कर्नाटक चुनाव: कांग्रेस का मुस्लिम वोटर से वादा, सत्ता में लौटे तो बहाल करेंगे आरक्षण कोटा
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, बेंगलुरू
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार ने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने का वादा किया है.कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिव कुमार मीडिया से बात कर रहे थे. उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी मौजूद थे.
कांग्रेस ने कर्नाटक के 42 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें पार्टी के सत्ता में आने पर राज्य में पिछड़े मुसलमानों को दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण को बहाल करने का वादा किया गया.
गौरतलब है कि विश्वराज बोमाई के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार ने हाल में पिछड़े मुसलमानों को दिया जाने वाला आरक्षण समाप्त कर दिया था. इसको लेकर बीजेपी की खूब आलोचना हो रही है.
मुस्लिम आरक्षण को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि एक बार कांग्रेस सत्ता में आ गई तो वह आरक्षण समाप्त करने और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने के फैसले को वापस ले लेगी. डीके शिवकुमार ने पिछले महीने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कोटा बहाल करेगी. ध्यान रहे कि गंभीर भ्रष्टाचार और जनता के गुस्से का हवाला देकर कर्नाटक की भाजपा सरकार ने ओबीसी कोटे के तहत राज्य में मुसलमानों को दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करने का फैसला किया था. राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए सरकार ने बहुसंख्यक वर्ग को खुश करने के लिए चुनाव से ठीक पहले आरक्षण रद्द कर दिया. सरकार ने मुस्लिम आरक्षण को समाप्त करने और इसे वोका लीग और लिंगायत समुदायों के बीच समान रूप से विभाजित करने का निर्णय लिया है, जबकि मुस्लिम आरक्षण को ईडब्ल्यूएस के 10 प्रतिशत कोटा में विलय कर दिया है.
वर्तमान में, कर्नाटक में वोका लीग में 4 प्रतिशत कोटा है और लिंगायत के पास 5 प्रतिशत . मजे की बात है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले मुसलमानों का कोटा ऐसे समय समाप्त किया है जब कि केंद्र की मोदी सरकार और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व दलित मुस्लिम ‘पसमांदा’ के हितौषी होने का ऐलान कर रहा है. उसकी ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि सियासी दलों और अगड़े मुसलमानों ने पसमांदा के साथ नाइंसाफी की है. ऐसे में कर्नाटक सरकार का फैसला बीजेपी के हाथी के दांत के समान जाहिर हो रहे हैं.
गौरतलब हो कि कर्नाटक की प्रांतीय सरकार द्वारा आरक्षण समाप्त करने के फैसले की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने इस फैसले को अपना पेट भरने के लिए दूसरे की थाली से खाना चुराना करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह डॉ. बीआर अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने 2 बी के तहत मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण दिया था. उन्होंने इसे जाति और साम्प्रदायिक राजनीति करार दिया, वहीं नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने कहा कि कैबिनेट के फैसले से राज्य के किसी भी समुदाय को फायदा नहीं होगा.लोगों को ऐसी चालों का शिकार नहीं होना चाहिए. भाजपा का उद्देश्य एक समुदाय के लाभों को लूटकर दूसरे समुदाय को सौंपकर समुदायों के बीच संघर्ष पैदा करना है और हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं.
हालांकि, डीके शिवकुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी के सरकार बनने के बाद आरक्षण बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने इसे भी अपनी पार्टी की रणनीति में शामिल किया है और कहा है कि इस संबंध में पार्टी के घोषणापत्र में भी स्पष्ट रूप से कहा जाएगा और कोटा बहाल किया जाएगा.