भोपाल की शाम ए गजल में बही प्रेम गंगा
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, भोपाल
शायरी की भाषा प्रेम है. शायर और गायक-संगीतकार अपनी कला के माध्यम से प्रेम संदेश को फैलाने का काम करते हैं. इसी उद्देश की पूर्ति के लिए मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा शाम ए गजल का आयोजन किया गया ताकि नफरत के अंधेरे को खत्म और प्यार के संदेश फैलाया जा सके.
इस दौरान गायकों ने कहा, शायरी की भाषा प्रेम है . गायक अपनी कला के माध्यम से प्रेम के इसी संदेश को फैलाता है.सुहानी शाम गजल की महफिल, वाद्य यंत्रों और आवाज से सजाया गया था. नवाबों और झील-तालाबों के शहर भोपाल के रविंदर भवन में इसका आयोजन मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा किया गया, जिसमें उर्दू शायरी और संगीत प्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया.सुहानी शाम में जब प्रमुख गायिका शेफाली फ्रॉस्ट और साधना जुरिकर ने गजलें गाईं तो कार्यक्रम का मजा और बढ़ गया.
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेंहदी ने कहा कि उर्दू अकादमी का मकसद उर्दू भाषा की खेती के साथ प्यार का संदेश फैलाना है. उर्दू के शायरों ने हमेशा अपनी शायरी से मुहब्बत का पैगाम दिया है.आज शाम गजल महफिल में मशहूर गायिका शैफाली फ्रॉस्ट और साधना जौरीकर ने अपनी बात बड़ी खूबसूरती से पेश की. दर्शकों को मन को सुकून मिला. दोनों गायकों द्वारा प्रस्तुत शब्दों को सुनकर प्रेम की ऐसी सभाएं होती रहेंगी ताकि भाषा की साधना और प्रेम का संदेश आम होता रहे.
वहीं, मशहूर गायिका साधना जौरीकर ने कहा कि गजल शहर भोपाल में संगीत के साथ गजलों का प्रदर्शन बहुत बड़ी बात है. यहां के लोग गजल शायरी के साथ संगीत की कला से भी भलीभांति परिचित हैं, लेकिन जब गजल के मिजाज के बीच शब्दों को पेश किया जाता है और उसे पकाया जाता है तो कलाकार की राह की मुश्किलें कपूर बन जाती हैं. हम चाहेंगे कि ऐसी गजल महफिलें होती रहें ताकि दुनिया मुहब्बत से भरी रहे.