मदीना में ऐतिहासिक मस्जिद अल-फश का जीर्णोद्धार: इस्लामी विरासत का संरक्षण
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद
इस्लामी इतिहास के गौरवशाली पलों को संजोए मदीना की मस्जिद अल-फश को सावधानीपूर्वक संरक्षित और जीर्णोद्धार किया गया है। यह मस्जिद उहुद पर्वत की तलहटी में स्थित है और इसे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के प्रार्थना स्थल के रूप में जाना जाता है। सऊदी प्रेस एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह ऐतिहासिक धरोहर दुनिया भर से श्रद्धालु और पर्यटकों को आकर्षित करती है।

मस्जिद अल-फश का ऐतिहासिक महत्व
इस्लामी इतिहास में मस्जिद अल-फश को एक विशेष स्थान प्राप्त है। इतिहासकार डॉ. फौद अल-मघमसी के अनुसार, यह मस्जिद उहुद युद्ध के मैदान से महज 800 मीटर की दूरी पर स्थित है और इसे मदीना के पवित्र परिदृश्य का अभिन्न हिस्सा माना जाता है। उहुद की लड़ाई इस्लामी इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसमें पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और उनके साथियों ने ऐतिहासिक संघर्ष का सामना किया था।
संरचना और वास्तुकला
मस्जिद अल-फश को उहुद मस्जिद या शाब अल-जेरार मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित करने के लिए कई बार पुनर्निर्माण किया गया है, और हाल ही में इसे किंग सलमान के शासनकाल में पुनर्जीवित किया गया।
मस्जिद की वास्तुकला बेहद सरल लेकिन विशिष्ट है। इसकी संरचना में शामिल हैं:
- आयताकार प्रार्थना स्थल, जिसकी दीवारें लचीले काले पत्थरों से निर्मित हैं।
- तीन तरफ 1 मीटर ऊंची पत्थर की दीवार, जिसकी लंबाई 6 मीटर और चौड़ाई 4 मीटर है।
- लाल ईंटों से बना मेहराब, जो इसे ऐतिहासिक पहचान देता है।
सऊदी सरकार द्वारा जीर्णोद्धार कार्य

सऊदी हेरिटेज कमीशन की देखरेख में हाल ही में किए गए महत्वपूर्ण जीर्णोद्धार प्रयासों में निम्नलिखित कार्य शामिल हैं:
✔ लकड़ी की छत का पुनर्निर्माण
✔ पीले प्राकृतिक पत्थरों से फर्श की मरम्मत
✔ आसपास के क्षेत्र को पक्का और व्यवस्थित करना
✔ श्रद्धालुओं के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था
✔ ऐतिहासिक जानकारी देने के लिए सूचनात्मक साइनेज लगाना
मस्जिद की भौगोलिक स्थिति और धार्मिक महत्व
मस्जिद अल-फश, मदीना की प्रमुख मस्जिदों में से एक अल-मस्जिद अल-नबावी (पैगंबर की मस्जिद) से लगभग 4.5 किमी उत्तर में स्थित है। यह स्थान इस्लाम के प्रारंभिक युग की महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है और इसलिए इसे धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक आस्था का केंद्र
मस्जिद अल-फश का जीर्णोद्धार केवल एक संरचनात्मक पुनर्निर्माण नहीं, बल्कि इस्लामी विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मस्जिद न केवल इतिहास में रुचि रखने वालों को आकर्षित करती है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आस्था का भी केंद्र बनी हुई है।

काबिल ए गौर
मदीना में स्थित ऐतिहासिक मस्जिद अल-फश का जीर्णोद्धार इस्लामी विरासत को संरक्षित करने और भावी पीढ़ियों के लिए धार्मिक इतिहास को जीवंत बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सऊदी अरब की सरकार द्वारा किए गए प्रयास न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे, बल्कि दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों को इस्लामी इतिहास से जुड़ने का अवसर भी प्रदान करेंगे।