वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में विरोध तेज,मणिपुर तक पहुंची आंदोलन की लहर
मुस्लिम संगठनों का ऐलान – कानून वापसी तक नहीं रुकेंगे
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
विवादित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के संसद में पास होने और अब एक्ट में तब्दील हो जाने के बाद देशभर में इसका व्यापक विरोध शुरू हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने विधिवत राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है। वहीं, सरकार द्वारा आंदोलन में भाग लेने वाले इमामों को दो लाख रुपये का मुचलका भरने की चेतावनी देने के बावजूद विरोध की लहर कमजोर नहीं पड़ी है।
मुंबई से मणिपुर तक सड़कों पर विरोध, रज़ा एकेडमी और संथेल कमेटी आगे आईं
जहां मुंबई में रज़ा एकेडमी ने सबसे पहले इस कानून के खिलाफ आवाज बुलंद की, वहीं अब पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भी विरोध ने जोर पकड़ लिया है। मणिपुर की इंफाल घाटी में शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया।
वक़्फ़ के बिल के खिलाफ मणिपुर में महिलाओं का ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन #WaqfAmendmentBill #WaqfAmendmentBill2025
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) April 6, 2025
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इंफाल पश्चिम जिले के संथेल ईदगाह पर करीब 200 लोगों ने जुटकर प्रदर्शन किया। इस विरोध का आयोजन संथेल यूनाइटेड डेवलपमेंट कमेटी ने किया, जहां लोगों ने वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता, धार्मिक अधिकारों और उनके प्रशासन पर इस नए कानून के संभावित प्रभाव को लेकर गहरी चिंता जताई।
इसके अलावा, इंफाल पूर्वी जिले के केराओ मकटिंग में भी स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सरकार से संवेदनशीलता दिखाने और संवाद की पहल करने की अपील की।
वक्फ संशोधन कानून – क्या है सरकार की मंशा?
सरकार द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 का मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना बताया गया है। सरकार के अनुसार, नया कानून:
#Muslim, locally known as Meitei_Pangal, community of Irong Chesaba, Thoubal District of Manipur protested today against the passing of the Waqf (Amendment) Bill 2025 by @BJP4India Govt.#WithdrawWaqfBill2025#RespectReligiousFreedom#SaveConstitution@rashtrapatibhvn @INCIndia… pic.twitter.com/0zmgpV1ABC
— Dr. Lamtinthang Haokip (@DrLamtinthangHk) April 6, 2025
- विरासत स्थलों की सुरक्षा
- सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का सुदृढ़ीकरण
- स्थानीय निकायों और वक्फ बोर्ड के बीच बेहतर समन्वय
- संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता
- हितधारकों के अधिकारों की रक्षा
जैसे उद्देश्यों को लेकर लाया गया है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के बड़े तबके का मानना है कि इस कानून के जरिए वक्फ की स्वायत्तता पर चोट की जा रही है और इसके सामाजिक, धार्मिक और ऐतिहासिक मायने को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अगर मुसलमान है तो काला पट्टी बांधकर विरोध भी नही कर सकते??
— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) April 5, 2025
हाथ पे काला पट्टी बांधना जुर्म माना जाएगा!
वक़्फ़ बिल के विरोध मे काली पट्टी बांधने पर मुसलमानो पर कार्रवाई की गई!
2–2 लाख रुपये का बांड भरने का आदेश दिया गया है!
16 अप्रैल को कोर्ट मे पेशी है! pic.twitter.com/HNhESCk74x
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने किया समर्थन, AIMPLB ने जताई नाराज़गी
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एन. बीरेन सिंह ने इस कानून की खुले तौर पर सराहना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का पारित होना एक ऐतिहासिक कदम है। इससे वर्षों से हाशिए पर रहे लोगों को सशक्त बनने का अवसर मिलेगा। यह पारदर्शिता और न्यायपूर्ण भविष्य की नींव रखता है।”
दूसरी ओर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बयान को “गुमराह करने वाला” करार देते हुए कहा कि:
“यह कानून वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें सरकार के अधीन लाने की कोशिश है। हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।”
वक्फ एक्ट 2025 अब कानून बन चुका है, लेकिन इसके खिलाफ जमीनी विरोध तेज होता जा रहा है। मुस्लिम समुदाय का बड़ा हिस्सा इसे धार्मिक अधिकारों और संपत्ति की स्वायत्तता पर सीधा हमला मान रहा है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस मामले में कोई संवाद का रास्ता अपनाती है या आंदोलन और गहराता है।