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हमास के हमलों के एक साल बाद, क्या गाजा युद्ध का कोई समाधान है?

मुस्लिम नाउ विशेष

7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए अभूतपूर्व हमले से शुरू हुए गाजा युद्ध ने एक साल बाद भी मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में गहरे राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक प्रभाव छोड़े हैं. इस हमले में हमास ने लगभग 1,200 लोगों की हत्या की और 251 लोगों को बंधक बना लिया, जिनमें से 97 लोग अब भी बंधक हैं.

माना जाता है कि इनमें से एक तिहाई लोग अब जीवित नहीं हैं. इस हमले ने इज़राइल को दशकों में सबसे कठोर जवाबी कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, जिसमें इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने हमास की क्षमताओं को खत्म करने के लिए हवाई हमले और ज़मीनी आक्रमण शुरू किए, जो आज भी जारी हैं.

गाजा पट्टी, जो 2007 से हमास के शासन में है. इज़राइल की नाकाबंदी के तहत है, ने इस युद्ध के दौरान व्यापक तबाही झेली है. इसके बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचा है. हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक लगभग 41,000 लोग मारे जा चुके हैं.

गाजा में मानवीय स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है. यहाँ के लोग भोजन की भारी कमी, बीमारियों के फैलने और 1.9 मिलियन लोगों के विस्थापित होने की चुनौती का सामना कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र में इस संघर्ष को शांत करने के लिए किए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रयास अब तक विफल रहे हैं. इस बीच, इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री गैलेंट और हमास प्रमुख याह्या सिनवार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग को लेकर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के फैसले पर इज़राइल में आक्रोश और हमास द्वारा उपहास किया गया है.

नवंबर 2023 में, अमेरिका, कतर और मिस्र ने एक अस्थायी युद्धविराम हासिल कर कुछ बंधकों को छुड़ाने में सफलता पाई थी, लेकिन इसके बाद से संघर्ष फिर से बढ़ गया है. यह क्षेत्र अनिश्चितता की स्थिति में है. बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय युद्ध की संभावना भी बढ़ रही है.

अक्टूबर की शुरुआत में, ईरान द्वारा लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने के बाद इज़राइल और ईरान के बीच सीधे संघर्ष की संभावना बढ़ गई है. इससे पहले, अप्रैल 2023 में ईरान ने 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए थे. वहीं, यमन के हूथी विद्रोही लगातार इज़राइल पर मिसाइल हमले कर रहे हैं और लाल सागर तथा बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य में पश्चिमी शिपिंग लाइनों को निशाना बना रहे हैं.
इज़राइल-लेबनान सीमा पर भी रोज़ाना झड़पें हो रही हैं, जिसके चलते पिछले साल दोनों देशों में दर्जनों लोग मारे गए. हाल के इज़राइली हमलों ने लेबनान में हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह की हत्या की आशंका बढ़ा दी है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापक युद्ध की संभावना तेज हो गई है. इज़राइली रक्षा बलों ने दक्षिणी लेबनान पर ज़मीनी आक्रमण भी किया है.

गाजा युद्ध का एक साल बाद भी समाधान नहीं हो पाया है और पूरे क्षेत्र में संघर्ष का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मानवीय स्थिति बेहद विकट है. इसके साथ ही, सऊदी अरब और इज़राइल के बीच सामान्यीकरण की संभावना, अब्राहम समझौते का भविष्य, और क्षेत्रीय युद्ध के खतरों पर अटलांटिक काउंसिल के विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं.

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