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अंधेरे में महरौली की मस्जिद, मदरसा ध्वस्त, कुरान, जरूरी सामान भी जमींदोज

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली के महरौली से मुसलमानों को झटका देने वाली एक बड़ी खबर है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि अंधेरे में महरौली की एक सात सौ साल पुरानी एक मस्जिद और उसमें चलने वाले मदरसे पर बुलडोजर चलाने के बाद उस पर मिट्टी डालकर बराबर कर दिया गया.

इस वायरल वीडियो पर अब तक दिल्ली प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वीडियो में दावा किया गया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए और दिल्ली पुलिस की टीम ने बुधवार सुबह तीन और चार बजे के बीच महरौली की एक 700 साल पुरानी मस्जिद और उसमें चलने वाले मदरसे को बुल्डोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया. डीडीए की यह कार्रवाई तकरीबन चार से पांच घंटे चली.

एक अन्य वायरल वीडियो में एक पत्रकार दावा करता दिख रहा है कि डीडीए की इस कार्रवाई को कवर करने गए मीडिया कर्मियों को एक किलोमीटर दूर की रोक दिया गया. उन्हें तब तक मौके पर जाने की इजाजत नहीं मिली, जबकि मस्जिद-मदरसे के मलबे को उठाकर कहीं और स्थानांतरित कर वहां मिट्टी डालकर जमीन समतल नहीं कर दिया गया.

द मुस्लिम नामक एक्स हैंडल पर एक शख्स का वीडियो साझा किया गया है. इस वीडियो में नजर आने वाला शख्स खुद को मस्जिद का इमाम बताता है. उन्होंने अपना नाम जाकिर हुसैन बताया. साथ ही वह घटना का पूरा विवरण देते नजर आ रहे हैं.

उनके मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से वह मस्जिद में बतौर इमाम तैनात थे. मदरसे में 22 बच्चे रह रहे थे. मस्जिद-मदरसा जमींदोज किए जाने के बाद बच्चों को दूसरे मदरसा में स्थानांतरित कर दिया गया है.

इमाम जाकिर हुसैन के अनुसार, इससे पहले डीडीए की ओर से मस्जिद-मदरसे को कोई नोटिस नहीं मिला था. इसके बावजूद बुधवार अहले सुबह तीन-चार बजे डीडीए की टीम दिल्ली पुलिस के दल के साथ आ धमकी. उन्हें तुरंत जगह खाली करने को कहा. उसके बाद उन्हें उस जगह ले जाकर छोड़ दिया गया जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी.

इमाम के अनुसार, उन्हें मस्जिद से कुरान और वहां के जरूरी सामान तथा मदरसे से बच्चों के कपड़े, बर्तन, पैसे निकालने तक की मुहलत नहीं दी गई. मस्जिद, मदरसे के साथ सारे सामान को मलबे में तब्दील कर दिया गया.

एक सोशल मीडिया चैनल ने दावा किया है कि दिल्ली में इस तरह की कार्रवाई प्रशासन की ओर से लगातार हो रही है. दस्ता चोरों की तरह रात के अंधेरे में आकर मस्जिद, मदरसे और दरगाहें तोड़ जाता है. ऐसी घटनाओं को लेकर दिल्ली के मुसलमानों का गुस्सा बढ़ रहा है. दावा किया गया है कि ऐसी घटनाएं दिल्ली को नए विवाद में धकेल सकती है. सीसीए आंदोलन को लेकर दिल्ली पहले ही कई महीने तक कई तरह की परेशानियां देख चुकी है. ताजे मामले में अब तक मुस्लिम संगठनों की भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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