दो दिन पहले ओवैसी बाबरी मस्जिद मुद्दा लेकर अचानक कूद पडे. हालांकि, बाबरी मस्जिद का मुद्दा वह इससे पहले भी उठाते रहे हैं. इस वक्त बेवजह की उनकी शहनाई लोगों के गले नहीं उतर रही है.

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए राम जन्मभूमि के आसपास टाइटल डीड विवाद को उठाया है. पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद को बहुत व्यवस्थित तरीके से मुसलमानों से छीन लिया गया.

कई अदालती बैठकों और मुकदमों से जुड़े एक लंबे आंदोलन के बाद, सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसले में स्वामित्व विवाद पर हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया. इसमें इस दावे को प्रधानता दी गई कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था. 16वीं सदी में राम जन्मभूमि पर एक मंदिर के खंडहर थे.
शीर्ष अदालत ने अपना यह फैसला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर आधारित किया, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद राम मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई थी.

हालांकि, जैसा कि व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है, 1992 में कारसेवकों द्वारा मस्जिद को ढहा दिया गया. इससे देश भर में सांप्रदायिक दंगे भड़के. कई लोगों की जान चली गई.बाद में कार सेवकों ने विध्वंस स्थल पर तंबू गाड़ दिया. उसके अंदर राम लला की मूर्ति की पूजा शुरू कर दी.

पत्रकारों से बात करते हुए, ओवैसी ने कहा, मुसलमानों ने 500 वर्षों तक बाबरी मस्जिद में नमाज पढ़ी. जब कांग्रेस के गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के सीएम थे, तब मस्जिद के अंदर मूर्तियां रखी गई थीं. केकेके नायर उस समय अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट थे. उन्होंने मस्जिद को बंद कर दिया. वहां पूजा शुरू करा दी. जब विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई, तब अयोध्या में कोई राम मंदिर मुद्दा नहीं था. महात्मा गांधी ने राम मंदिर के बारे में कभी कुछ नहीं कहा.

ओवैसी बोले,हालांकि, बाबरी मस्जिद को व्यवस्थित तरीके से हमसे छीन लिया गया. अगर जीबी पंत ने उन मूर्तियों को दिन में हटा दिया होता और 1992 में मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया होता, तो हम वह नहीं देख पाते जो आज देख रहे हैं. यहां तक कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जिनकी पार्टी (आप) इंडिया ब्लॉक में भागीदार है, ने मंगलवार को सुंदरकांड पाठ आयोजित करने और हनुमान चालीसा का जाप करने की बात की. हर कोई बहुसंख्यक समुदाय के मतदाताओं को लुभाने में व्यस्त है.

इधर, खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आसपास अनुष्ठान करेंगे. मुख्य अनुष्ठानों का संचालन देश भर से चुने शीर्ष संतों के एक विशेष दल द्वारा किया जाएगा.पुजारियों की टीम का नेतृत्व लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे. 22 जनवरी को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में कई मशहूर हस्तियों और शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है.