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पाक में राजनीतिक अस्थिरता बनी गंभीर चुनौती,चुनाव आयोग की इमरान को पीटीआई अध्यक्ष से हटाने की तैयारी

हमजा अमीर,इस्लामाबाद

पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता देश के भविष्य के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने संघीय सरकार पर समय पूर्व चुनाव की घोषणा करने के लिए दबाव बनाने के इरादे से दो प्रमुख प्रांतीय विधानसभाओं को भंग करने की घोषणा की थी.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और देश के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में इसका प्रमुख गठबंधन, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री परवेज इलाही कर रहे हैं, जो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के नेता भी हैं, लगातार परामर्श कर रहे हैं. खान की घोषणा को आगे बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार करें.

जबकि पीएमएल-क्यू नेता ने खुले तौर पर कहा है कि वह खान के फैसले का विरोध नहीं करेंगे और जब उन्हें कहा जाएगा तो 20 मिनट के भीतर पंजाब विधानसभा को भंग कर देंगे. उधर, पूर्व प्रधान मंत्री ने भी सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है और आशा जताई है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जल्द चुनाव कराने के एक सूत्रीय एजेंडे पर बातचीत करेंगे.

लेकिन सरकार ने खान की सशर्त बातचीत की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि पूर्व शर्तों पर कोई बातचीत नहीं हो सकती है.

आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने खान से बिना किसी पूर्व शर्त के सरकार के साथ वार्ता करने या पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभाओं को भंग करने का आह्वान किया.

उन्होंने इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा इमरान खान के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है. अगर वह सोचते हैं कि पंजाब और केपी विधानसभाओं को भंग करके वह देश में आम चुनाव कराने के लिए संघीय सरकार पर दबाव डाल सकते हैं, तो वह गलत हैं। अगर वह उन्हें भंग करना चाहते हैं, तो आगे बढ़ें.

उन्होंने कहा, विधानसभा भंग होने की स्थिति में दोनों प्रांतों में उपचुनाव होंगे. संघीय सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आम चुनाव भी समय पर होंगे.

दूसरी ओर सूत्रों ने पुष्टि की है कि खान की सहयोगी पार्टी पीएमएल-क्यू भी सैन्य प्रतिष्ठान के संपर्क में है, जिसने राजनीतिक दलों को देश में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता से बचने का निर्देश दिया है.

पाकिस्तान का चुनाव आयोग की इमरान खान को पीटीआई अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना मामले में ‘झूठे बयान और गलत घोषणाएं’ करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है. ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं. इस घटनाक्रम की पीटीआई ने भी पुष्टि की है साथ ही जोर देकर कहा कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है.

पीटीआई की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है. बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो.

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था कि संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं.