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मौलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा की दो टूक: अफगानिस्तान में गैर इस्लामी कानून लागू नहीं होंगे

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काबुल

तालिबान ने एक तरह से संकेत दे दिया है कि विश्व बिरादरी महिला अधिकार और महिला शिक्षा के नाम पर इसके विरूद्ध चाहे जितना शोर मचाए, अफगानिस्तान में उसकी हुकूमत रहते यह मुमकिन नहीं है. तालिबान इस्लामिक अमीरात के नेता ने अपने भाषण के एक हिस्से में अधिकारियों से सभी के बीच समान रूप से न्याय लागू करने के लिए कहा है. साथ ही कहा है किअफगानिस्तान में गैर इस्लामी कानून कभी भी लागू नहीं होंगे.

इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता, जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा ट्विटर पर इस्लामिक अमीरात के सर्वोच्च नेता, मौलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा का एक ऑडियो साझा किया है, जिसमें वह यह कहते हुए सुनाई देते हंै कि वह देश में गैर-इस्लामी कानूनों के कार्यान्वयन की अनुमति नहीं देंगे.

ईद अल-फितर के मौके पर कंधार के ग्रैंड मस्जिद में अपने भाषण में, उन्हांेने कहा कि इस्लामी अमीरात के दायित्वों में से एक मौजूदा व्यवस्था के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देना है.इसके साथ ही मौलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अन्य देशों से अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा.

अखुंदजादा ने कहा, हमने अल्लाह से वादा किया है कि अफगानिस्तान में किसी भी काफिर कानून को जड़ जमाने नहीं दिया जाएगा. हम निश्चित रूप से ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से परहेज करेंगे जो इस्लाम को खतरे में डालती हो, इस्लाम को कमजोर करती हो या इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ हो.

इस्लामिक अमीरात के नेता ने इस्लामी सरकार की संरचना की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि शरिया-आधारित शासन, शरिया कानून को बनाए रखना और इसे लागू करना एक इस्लामी सरकार में अनिवार्य है.मौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कहा कि इस्लाम के संबंध में कभी कोई समझौता नहीं होगा. लोगों को मौजूदा व्यवस्था का समर्थन करना चाहिए.

इस्लामिक अमीरात के नेता ने अपने भाषण के एक हिस्से में अधिकारियों से सभी के बीच समान रूप से न्याय लागू करने के लिए कहा.

मौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा कंधार ग्रैंड मस्जिद में कहा कि अगर उनके आदेश शरिया पर आधारित नहीं हैं, तो उन्हें लागू नहीं किया जाना चाहिए.मेरा आदेश तब मान्य है जब यह शरिया के अनुसार है. यदि यह शरीयत के खिलाफ है, तो किसी को भी इसका पालन नहीं करना चाहिए. यदि यह शरीयत के खिलाफ नहीं है, तो यह अमीर की आज्ञाकारिता नहीं है, बल्कि अल्लाह की आज्ञाकारिता है.

इससे पहले, इस्लामिक अमीरात के नेता ने ईद के लिए एक संदेश में इस्लामी कानून के ढांचे के भीतर अन्य इस्लामी देशों और दुनिया के साथ अच्छी बातचीत करने का आह्वान किया था.ईद के पहले के एक संदेश में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है और अन्य देशों को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.