कुंभ मेला चलेगा, मस्जिदें रहेंगी बंद
देश में कोरोना विस्फोट के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने अपने यहां चल रहे कुंभ स्नान को समय से पहले खत्म करने से मना कर दिया है. इसको लेकर निरंतर मांग उठ रही थी. दूसरी तरफ मुंबई हाई कोर्ट ने जुमा मस्जिद ट्रस्ट को रमजान के महीने में मस्जिद में 50 लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी है.
बता दें कि देश में कोरोना ने विकराल रूप ले रखा है. पिछले चैबीस घंटे में पहली बार दो लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए. इस बीच मुंबई की तुलना में दिल्ली का डेली का आंकड़ा दोगुना हो गया. कुंभ मेले में स्नान के लिए गए बड़ी संख्या में लोग कोरोना ग्रस्त पाए गए हैं. इसके बावजूद कुंभ मेला जारी रखने का निर्णय लिया गया है. दूसरी तरफ मुंबई में दिल्ली के मुकाबले कोरोना के कम केस होने के बावजूद रमजान में मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई.
अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक खबर के अनुसार, बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को जुमा मस्जिद ट्रस्ट को रमजान के पवित्र महीने में दक्षिण मुंबई की मस्जिद में एक समय 50 लोगों के नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी. ट्रस्ट ने कोर्ट में याचिका दायर कर इसकी इजाजत मांगी थी.
इस बारे में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं का पालन करने का अधिकार महत्वपूर्ण है, जबकि कोविद -19 मामलों में आए भारी उछाल के दौरान व्यवस्था और सुरक्षा का सवाल सबसे अहम है.
न्यायमूर्ति आरडी धानुका और वीजी बिष्ट की खंडपीठ ने ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई की और रमजान के महीने में दक्षिणी मुंबई की मस्जिद खोलने की मांग की. दूसरी तरफ 13 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने धार्मिक स्थल खोलने पर रोक लगाने का ऐलान किया है.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मस्जिद एक एकड़ क्षेत्रफल में है. एक समय में 7,000 से अधिक लोग एकत्र हो सकते हैं. ऐसे में कोविद-19 प्रतिबंधों के बीच रमजान में 50 लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति दी जा सकती है. इस दौरान सुरक्षा सावधानियों और कोविद -19 प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
याचिकाकर्ता के वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 अप्रैल के आदेश का हवाला देते हुए कोविद -19 प्रोटोकॉल के साथ एक मस्जिद में प्रार्थना की अनुमति देने की मांग की.
उल्लेखनीय है कि कोविद -19 की वृद्धि को रोकने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 14 अप्रैल से 1 मई तक रात 8 बजे से राज्य में कर्फ्यू प्रतिबंधों की घोषणा की है.
राज्य सरकार के अनुसार, 15 दिन की अवधि के दौरान, सभी धार्मिक पूजा स्थल बंद रहेंगे. केवल धार्मिक स्थल पर सेवा में लगे कर्मियों को ही अपने कर्तव्यों के पालन की अनुमति होगी. बाहर के किसी व्यक्ति को धार्मिक स्थल पर आने की अनुमति नहीं होगी. धार्मिक स्थल के कर्मचारियों को केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन कराने के आदेश दिए गए हैं.
राज्य सरकार की सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने कहा कि कोविद-19 मामलों के मौजूदा दौर को देखते हुए ऐसी अनुमति नहीं दी जा सकती.“ हम किसी भी धर्म के लिए अपवाद नहीं बना सकते, खासकर इस 15-दिवसीय प्रतिबंध अवधि मंे. हम जोखिम नहीं उठा सकते.
चव्हाण ने यह भी कहा कि सरकार लोगों को उनके धर्म का पालन करने से मना नहीं कर रही है, लेकिन उन्हें कोविद -19 में आए भयंकर उछाल के मद्देनजर अपने घरों में ही रहकर इबादत करनी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य टीकों और ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है. ऐसी स्थिति में सामाजिक समारोहों की अनुमति देना उचित नहीं होगा.