इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने किया दावा: ग़ज़ा में हमास के कमांडर मोहम्मद सिनवार मारे गए
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यरूशलेम/ग़ज़ा
इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के 20वें महीने में बड़ा दावा सामने आया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संसद (नेसेट) को संबोधित करते हुए घोषणा की कि हमास के ग़ज़ा क्षेत्र प्रमुख मोहम्मद सिनवार की मौत हो गई है। मोहम्मद, हमास के शीर्ष नेता और 7 अक्टूबर 2023 के हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनवार के छोटे भाई थे। नेतन्याहू के इस ऐलान पर फिलहाल हमास की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
ग़ज़ा के अस्पताल पर हमले में हुई मौत?
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने भाषण में कहा कि मोहम्मद सिनवार, जिन्हें हमास की सैन्य संरचना में बेहद अहम माना जाता था, इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी ग़ज़ा के एक अस्पताल पर इजरायली हमले में मारे गए। इससे पहले 21 मई को नेतन्याहू ने कहा था कि “संभावना है कि मोहम्मद मारे जा चुके हैं”, लेकिन अब उन्होंने इसे सार्वजनिक रूप से ‘पुष्टि’ करते हुए कहा कि “उन्हें खत्म कर दिया गया है।”
नेतन्याहू की सूची में कई अन्य वरिष्ठ हमास नेता
अपने संबोधन में नेतन्याहू ने उन कई अन्य वरिष्ठ हमास अधिकारियों के नाम गिनाए जिन्हें, उनके अनुसार, इजरायली सेना ने पिछले दो वर्षों के दौरान मारा है। इसमें मोहम्मद के बड़े भाई याह्या सिनवार का नाम भी शामिल था। उन्होंने दावा किया कि इजरायली सेना हमास की पूर्ण हार की ओर अग्रसर है और हालिया अभियान निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है।
“हम अब ग़ज़ा में खाद्य वितरण पर भी नियंत्रण कर रहे हैं”
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजराइल अब ग़ज़ा में मानवीय सहायता की वितरण प्रणाली पर भी नियंत्रण कर रहा है। उनका इशारा अमेरिका समर्थित नई सहायता व्यवस्था की ओर था, जिसके ज़रिए ग़ज़ा में राहत सामग्री भेजी जा रही है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब युद्धग्रस्त ग़ज़ा में खाद्य संकट गहराता जा रहा है और लाखों लोग मानवीय आपदा की कगार पर हैं।
हमास की चुप्पी, संघर्ष की तीव्रता बरकरार
अब तक हमास ने मोहम्मद सिनवार की मौत की न तो पुष्टि की है, न ही खंडन। इससे पहले भी ऐसे कई अवसर आए जब इजराइल द्वारा हमास नेताओं की मौत के दावे किए गए, लेकिन उनके शव या स्थान का कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया। नेतन्याहू का यह ताज़ा बयान तब आया है जब इजरायली सेना ने मार्च 2025 में नाजुक युद्धविराम को तोड़ते हुए ग़ज़ा में अपना सैन्य अभियान फिर से तेज कर दिया था।
इजराइल का कहना है कि उसका उद्देश्य हमास के सैन्य और प्रशासनिक तंत्र को पूरी तरह समाप्त करना है, साथ ही उन बंधकों को मुक्त कराना है जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 के हमले के दौरान ग़ज़ा ले जाया गया था।
युद्ध का प्रारंभ और अब तक का मानवीय संकट
यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को उस समय शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व में आतंकी समूहों ने ग़ज़ा से बाहर निकलकर दक्षिणी इजराइल में हमला किया। उस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर नागरिक थे, और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजराइल ने ग़ज़ा पर अभूतपूर्व सैन्य कार्रवाई की।
ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इजरायली हमलों में 53,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 20 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं। मंत्रालय का कहना है कि मृतकों में अधिकतर नागरिक हैं, जबकि इजराइल का दावा है कि उसने हजारों हमास आतंकियों को भी मार गिराया है। हालांकि इजराइल ने अब तक इन दावों को समर्थन देने के लिए ठोस सबूत सार्वजनिक नहीं किए हैं।
मोहम्मद सिनवार: याह्या का उत्तराधिकारी
मोहम्मद सिनवार, याह्या सिनवार के छोटे भाई थे, जिन्होंने 7 अक्टूबर के हमले की योजना बनाई थी। याह्या की मौत के बाद मोहम्मद को ग़ज़ा में हमास का नेतृत्व सौंपा गया था। इसके बाद, हमास के शीर्ष नेता के तौर पर मोहम्मद को देखा जा रहा था, विशेष रूप से जब इस्माइल हनीया की ईरान में मौत की खबरें आईं।
मोहम्मद की भूमिका सिर्फ सैन्य स्तर पर नहीं बल्कि रणनीतिक समन्वय और संगठनात्मक ढांचे के पुनर्गठन में भी अहम मानी जाती रही है।
सैन्य अभियान और संभावित अंत
26 मई को इजरायली सैन्य प्रमुख इयाल ज़मीर ने बयान दिया कि हमास अब अपने कमांड और कंट्रोल सेंटर खो चुका है और संगठन की संरचना बिखर चुकी है। हालांकि हमास की जमीनी लड़ाई और सुरंग तंत्र अब भी इजरायली सेना के लिए चुनौती बना हुआ है।
निष्कर्ष: एक रणनीतिक मोड़ या युद्ध का अंत?
प्रधानमंत्री नेतन्याहू का मोहम्मद सिनवार की मौत का दावा इस लंबे चले युद्ध में एक प्रतीकात्मक और सामरिक मोड़ माना जा सकता है। लेकिन जब तक हमास इसे स्वीकार नहीं करता, यह दावा अधूरा रहेगा। साथ ही, ग़ज़ा में जारी मानवीय संकट और लगातार हो रहे हवाई व जमीनी हमले यह दिखाते हैं कि इस युद्ध का अंत अभी दूर है।