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बेसहारा बच्चों की मदद में उठे जमीयत उलेमा के हाथ

हरियाणा के मेव मुस्लिम बहुल नूंह जिले में हाजी हफीज हबीबुर्रहमान और उनके सहकर्मियों ने 30 जरूरतमंद बच्चों की भरपूर मदद की. ईद के मददेनजर उनके लिए नए कपड़ों का इंतजाम किया गया. उनमें चार बच्चे ऐसे शामिल हैं. जिनका न अपना कोई है और न ही सिर छुपाने का ठिकाना.

इस मौके पर मौलाना साबिर मजाहरी ने कहा के मुल्क में कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते जरूरतमंद और मजदूर तबके सर्वाधिक परेशानी में हैं. नतीजतन, इन वर्गों के लोगों को न केवल बीमारी से लड़ना पड़ रहा है. इससे उपजे हालातों का भी सामना करना पड़ रहा है. यही सही वक्त है जरूरतमंदों और गरीबों का ख्याल रखने का. सरकार और डॉक्टर के गाइडलाइन मानते हुए हमें अपने घरों में रहने के साथ इसका भी ख्याल रखना चाहिए कि पड़ोस में कहीं कोई भूखा न सो जाए.

उन्होंने बताया कि जमीयत उलेमा ए हिंद के साथी ऐसे लोगों का पता लगा कर उन तक मदद पहुंचा रहे हैं. इस क्रम में नूंह जिले के पुन्हाना हल्के के गांव में तौसीफ बिसरू की निगरानी में तकरीबन 30 जरूरतमंदों में जरूरत के सामान बांटे गए. इसके बाद फिरोजपुर झिरका के एक गांव मैं मौलाना साबिर रनियाली की सरपरस्ती में कई परिवारों तक मदद पहुंचाई गई. इस दौरान उन्हें वे बच्चे मिलने जिनका न अपना कोई है और न ही सिर छुपाने को छत्त. बच्चे दादी के पास रहते हैं और दादी की स्थिति भी बेहद खराब है. जमीतय की ओर से उनके खाने पीन के बंदोबस्त के साथ ईद के कपड़े का इंतजाम किया गया. जरूरतमंदों को कुछ नकदी भी दी गई ताकि वे अपनी जरूरत के बाकी सामान खरीद सकें.

साबिर मजाहिरी ने बताया कि इन बसहारा बच्चों को गोद लेने पर भी विचार चल रहा है. यह
फैसला होने पर जमीयत उलमा बच्चों की पढ़ाई लिखाई का सारा खर्च उठाएगी. इस मौके पर हाजी हफीज हबीबुर्रहमान और मुस्ताक नई,मुकीम निजामपुर, जकरिया साकरस रमजान हसनपुर, मसूद नाई मंगला,अरशद जई, सलीम सिसोना, साद अंसल जुबेर हनीफ नफीस भाई अंसल वसीम भाई गुड़गांव,रिजवान भाई गुडगांव आदि मौजूद रहे.