संभल फायरिंग : जमीयत ने शहीद परिवारों को ₹5 लाख की मदद दी, पुलिस ने जताई आपत्ति, फिर सौंपे डिमांड ड्राफ्ट
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मुस्लिम नाउ ब्यूरोसंभल
फायरिंग की दुखद घटना में शहीद हुए लोगों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से जमीयत उलेमा-ए-हिंद (JUH) का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल पहुंचा. जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देशानुसार, महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी और राज्य दीनी तालीमी बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अफ़्फान मंसूरपुरी के नेतृत्व में यह सहायता अभियान चलाया गया.
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प्रत्येक परिवार को ₹5 लाख की सहायता
जमीयत ने शहीद परिवारों के प्रति अपनी सेवा भावना का परिचय देते हुए ₹5 लाख की आर्थिक मदद देने का फैसला किया था.यह राशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से तैयार की गई और सीधे परिवारों के मुखिया को सौंपने का प्रयास किया गया.
पुलिस ने जताई आपत्ति, हुई बहस
जब जमीयत का प्रतिनिधिमंडल सहायता राशि और संवेदनाएं व्यक्त करने शहीदों के घरों तक पहुंचा, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस पर जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सख्त आपत्ति दर्ज कराई और कहा,”पीड़ितों की मदद करना और उनके प्रति संवेदना व्यक्त करना हमारा अधिकार है, जिसे कोई रोक नहीं सकता.”
पुलिस के साथ लंबी बातचीत और तर्क-वितर्क के बाद, प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों को सहायता राशि सौंप दी.
جمعية علماء الهند تقدم مساعدة مالية قدرها خمس ماۃ الف روبیۃ لكل عائلة متضررة في سمبهل، والأسر تعبر عن امتنانها لرئيس الجمعية مولانا محمود أسعد مدني
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) December 3, 2024
نيودلهي، 3 ديسمبر: زارت وفد من جمعية علماء الهند اليوم منطقة سمبهل للقاء أسر الضحايا الذين فقدوا أرواحهم في الأحداث الأخيرة من عنف… pic.twitter.com/SShZDFkU51
जमीयत का संदेश
इस मौके पर मुफ्ती मोहम्मद अफ़्फान मंसूरपुरी ने कहा,”हमारा उद्देश्य केवल शहीदों के परिवारों को सहयोग देना और उनके दुख में साझेदारी करना है. यह हमारा धार्मिक और मानवीय कर्तव्य है.”उन्होंने यह भी कहा कि जमीयत हमेशा से जुल्म और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रही है और आगे भी ऐसे मामलों में पूरी तरह से समर्थन करेगी.
परिजनों ने जताया आभार
शहीदों के परिवारों ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मौलाना महमूद मदनी का धन्यवाद किया. उनका कहना था कि यह आर्थिक मदद उनके दुखों को साझा करने का एक बड़ा सहारा है.
इस्लामी शिक्षाओं का पालन
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि पीड़ितों की मदद करना इस्लामी शिक्षाओं का अहम हिस्सा है. जमीयत ने वादा किया कि वे भविष्य में भी सभी जरूरतमंदों के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराते रहेंगे, चाहे पीड़ित किसी भी धर्म या समुदाय से हों.
जमीयत ने इस प्रयास को अल्लाह की रज़ा के लिए एक सेवा कार्य बताया और कहा,”हमारी यह मदद केवल दिलासा देने के लिए है। दुख कम करने की असली ताकत अल्लाह के पास है.”
समानता और एकता का संदेश
इस घटना ने जमीयत के सेवा कार्यों और उनके मानवीय दृष्टिकोण को एक बार फिर उजागर किया है. इससे समाज में समानता और भाईचारे का संदेश फैलता है। जमीयत ने यह साबित किया है कि पीड़ितों के साथ खड़े होने के लिए जाति और धर्म की सीमाओं को पार करना चाहिए.