पहलगाम हमले पर मोदी सरकार सवालों के घेरे में, जनता बोली—जवाब चाहिए, बहाने नहीं
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो | नई दिल्ली
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार चौतरफा दबाव में है। हमले में 27 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है, लेकिन इस त्रासदी के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लोग महज ‘आईवॉश’ यानी दिखावटी कार्रवाई मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना की बाढ़ आ गई है और लोग पूछ रहे हैं — “इतनी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हमलावर कैसे बच निकले?”
पहलगाम आतंकी हमले में जान गँवाने वाले शैलेश की पत्नी शीतल को सुनिए…
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) April 24, 2025
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🔴 सोशल मीडिया पर उमड़ा सवालों का सैलाब: खुफिया एजेंसियां और सेना पर उठे गंभीर प्रश्न
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे सैकड़ों वीडियो और पोस्ट में आम नागरिक सवाल उठा रहे हैं:
- चार-पांच आतंकी इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर कैसे बिना पकड़े भाग निकले?
- रेकी, हथियार पहुंचाना, नेटवर्क तैयार करना — इतनी तैयारियों की भनक भी खुफिया एजेंसियों को क्यों नहीं लगी?
- सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आखिर कर क्या रही थीं?
- अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? न कोई निलंबन, न इस्तीफा!
- क्या इतने बड़े हादसे की जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए?
क्या छप्पन इंच की छाती और लाल आँखों वाले प्रधानमंत्री सवालों से परे हैं… pic.twitter.com/cZzEdzuCKF
— Dinesh Chauhan (@dinesh_chauhan) April 23, 2025
⚫ सरकार की प्रतिक्रियाओं को लेकर असंतोष: ‘आईवॉश’ करार दे रही है जनता
पहलगाम की इस हृदयविदारक घटना के बाद केंद्र सरकार ने कई कड़े फैसलों की घोषणा की:
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
- दरगाहों की जियारत व इलाज के लिए आने वालों पर रोक
- वाघा बॉर्डर पर आवाजाही बंद
- सिंधु जल संधि को निलंबित करने की चेतावनी
क्या अपने बाप से पूछा जो मुझसे पूछ रहे हो?#PahalgamTerroristAttack#पहलगाम_आतंकी_हमला pic.twitter.com/TFrgSo3L1H
— Priyanka Singh (@PriyankaSinghVP) April 23, 2025
लेकिन इन फैसलों को लेकर आम जनता का कहना है कि यह सिर्फ प्रतीकात्मक कार्रवाई है, जिनका न तो घटना से सीधा संबंध है और न ही इससे आतंकवाद पर कोई ठोस असर होगा। जनता चाहती है जवाबदेही, कार्रवाई, और सुरक्षा में चूक की गहन जांच।
🛩️ भारतीय वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन: राफेल और मेटियोर के साथ युद्धाभ्यास शुरू
BJP के लोग इस समय फ़ायदा उठाने में लगे हैं।
— 4PM News Network (@4pmnews_network) April 24, 2025
लेकिन ये संकट का समय है।
संजय शर्मा सरकार के साथ हैं।
अभय दुबे सरकार के साथ हैं।
लेकिन हम सवाल पूछना बंद नहीं करेंगे।
ताकि ये गलती सरकार आगे ना करे।
सरकार को मानना होगा , उससे बहुत बड़ी चूक हुई है। pic.twitter.com/gbu1t2IZea
सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच अब रक्षा प्रतिष्ठान हरकत में आया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने मध्य क्षेत्र में एक बड़े स्तर का युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है, जिसमें शामिल हैं:
- राफेल लड़ाकू विमानों के दो स्क्वाड्रन (अंबाला और हाशिमारा से)
- मेटियोर, रैम्पेज और रॉक्स जैसी आधुनिक मिसाइलों की तैनाती
- जमीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशन की गहन तैयारी
- पूर्वी और पर्वतीय क्षेत्रों में विभिन्न एयरबेसों से एयरफोर्स की तैनाती
रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के साथ-साथ एक स्पष्ट संदेश भी है — भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह से आप अगर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल पूछोगे तो यह आपको आतंकी घोषित कर देंगे !
— Sandeep Singh (@ActivistSandeep) April 23, 2025
इन्हें भारतीयों की मौत का दुख नहीं है मोदी शाह की चिंता है …
यह वीडियो सुनो इसे शेयर करो ताकि और पहलगाम ना हो सके !#PahalgamTerroristAttacks #pehalgamattack pic.twitter.com/FblYcludCG
📍 पुलवामा से पहलगाम तक: 2019 की रणनीति की वापसी?
विश्लेषकों का कहना है कि यह अभ्यास 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद की रणनीति की पुनरावृत्ति जैसा है, जब भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था। फर्क इतना है कि अब भारत के पास:
- राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान
- एस-400 वायु रक्षा प्रणाली
- उन्नत टारगेटिंग और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता
इससे भारत को दक्षिण एशिया में सामरिक बढ़त मिलने का दावा किया जा रहा है।
सुनिए हमारे गुजरात की इस हिन्दू बहन को। pic.twitter.com/rAXWSZAHCV
— Davinder Pal Singh 幸王 دیویندر سنگھ ਦਵਿੰਦਰ ਪਾਲ ਸਿੰ (@dpsingh1313) April 24, 2025
🧭 जनता की मांग: सियासी बयानबाजी नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए
पहलगाम जैसी घटनाओं के बाद देश में भावनात्मक लहरें उठना स्वाभाविक हैं, लेकिन इस बार जनता सिर्फ बयानबाजी और कूटनीतिक पाबंदियों से संतुष्ट नहीं है। लोग सीधे सवाल पूछ रहे हैं, जिम्मेदार लोगों की जबाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं।
सरकार के लिए यह केवल एक राष्ट्रीय सुरक्षा संकट नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक जवाबदेही की अग्निपरीक्षा बन गया है। क्या मोदी सरकार इस चुनौती से निपटने में सफल होगी, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।