Culture

जाफर पनाही ने कान्स में रचा इतिहास: प्रतिबंधों के बावजूद ‘It Was Just An Accident’ को मिला पाम द’ओर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, कान, फ्रांस

कान्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल 2025 की सबसे बड़ी खबर उस वक्त सामने आई जब विश्वप्रसिद्ध ईरानी फ़िल्मकार जाफर पनाही को उनकी नई फ़िल्म It Was Just An Accident के लिए पाम द’ओर (Palme d’Or) से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार सिर्फ़ एक थ्रिलर फ़िल्म की सफलता नहीं है, बल्कि ये उस हिम्मत, प्रतिबद्धता और सच्चाई के साहसिक प्रतिरोध की विजय है, जो पनाही जैसे कलाकार आज के ईरान में जी रहे हैं।

प्रतिबंधों के बीच रचा गया सिनेमा

पनाही, जिनपर ईरानी सरकार ने वर्ष 2010 में 15 वर्षों तक सिनेमा बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, उन्होंने यह फ़िल्म पूरी तरह गुप्त रूप से बनाई। फ़िल्म का बड़ा हिस्सा उनकी कैद की सच्ची घटनाओं और राजनीतिक दमन के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है। पनाही ने इस फ़िल्म को न केवल निर्देशित किया, बल्कि तेहरान की निगरानी और सेंसरशिप के बीच उसे अंजाम दिया — बिना किसी आधिकारिक अनुमति के।

यह फ़िल्म केवल एक बदले की कहानी नहीं है; यह उस कलाकार की आत्मा की पुकार है जिसे दशकों से चुप रहने को कहा गया था। It Was Just An Accident उन संवेदनशील मुद्दों को उठाती है, जिन पर ईरान में आज भी बोलना खतरे से खाली नहीं।

कान्स में 15 साल बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति

पनाही की यह कान्स यात्रा भी एक ऐतिहासिक घटना रही। ये उनकी पिछले 15 वर्षों में किसी भी अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। लंबे समय तक यात्रा पर लगे प्रतिबंधों के बाद वह कान्स पहुंचे, और जब उन्होंने दर्शकों के सामने पुरस्कार ग्रहण किया, तो पूरा सभागार खड़े होकर तालियाँ बजाता रहा।

उन्होंने मंच से अपने वक्तव्य में कहा,

“यह पुरस्कार मेरा नहीं, पूरे ईरान का है। यह उन सभी लोगों का है जो आज़ादी, रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है – ईरान की मुक्ति।

यूरोप के तीनों प्रमुख फ़िल्म महोत्सवों में शीर्ष सम्मान

जाफर पनाही अब उन विरले फ़िल्मकारों में शामिल हो गए हैं जिन्हें यूरोप के तीनों प्रमुख फ़िल्म महोत्सवों — कान्स, बर्लिन और वेनिस — में सर्वोच्च सम्मान मिला है।

  • 2000: The Circle के लिए वेनिस फ़िल्म फेस्टिवल का गोल्डन लायन
  • 2015: Taxi के लिए बर्लिन फ़िल्म फेस्टिवल का गोल्डन बियर
  • 2025: It Was Just An Accident के लिए कान्स का पाम द’ओर

इस हैट्रिक के साथ पनाही ने साबित कर दिया है कि रचनात्मकता को न सरकारें रोक सकती हैं, न ही सरहदें।

कैमरा बना प्रतिरोध का हथियार

पनाही की सोच स्पष्ट रही है — “एक कैमरा केवल फ़िल्म बनाने का औजार नहीं है, यह दुनिया को झकझोरने वाला हथियार भी हो सकता है।” यही दर्शन उनकी नई फ़िल्म में भी दिखता है। एक ओर जहां फ़िल्म में थ्रिलर की रफ्तार है, वहीं दूसरी ओर उसमें एक अदृश्य चीख है — जो जेलों, बंद दरवाज़ों और सेंसरशिप के पीछे से गूंज रही है।

उनकी फ़िल्में आज के ईरान की नागरिक चेतना, राजनीतिक उत्पीड़न, और आजादी की बेचैनी को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाती हैं। इसीलिए उन्हें सिर्फ़ एक निर्देशक नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक योद्धा कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

ईरान और दुनिया के लिए एक प्रतीक

जाफर पनाही अब महज़ एक फ़िल्मकार नहीं हैं। वह आज के उस ईरान के प्रतीक हैं, जो अपने भीतर सुलगते सवालों को झेल रहा है, और जहाँ सत्य बोलने की कीमत बहुत बड़ी होती है। It Was Just An Accident उस सत्य को सामने लाती है, जिसे सत्ताएँ छुपाना चाहती हैं।

पनाही की यह जीत उन तमाम कलाकारों, पत्रकारों और नागरिकों के लिए भी एक उम्मीद की किरण है जो दमनकारी व्यवस्थाओं के साए में अपनी रचनात्मकता को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रहे हैं।

यह केवल पुरस्कार नहीं, एक प्रतिरोध है

जाफर पनाही की Cannes में जीत सिर्फ़ उनके लिए नहीं, यह ईरानी जनता, सृजनशीलता की स्वतंत्रता, और सिनेमा की ताकत के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है। यह याद दिलाता है कि जब कलाकार सच के साथ खड़ा होता है, तो पूरी दुनिया उसकी आवाज़ सुनती है।

“जाफर पनाही साहब, आपने सिखा दिया कि एक कैमरा भी तलवार बन सकता है – और वह तलवार दुनिया को रोशन भी कर सकती है।”

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