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MANUU में मुकर्रम जाह मेमोरियल व्याख्यान,हैदराबाद प्रेम की संस्कृति की पहचान हैः ऐजाज फारुख

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हैदराबाद

हैदराबाद संस्कृति की कहानी है. यह ऐतिहासिक शहर भले ही कश्मीर जितना खूबसूरत नही, लेकिन यह प्रेम और आवास की एक प्रभावशाली संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है. इस शहर ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद देश के कोने-कोने से आए लोगों को अपने आगोश में ले लिया. यही कारण है कि हैदराबाद विभिन्न परंपराओं और भाषाओं का मिश्रण बिंदु बन गया. यह कहना है प्रख्यात इतिहासकार और विद्वान अल्लम ऐजाज फारुख का. वह मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (एमएएनयूयू) में मुकर्रम जाह स्मारक व्याख्यान के उद्घाटन के मौके पर अपने विचार रख रहे थे. कार्यक्रम कीे अध्यक्षता कुलपति प्रो सैयद ऐनुल हसन ने की.

सेंटर फॉर उर्दू कल्चर स्टडीज (सीयूसीएस) ने आईएमसी प्रीव्यू थिएटर में व्याख्यान का आयोजन किया था. इस मौके पर श्री फारुख ने छठे और सातवें निजाम के शासन के दौरान की गई उपलब्धियों और जन कल्याण उपायों के बारे में विस्तार से बताया.प्रो ऐनुल हसन ने इसकी दक्कनी भाषा और कविता के विशेष संदर्भ में बहुलवादी हैदराबादी संस्कृति की भी प्रशंसा की.

मुख्य अतिथि शाहिद हुसैन जुबेरी ने दिवंगत मुकर्रम जाह बहादुर के साथ अपनी यादें साझा कीं. इनका हाल ही में निधन हुआ है. परोपकारी इंदिरा देवी धनराजगीर ने भी ऑनलाइन बात की और व्याख्यान के आयोजन के प्रयासों की सराहना की. भाषा विद्यालय की डीन प्रो अजीज बानो ने स्वागत भाषण दिया. सीयूसीएस के निदेशक प्रो शाहिद नौखेज कार्यक्रम के संयोजक थे.इस अवसर पर उनकी दो पुस्तकों के साथ केंद्र द्वारा प्रकाशित संदर्भित पत्रिका अदब-ओ-सकाफत का नवीनतम अंक भी जारी किया गया.सीयूसीएस के उप निदेशक डा. अहमद खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया.