रमजान में सहरी और इफ्तार के ऐलान के लिए लाउडस्पीकर की मिले अनुमति: मौलाना बरेलवी
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✍️ मुस्लिम नाउ ब्यूरो, बरेली
रमजान का पाक महीना शुरू होते ही रोज़ेदारों की सहूलियत को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने उत्तर प्रदेश सरकार से लाउडस्पीकर की अनुमति देने की अपील की है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि रमजान के दौरान सहरी और इफ्तार के ऐलान के लिए लाउडस्पीकर बेहद जरूरी है, ताकि लोग सही समय पर अपने रोज़े की शुरुआत और इफ्तार कर सकें।
हाईकोर्ट के आदेश और सरकार का रवैया
मौलाना बरेलवी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाउडस्पीकर हटाने का अभियान हाईकोर्ट के आदेश के तहत चलाया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश नया नहीं है बल्कि वर्षों पुराना है और समय-समय पर इसे लागू करने के लिए कार्रवाई की जाती रही है।
उन्होंने कहा:
“रमजान का महीना शुरू हो चुका है और इस दौरान सहरी और इफ्तार के वक्त ऐलान की जरूरत होती है। सुबह 4:30 से 5 बजे के बीच सहरी का समय होता है, जब लोगों की नींद गहरी होती है। ऐसे में, अगर लाउडस्पीकर से ऐलान न किया जाए, तो कई रोज़ेदार सहरी से वंचित रह सकते हैं। इसलिए, मैं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि रमजान के पाक महीने में सहरी और इफ्तार के वक्त लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए, ताकि रोज़ेदारों को सहूलियत मिल सके।”
‘लाउडस्पीकर को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए’
मौलाना बरेलवी ने यह भी कहा कि लाउडस्पीकर हटाने के मामले में कोई पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा:
“सरकार को सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। हाईकोर्ट का आदेश केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी समुदायों के लिए है। इसलिए, इसे निष्पक्ष रूप से लागू किया जाना चाहिए ताकि सरकार और प्रशासन पर जनता का विश्वास बना रहे।”
देशभर में रमजान की धूम, नेताओं ने दी बधाई
शनिवार शाम रमजान का चांद नजर आने के बाद रविवार से इस्लाम के सबसे पवित्र महीने रमजान 2025 की शुरुआत हो गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य राजनीतिक नेताओं ने देशवासियों को रमजान की बधाई दी।
रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है, जिसे सबसे पवित्र माना जाता है। इस दौरान मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास (रोज़ा) रखते हैं। रोज़े का उद्देश्य आत्मसंयम, आध्यात्मिकता और दूसरों की तकलीफों को समझने की भावना को बढ़ावा देना है।
रमजान के अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है, जिसे मुस्लिम समुदाय खुशी और भाईचारे का प्रतीक मानता है।
क्या सरकार लाउडस्पीकर पर पुनर्विचार करेगी?
अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार मौलाना बरेलवी की इस मांग पर क्या रुख अपनाती है?
- क्या सहरी और इफ्तार के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति मिलेगी?
- क्या सरकार इस मामले में धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कोई रियायत देगी?
रमजान के दौरान यह मुद्दा धार्मिक और प्रशासनिक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।