फीफा विश्व कप 2022 की मेजबानी से पहले भारतीय मजदूरों को लेकर छवि सुधारने में लगा कतर
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
अरब देश कतर भारतीय मजदूरों को लेकर अपनी बिगड़ी छवि सुधारने में लगा है.फीफा विश्व कप 2022 की मेजबानी के लिए बोली जीतने के बाद से देश में मजदूरों की मौत और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के मद्देनजर कतर ने शुक्रवार को हजारों भारतीय मजदूरों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने का आश्वासन दिया.
बता दें कि हर साल, भारतीय दूतावास में लंबित वेतन और अनुबंध की समस्याओं से लेकर कारावास और प्रत्यावर्तन तक सैकड़ों शिकायतें दर्ज की जाती हैं.2010 में कतर को 2022 में फीफा विश्व कप की मेजबानी का अधिकार दिए जाने के बाद, लगभग एक दशक (2011 से 2020 तक) में दक्षिण एशियाई प्रवासियों की 6,750 मौतें हुई हैं.
2011 से 2020 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कतर में कुल 2,711 भारतीय मजदूरों की मौत हुई. इसके अलावा, दूतावास से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2016 और 2019 के बीच दोहा में भारतीय दूतावास में 10,535 मजदूरों ने लंबित वेतन और अनुबंध की समस्याओं से लेकर कारावास और प्रत्यावर्तन तक की शिकायतें दर्ज कीं.
कतर ने नई दिल्ली में 4 मई से 5 मई तक आयोजित श्रम और जनशक्ति विकास पर भारत और कतर के बीच सातवीं संयुक्त कार्य समिति की बैठक के दौरान प्रतिबद्धता की.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनुराग भूषण ने किया और कतरी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रम मंत्रालय के श्रम मामलों के सहायक अवर सचिव मोहम्मद हसन अल ओबैदली ने किया.
दोनों पक्षों ने श्रम और जनशक्ति गतिशीलता से संबंधित मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर उपयोगी चर्चा की. भारतीय पक्ष ने पिछले वर्षों में कतर द्वारा अपनाए गए प्रगतिशील श्रम सुधार उपायों का स्वागत किया.
कतरी पक्ष ने अपने देश में सामाजिक-आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारतीय प्रवासी कार्यबल के योगदान की सराहना की.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कतर पक्ष ने श्रम अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. दोनों पक्ष भर्ती को सुव्यवस्थित करने और मुद्दों के समयबद्ध समाधान के लिए सहयोग बढ़ाने सहित श्रमिकों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए. आपसी चिंता का विषय है. इस संदर्भ में दोनों भर्ती पोर्टलों को एकीकृत करने की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए हैं.‘‘
कतरी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), दिल्ली का भी दौरा किया. दोनों पक्षों ने कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन में सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान किया. आने वाले प्रतिनिधिमंडल ने अनिवासी केरलवासी मामलों के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की.पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथियों पर कतर में संयुक्त कार्य समूह की बैठक के अगले दौर को आयोजित करने पर सहमति हुई.