इजरायली हमलों से विस्थापित फिलिस्तीनी रमजान में अपना पसंददीदा व्यवंजन कभी नहीं छोड़ते
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, गाजा शहर
इजरायली हमलों से फिलिस्तीनियों के हौंसले कभी पस्त नहीं होते. यहां तक कि रमजान में भी नहीं.
इस रमजान में भी उनका जोश और हौसला देखते बनता है.निरंतर अशांति और विस्थापन के शिकार होने के बावजूद विभिन्न फिलिस्तीनी शहरों के शरणार्थी इस रमजान में भी अपने प्रसिद्ध व्यंजन एक दूसरे के साथ साझा करने में पीछे नहीं हैं. फिलिस्तीनियों का राष्ट्रीय व्यंजन मकलूबा सभी को पसंद. मोलोखिया, सुमाघियाह, फतेह, अकूब, जेरीशेह, मुसाखान और मक्लूबा यह उनके कुछ पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजन हैं.
फिलिस्तीन का हर शहर एक खास तरह के भोजन के लिए प्रसिद्ध है, जो अक्सर रमजान के दौरान अमीर परिवारों और यहां तक कि कम आय वाले परिवारों के बीच तैयार करते देखा जा सकता है. यह आमतौर पर रमजान को छोड़कर वर्ष के दौरान शायद ही कभी परोसा जाता है.
गाजा शहर गजान फतेह के लिए प्रसिद्ध है. फतह दरअसल, मांस या चिकन सूप में डूबा हुआ ब्रेड होता है, जो सफेद चावल के साथ सबसे ऊपर रखा जाता है. फिर मांस या चिकन के टुकड़ों से उसे ढका दिया जाता है. इसे हरी मिर्च, नींबू और लहसुन से बने एक विशेष सॉस और मांस के सूप के साथ परोसा जाता है.
49 वर्षीय फातिमा समारा ने कहा, “फतेह हमारा पसंदीदा भोजन है. हम इसके बिना नहीं रह सकते. हम इसे कभी शुक्रवार को, रमजान में और ईद में पकाते हैं.”
दक्षिणी गाजा पट्टी के कुछ क्षेत्रों में, जैसे खान यूनिस शहर, मफतोल के लिए प्रसिद्ध है. मफतोल के लिए सामग्री हर क्षेत्र में भिन्न होती है, लेकिन इसे अक्सर चिकन और कभी-कभी मांस, और सब्जियों जैसे कद्दू, प्याज, टमाटर, गाजर और छोले के साथ परोसा जाता है. इसे गोश्त के शोरबे में पकाया जाता है.
कद्रिह हेब्रोन का एक पारंपरिक फिलिस्तीनी व्यंजन है. इसमें मांस (आमतौर पर भेड़ या चिकन) होता है जिसे छोले और चावल के साथ शोरबे में पकाया जाता है. इसमें जीरा, ऑलस्पाइस, इलायची, काली मिर्च और हल्दी जैसी सामग्री के साथ प्याज और लहसुन जैसी अन्य सामान्य सामग्री डाली जाती है. पकवान को आम तौर पर एक भारी तांबे या पीतल के बर्तन में तंदूर में पकाया जाता है. इसे दही की चटनी और ताजे टमाटर के सलाद के साथ परोसने की सलाह दी जाती है.
जमीला काफीशा ने कहा, ‘‘ कुछ क्षेत्रों में सबका अपना भोजन है, लेकिन कद्रिह वह भोजन है जिस पर हेब्रोन के सभी लोग असहमत नहीं हैं.‘‘
मकलूबा फिलिस्तीन का राष्ट्रीय व्यंजन है, लेकिन यह इराक, सीरिया और जॉर्डन में भी मिलता है. इस लेयर्ड वन-पॉट डिश के कई संस्करण हैं, लेकिन मूल सिद्धांत यह है कि परोसने से पहले इसे उल्टा कर दें, जो कि ‘‘मकलूबा‘‘ शब्द का अर्थ है. पकवान में चावल, सब्जियां जैसे गाजर, आलू, टमाटर, फूलगोभी, प्याज शामिल हैं. इसमें मसाले के तौर पर हल्दी और सुमेकय और चिकन या भेड़ के बच्चे का गोश्त इस्तेमाल किया जाता है. पकवान को केवल सब्जियों के साथ भी बनाया जा सकता है.मुख्य रूप से इसे स्तरित करना होता है. यानी में लेयर में पकाना होता है.
मुसाखान उत्तरी वेस्ट बैंक के शहरों, विशेष रूप से जेनिन में सबसे प्रसिद्ध भोजन में से एक है. इसमें भुना हुआ चिकन और कैरामेलिज्ड प्याज होते हैं, जिन्हें पाइन नट्स से सजाया जाता है और टैबून ब्रेड के ऊपर व्यवस्थित किया जाता है. इसे पहले जैतून के तेल में डुबोया जाता है. मुसाखान बनाते समय एक महत्वपूर्ण तत्व सुमेक है, एक मसाला जो प्याज में मिलाया जाता है, जो पकवान को तीखा, नींबू स्वाद प्रदान करता है.
अल-जलाजुन शिविर में एक घरेलू रेस्तरां के मालिक फिदा अबू हकीमा ने कहा, ‘‘शिविरों में लोग विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं, अपने मूल व्यंजन अपने साथ लाते हैं. इसलिए, कुछ परिवार रमजान के महीने की शुरुआत अंगूर के पत्तों और महशी से कर सकते हैं, कुछ मकलूबा के साथ, और अन्य लोग मौसम के ठंडा होने पर मफतौल से शुरू कर सकते हैं. ”
अबू हकीमा, जिसका परिवार 1948 के नकबा में रामले के पास अन्नाबा गांव से विस्थापित हुआ था, ने कहा कि उसके रिश्तेदार अपने साथ मफतूल लाए हैं, जबकि लोद क्षेत्र से उसके शरणार्थी पड़ोसी किश्का पकवान लाए हैं, जो कि बुलगुर के साथ सूखे दूध से बना होता है, और रोमानियाह, जो मसूर की दाल के साथ पके हुए अनार हैं.