नूंह हिंसा: क्या इमाम के हत्यारों, मस्जिदों के हमलावरों और मुसलमानों की दुकानों में लूटपाट करने वालों के मकान ध्वस्त किए जाएंगे ?
मुस्लिम नाउ ब्यूरो खास
हरियाणा के मेवात इलाके में विश्वास का संकट पैदा हो गया है. विश्वास का यह संकट कोई एकतरफ या दोतरफा नहीं है. कई तरफ से संकट खड़ा हुआ है. परिणाम स्वरूप एक धार्मिक जुलूस के बहाने कई गाड़ियां जला दी गईं. दुकानों लूट ली गईं. इमाम की हत्या कर दी गई. घटना मंे कुल छह लोग मारे गए. झुग्गियों में रह रहे मुसलमानों के साथ मारपीट की गई.
Haryana: Bulldozer Demolition Continues In Mewat's Nuh!!!
— Muslim Spaces (@MuslimSpaces) August 4, 2023
'Illegal' houses of Muslim accused & suspects of #NuhViolence were demolished in Nuh's Nalhar, near temple where 2500 pilgrims took shelter!
Earlier houses of 250 Muslim accused of violence were bulldozed in Nuh's Tauru! https://t.co/MXS8Ulw106 pic.twitter.com/6HZLrjo5yw
इस मामले में चाहिए यह था कि सभी आरोपियों पर समान रूप से कार्रवाई होती. मगर प्रशासन और कुछ खास संगठन की ओर से केवल नूंह की घटना को ही बड़ा बताया जा रहा है. गुरूग्राम के सेक्टर 57 की मस्जिद के इमाम की हत्या, कई मस्जिदों पर हमले, मुसलमानों की दुकानों से लाखों रूपये का सामान लूटने को खास अहमियत नहीं दी जा रही है. यही वजह है कि नूंह में करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया. नूंह के एसपी का तबादला कर दिया गया. मगर गुरूग्राम या पलवल के किसी अधिकारी के खिलाफ अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. नूंह के अनुपात में गुरूग्राम, फरीदाबाद और पलवल जिले की घटना में गिरफ्तारियां भी बेहद कम हुई हैं.
Mocked as “Khatara" by Raita Wingers…#Haryana CM
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) August 4, 2023
.@mlkhattar has proved how RSS instills Patience with Grit in it's
स्वयंसेवक!
Quick actions after #NuhViolence :
🔸Centre deployed huge paramilitary forces to ensure no repeat of Vi0£ence
🔸Massive arrests of PeaceFOOLs… pic.twitter.com/yNTBCNXvXf
अब नूंह जिले में धार्मिक जुलूस के पथराव के नाम पर करीब 200 झुग्गियां और मकान ढहा दिए गए. आरोप लगाया किया कि ये कथित तौर पर हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई हिंसक झड़प में शामिल थे. पिछले चार वर्षों में, नूंह के तावडू़ इलाके में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की जमीन पर बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासियों ने झुग्गियां बनाई थीं.
नूंह हिंसा के बाद गुरुवार को भारी पुलिस दल के साथ जिला अधिकारियों द्वारा विध्वंस अभियान चलाया गया. हिंसा की जांच करते समय, पुलिस ने पाया कि अधिकांश प्रदर्शनकारियों ने तावड़ू और उसके आसपास पथराव किया था और दुकानों, पुलिस और आम लोगों को निशाना बनाया था.
सीसीटीवी फुटेज और वीडियो का विश्लेषण करने पर, पुलिस ने उन घरों की पहचान की, जहां से नूंह हिंसा के बाद सबसे ज्यादा पथराव किया गया था. सूत्रों ने कहा कि नूंह में 50 से अधिक स्थानों पर इसी तरह का विध्वंस अभियान चलाया जाएगा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, संबंधित एजेंसियों द्वारा विध्वंस किया गया और हमने पुलिस सहायता प्रदान की. एसपी नूंह नरेंद्र बिरजानिया ने कहा, ये संरचनाएं अवैध थीं. हम किसी को भी कानून-व्यवस्था में बाधा डालने की इजाजत नहीं दे सकते. नूंह हिंसा में शामिल लोगों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा.
नूंह हिंसा के सिलसिले में पुलिस की ओर से मेवली, शिकारपुर, जलालपुर और शिंगार गांवों में भी कॉम्बिंग अभियान चलाया गया. 31 जुलाई को विहिप द्वारा आयोजित बृज मंडल यात्रा पर हमला होने और वाहनों को आग लगाने के बाद दंगे भड़क उठे. नूंह में अब तक 55 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 141 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गुरुवार को नूंह और गुरुग्राम में स्थिति शांत रही.
लोकेशन–नूह,हरियाणा
— The Muslim (@TheMuslim786) August 4, 2023
बेगुनाह मुस्लिम युवकों को पुलिस ने लिया हिरासत मैं ऐसा मुस्लिम युवकों का आरोप।
आरोप हे पुलिस ने किसी को सड़क,घर और किसी को सोते हुए उठा के ले गई वही इन युवकों को कोर्ट मैं पेश किया गया जिन्हे 2 दिन पुलिस की रिमांड के लिए भेजा गया है।
#NuhViolence #Haryana pic.twitter.com/Mj3HfVHQJ7
सवाल उठता है कि ऐसी कार्रवाई अब तक गुरूग्राम, बादशाहपुर, सोहना, होडल, फरीदाबाद के आरोपियों के खिलाफ क्यों नहीं की गई. बिट्टू बजरंगी और सोनू मानेसर के मकान अब तक क्यों सही-सलामत हैं ? प्रशासन एक बार उनकी संपत्तियों की भी जांच कर ले. क्या पता उनके मकान भी अवैध तरीके से बने हों. सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की समीक्षा में यह साबित हो चुका है कि यदि बजरंगी और मानू के भड़काव बयान सोशल मीडिया पर नहीं आए होते तो इतना बड़ा बवाल नहीं होता. गुरूग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने कहा है कि धार्मिक जुलूस में हथियार लेकर चलना गलत था.
Over 150 migrant families from Assam & West Bengal (all rag pickers) grieve losing their homes on Tauru-Mohammadpur rd to govt's "bulldozer justice" citing their youths' involvement in stone pelting during #NuhViolence
— Ankita Anand (@ankita_das_) August 4, 2023
Yet, all they seek is help.
Our photojourno: @vinayclick pic.twitter.com/TTvxhtgaua
एक वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में कुछ हिंदूवादियों को फायरिंग करते सोशल मीडिया पर वीडियो चल रहा है. क्या पुलिस प्रशासन या संबंधित एजेंसियों ने उनकी संपत्ति कुर्क की ? एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि बिना अदालती फैसले के मकान-दुकान ढहाने की प्रशासन की कार्रवाई कितनी उचित है ? ऐसे कई मामले में अदालतों की प्रशासन को झिड़की मिल चुकी है. फिर आदतली आदेशों की अवमानना क्यों ? इस लिए लेख के पहले हिस्से में कहा गया कि दरअसल, नूंह संकट विश्वास का संकट है, जिसे प्रशासन जाने-अजाने और आगे बढ़ा रहा है.