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ओवैसी ने अमेरिका में देश के मुसलमानों पर दिए गए सीतारमण के बयान की उड़ाई धज्जियां

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, हैदराबाद

एआईएमआईए प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भारत में मुसलमानों की स्थिति की तुलना पड़ोसी देश पाकिस्तान के मुसलमानों से करने के लिए खींचाई की है. उन्हांेने तंज करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमान संघ परिवार की संविधान विरोधी विचारधारा के बावजूद फल-फूल रहे हैं.

ओवैसी अमेरिका के दौरे के क्रम में वाशिंगटन डीसी में पीटरसन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के एडम पोसेन के साथ बातचीत में इस विषय पर वित्त मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

ओवैसी ने सीतारमण पर तंज करते हुए कहा कि मुसलमान कब तक पाकिस्तान से जुड़े रहेंगे? हम न पाकिस्तान के बंधक हैं और न ही शुभचिंतक. हम देश के नागरिक हैं. हम गरिमा और न्याय के साथ व्यवहार करना जानते हैं. यदि हिंदुओं का एक वर्ग बेहतर जीवन स्तर की मांग करता है, तो क्या आप उन्हें चुप रहने के लिए कहेंगे क्योंकि सोमालिया में अधिकांश लोग बदतर स्थिति में हैं?”

सीतारमण की इस टिप्पणी पर कि भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है, और यह कि अल्पसंख्यक न केवल तेजी से बढ़ रहे हैं, बल्कि देश में अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है, हैदराबाद के सांसद ने कहा कि आबादी बढ़ती या घटती है, यह  किसी सरकार के परोपकार या पुरुषत्व नहीं.

उन्होंने कहा कि मान लें कि सरकार की भूमिका है, तो  जनगणना में भारत में मुस्लिम आबादी की वृद्धि में गिरावट दिखाई दे रही है. क्या इसका मतलब यह होगा कि सरकार द्रोही है?” ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके पास लोकसभा में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है. यह हानिकारक है, लेकिन भाजपा इसे सम्मान के तौर पर देखती है.

ओवैसी ने देश में विभिन्न स्थानों पर आयोजित धर्म संसदों पर भी बात की, जहां नफरत फैलाने वाले भाषण और मुसलमानों के खिलाफ अपराध के आह्वान किए गए.

ओवैसी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करते हैं और लोगों से हथियार रखने के लिए कहते हैं. सिर्फ एक राज्य महाराष्ट्र में ही 50 मुस्लिम विरोधी नफरत रैलियां हुईं. जब मुसलमान लिंचिंग और हिंसा का सामना करते हैं तो राज्य सरकारें दूर से देखती रहती हैं. मुसलमानों को बुलडोजर और सरकार के झूठे कारावास का सामना करना पड़ रहा है.

ओवैसी ने वित्त मंत्री के अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करने वाली टिप्पणी को क्रूर मजाक बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र ने मौलाना आजाद फेलोशिप को रोक दिया है और गरीब अल्पसंख्यकों के लिए प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित कर दिया है.

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के बजट में 40 प्रतिशत की कमी की गई है. कर्नाटक में सत्तारूढ़ बीजेपी ने हिजाब के विरोध में अभियान चलाया है. शिक्षा और रोजगार में गरीब मुसलमानों के आरक्षण को हटा खत्म कर दिया. सरकार की नीतियों के कारण मुसलमानों के व्यवसायों को निशाना बनाया जा रहा है.

सीतारमण के कानून व्यवस्था राज्य का मुद्दा है, वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों ने बीजेपी शासित राज्यों में सबसे खराब हिंसा और भेदभाव का सामना किया है. उन्होंने कहा, गैर-बीजेपी राज्यों में, हिंसा के मुख्य दोषी सभी संघ परिवार के सहयोगी हैं.
असम में मुसलमानों को अतिक्रमण के नाम पर बड़े पैमाने पर विस्थापन का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि राजधानी  में भी मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार के नारे लगाए गए हैं. बिहार से लेकर गुजरात तक मुसलमानों ने भयानक आगजनी और हिंसा का सामना किया है. यह कोई मामूली कानून-व्यवस्था का मसला नहीं है.

उन्होंने कहा कि तेलंगाना में राशन की दुकान पर मोदी की तस्वीर की मांग की गई. मुस्लिम विरोधी हिंसा निश्चित रूप से मोदी की तस्वीर की तुलना में आपका अधिक ध्यान देने योग्य है.

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती को किसने बनाया मुसलमानों का ठेकेदार

ऑल इंडिया सूफी सज्जादनाशीन काउंसिल के चैयरमैन सैयद नसीरूद्दीन हमेशा मान न मान मैं तेरा मेहमान वाली स्थिति में रहते हैं. अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भारतीय मुसलमान को लेकर की गई टिप्पणी पर अधिकांश मुस्लिम असहमत दिख रहे हैं. ओवैसी ने इस बयान जमकर बखिया उधेड़ी है. ऐसे में देश के मुसलमानों की नुमाइंदगी करते हुए चिश्ती सीतारमण की वकालत में आ गए हैं. हालांकि देश का अधिकांश मुसलमान न तो उन्हें जानता है और न पहचानता है. बावजूद इसके मौका-बेमौका नसीरूद्दीन बयान देकर ऐसा जता हैं जैसे देश के मुसलमानों के वही नुमाइंदे हैं. अब उन्हांेने

अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान का समर्थन किया है कि भारतीय मुसलमान विकसित हो रहे हैं और भारत में उनकी आबादी बढ़ रही है.वाशिंगटन डीसी में पीटरसन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि भारतीय मुसलमान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी हैं. वे विकास कर रहे हैं. अपना खुद का व्यवसाय कर रहे हैं और उनके बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. उन्हें इसके लिए छात्रवृत्ति उपलब्ध है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और वंशानुगत सज्जादा नशीन ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने भारत के सभी मुसलमानों के विचारों को प्रतिबिंबित किया.उन्होंने कहा कि कई देशों में हाल की घटनाओं ने व्यावहारिक रूप से दिखाया है कि भारत के मुसलमान दुनिया के सभी गैर-अरब देशों की तुलना में काफी बेहतर हैं.

नसीरुद्दीन चिश्ती ने इसे लेकर ट्वीट भी किया. हालांकि चिश्ती के सोशल मीडिया हैंडल पर आपको एक भी ऐसी टिप्पणी नहीं मिलेगी, जिसमें देश के मुसलमानों पर हो रही ज्यादतियां पर कोई नरम-गरम टिप्पणी आई हो.बावजूद सरकार समर्थन में उनके बयान नेताओं से पहले आते हैं.