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अंतरिम अफगान सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों का मोदी सरकार का दावा झूठा: पाकिस्तानी मीडिया

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी इस्लामिक देश मिस्र के दो दिवसीस दौरे पर हैं. इससे बौखलाए पड़ोसी देश पाकिस्तान की मीडिया ने भारत पर अफगानिस्तान के प्रति वादाखिलाफी को लेकर कई संगीन आरोप लगाए हंै. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार,भारत की मोदी सरकार का अंतरिम अफगान सरकार के साथ अच्छे संबंधों का दावा झूठ निकला.

पाकिस्तान मीडिया कहना है कि मोदी सरकार अभी भी अशरफ गनी के दौर के राजदूत फरीद मामोंदजई को अफगान दूतावास में रखे हुए है, जिनके प्रबंधन में अफगान दूतावास में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.आरोपों में व्यावसायिक भवनों को अवैध रूप से पट्टे पर देना, सब्सिडी वाले गेहूं की आपूर्ति और व्यावसायिक गतिविधियों में लूट शामिल है.

पाकिस्तान मीडिया का दवा है कि इस भ्रष्टाचार की शिकायत भारत में रहने वाले अफगानियों द्वारा लिखित रूप से भी की गई है.पाकिस्तान के प्रमुख अखबार जंग की न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के अनुसार, भारत में पढ़ रहे अफगानी छात्रों को वीजा दिलाने और बढ़ाने में रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप भी हैं.

भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण, अंतरिम अफगान सरकार ने वर्तमान राजदूत के इस्तीफे का आदेश दिया और अफगान दूतावास के वाणिज्यिक सलाहकार कादिर शाह को अफगानिस्तान के प्रभारी डी-एफेयर के रूप में नियुक्त करने का आदेश भी जारी किया.

इस संबंध में, मोदी सरकार कई हफ्तों से नव नियुक्त अफगान प्रभारी डी-एफेयर को राजनयिक प्रमाण प्रस्तुत करने की अनुमति देने से इनकार कर रही है.जानकारों के मुताबिक, परिचय पत्र पेश करने की इजाजत नहीं देना राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.

इसके अलावा अंतरिम अफगान सरकार के विरोधियों जैसे यूनिस क्यूनी और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ मोदी सरकार के गुप्त संपर्कों का भी खुलासा हुआ है.जंग ने दावा किया है कि पुष्ट रिपोर्टों के अनुसार, यूनुस कुनी के नेतृत्व में अफगान तालिबान विद्रोहियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में भारत की गुप्त यात्रा भी की है.

सूत्रों के मुताबिक, भारत फिलहाल अफगानिस्तान के पूर्व मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के संपर्क में है.इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सरकार का विद्रोहियों को समर्थन अंतरिम अफगान सरकार को अस्थिर करने के बराबर है.