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जामिया और एएमयू में योग की नई चेतना: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के बहाने स्वस्थ जीवनशैली पर जोर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली/अलीगढ़

देश की प्रमुख अल्पसंख्यक केंद्रीय विश्वविद्यालयों—जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू)—में इन दिनों स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण को लेकर गंभीर पहल की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में इन विश्वविद्यालयों ने योग के माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को एक नई जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: 25 दिवसीय योग कार्यशाला की शुरुआत

एएमयू के शारीरिक शिक्षा विभाग ने 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर 25 दिवसीय योग कार्यशाला की शुरुआत की। यह पहल भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य मुहिम का हिस्सा है।

इस कार्यशाला के संयोजक प्रो. ज़मीरउल्लाह खान, नोडल अधिकारी प्रो. सैयद तारिक मुर्तजा और सचिव डॉ. नौशाद वहीद अंसारी हैं। उद्घाटन समारोह में सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन और शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. इकराम हुसैन ने कहा:

“योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक समग्र जीवन दर्शन है। आज के तनावपूर्ण युग में योग ही आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन का सहज मार्ग है।”

कार्यशाला के पहले दिन 53 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और योग प्रशिक्षक धर्मेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में निवारक स्वास्थ्य सेवाओं पर आधारित योग सत्र में भाग लिया। प्रो. ज़मीरउल्लाह खान ने प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और आशा जताई कि अगले दिनों में और अधिक छात्र इसमें जुड़ेंगे।


जामिया मिल्लिया इस्लामिया: ‘जामिया योग प्रेरणा’ पहल के तहत विविध योग सत्र

जामिया में संस्कृत विभाग की अगुआई में ‘जामिया योग प्रेरणा’ नामक पहल शुरू की गई है। यह कार्यक्रम न सिर्फ योग को प्रचारित कर रहा है, बल्कि लिंग आधारित स्वास्थ्य चिंताओं, मानसिक तनाव और आत्म-नियंत्रण पर विशेष ध्यान दे रहा है।

एमएमए जौहर हॉल (17 मई 2025)

यहाँ ‘शक्ति, सहनशक्ति और आत्म-नियंत्रण के लिए योग’ विषय पर योग सत्र आयोजित किया गया। शोधार्थी और प्रशिक्षक इमरान खान ने छात्रों को आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से मानसिक स्पष्टता और शारीरिक स्फूर्ति का अनुभव कराया। इस सत्र में डॉ. जय प्रकाश नारायण, डॉ. वसीम अकरम (वार्डन) और मोहम्मद रफी की सक्रिय भूमिका रही।

बीएचएम गर्ल्स हॉस्टल (24 मई 2025)

इस दिन महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित सत्र “पीसीओडी और पीसीओएस: महिलाओं के लिए योग” आयोजित किया गया। डॉ. संगीता शर्मा ने पीसीओडी/पीसीओएस की समस्याओं पर यौगिक समाधान बताए। इस सत्र में प्रो. नीलोफर अफजल और डॉ. जय प्रकाश नारायण की देखरेख में छात्राओं की उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई।

ओल्ड गर्ल्स हॉस्टल (25 मई 2025)

इसी क्रम में 25 मई को कैंपस-ए के ओल्ड गर्ल्स हॉस्टल में भी एक विशेष सत्र आयोजित किया गया जिसमें योग प्रशिक्षक इमरान खान और डॉ. संगीता शर्मा के नेतृत्व में छात्राओं को आत्म-देखभाल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ की जानकारी दी गई।


समग्र निष्कर्ष:

जामिया और एएमयू दोनों ही विश्वविद्यालयों में योग अब महज़ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सतत स्वास्थ्य आंदोलन का रूप ले चुका है। छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और भागीदारी बढ़ रही है। आयुष मंत्रालय की प्रेरणा से यह पहल न केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की दिशा में योगदान दे रही है, बल्कि विश्वविद्यालय परिसरों में मनन, संतुलन और सशक्तिकरण की संस्कृति भी स्थापित कर रही है।

यह साफ है कि योग दिवस के बहाने विश्वविद्यालयों में एक ऐसी स्थायी स्वास्थ्य संस्कृति की नींव रखी जा रही है, जो आने वाले वर्षों में भी फलदायी साबित होगी।

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