Muslim WorldReligion

रमजान 2023: तरावीह की नमाज में हर चार रकअत के बाद कौन सी दुआ पढ़ें

गुलरूख जहीन

तरावीह की नमाज में हर चार रकअत के बाद एक ठहराव होता है, जिसमें तस्बीह तरावीह, अधिकार और सलात और सलाम पढ़ा जाता है. तस्बीह तरावीह है- سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ ط سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ ط سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ ط اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔

तरावीह की नमाज पढ़ना मर्द और औरत दोनों के लिए सुन्नत है. इसे छोड़ना जायज नहीं . तरावीह की जमात सुन्नत अली अल-किफायाह है. अर्थात यदि सभी लोग नमाज में दुआ नहीं करते हैं, तो वे दोषी होंगे, और यदि कुछ लोग नमाज में दुआ करते हैं, तो यह पाप नहीं है. हजरत अबू हुरैरा से वर्णित है कि पवित्र पैगंबर मोहम्मद साहब लोगों को रमजान की रातों में नमाज अदा करने के लिए प्रोत्साहित करते थे.

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा, “जो कोई भी रमजान में इनाम पाने के इरादे से और विश्वास की स्थिति के साथ रहता है, तो (सभी) उसके पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं.(बुखारी, अल-साहिह, किताब अल-ईमान, अध्याय 1ः22, संख्या- 37)तरावीह की नमाज का समय ईशा की नमाज के बाद और वित्र से पहले है . इसे रात के आखिरी हिस्से में पढ़ना बेहतर है.

तस्बीह तरावीह

तरावीह की नमाज में हर चार रकअत के बाद एक ठहराव होता है, जिसमें तस्बीह तरावीह, अधिकार और सलात और सलाम पढ़ा जाता है. तस्बीह तरावीह यह है-

سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ ط سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ ط سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ ط اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْر۔

महिमा वह (अल्लाह) है जिसके पास पृथ्वी और आकाश का राज है. महिमावान है (अल्लाह) सम्माननीय और महान, विस्मयकारी और पराक्रमी, भव्य और भयानक. वह राजा (असली) धन्य है जो रहता है, न सोता है और न ही मरता है. सबसे शुद्ध (और) सबसे पवित्र हमारा खुदा और स्वर्गदूतों और आत्माओं का अल्लाह है. अल्लाह हमें जहन्नुम की आग से महफूज रखे. हे आश्रयदाता! हे आश्रयदाता! हे आश्रयदाता! यह शुद्ध हिंदी में अनुवाद है.

तरावीह की नमाज की रकात

कुछ लोग कहते हैं कि तरावीह की कुल आठ रकअत है, जबकि सही मत के अनुसार तरावीह की कुल बीस (20) रकअत है.उम्म अल-मोमिनिन हजरत आइशा सिद्दीका से वर्णित है कि एक रात जब अल्लाह के रसूल ने मस्जिद में (नफल) नमाज पढ़ी, तो लोगों ने भी उनके साथ नमाज अदा की. फिर नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने अगली रात नमाज पढ़ी, और लोग जमा हो गए. फिर तीसरी या चैथी रात को भी इकट्ठा हुए, लेकिन अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा कि उनके पास मत आओ. जब सुबह हुई, तो उन्होंने कहा, मैंने देखा कि तुमने क्या किया है, और मुझे तुम्हारे पास आने से (नमाज का नेतृत्व करने के लिए) केवल एक चीज ने रोका, यह डर था कि यह तुम पर अनिवार्य हो जाएगा. यह घटना रमजान की है.

(सहीह बुखारी, किताब अल-तहजुद, 1ः 380, संख्याः 1077, सहीह मुस्लिम, किताब सलात )