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सऊदी अरब ने तालिबान को मुस्लिम राष्ट्र शिखर सम्मेलन का निमंत्रण देकर क्यों वापस ले लिया ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

गाजा-इजरायली युद्ध के मामले में अरब और मुस्लिम देशों की ‘ओछी राजनीति’ से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार बेहद खफा है. इस मामले मंे अरब देश राजनीति करने और इजरायल को बचाने के सिवा कुछ नहीं कर रहे हैं. तालिबान उनके पैतरों को पहचान चुका है और उन्हें मुस्लिम अवाम के बीच नंगा करना चाहता है.

हाल में सउदी अरब ने इस्लामी देशों के लीग और अफ्रीकी देशों का शिखर सम्मेलन किया था. इस दौरान जब कुछ देशों ने गाजा और फिलिस्तीन के मुददे पर इजरायल की नाकेबंदी करने, हथियार और तेल की सप्लाई बंद करने का प्रस्ताव रखा तो अरब देश सिरे से मुकर गए. अरब देश चाहते हैं कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी उनकी इस ओछी राजनीति में शामिल हो, मगर जब तालिबान ने उन्हें करारा जवाब दिया तो उनकी बोलती ही बंद हो गई.

इस बात का खुलासा तालिबान पब्लिक रिलेशन डिपार्टमें के एक बयान से हुआ है.उसकी ओर से एक्स पर एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है-‘‘अफगानिस्तान एकमात्र मुस्लिम राष्ट्र है जो इस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ.’’

बयान में आगे लिखा गया है-‘‘रुसऊदी अरब ने हमें निमंत्रण भेजा, जिस पर हमारे सर्वोच्च नेता ने उत्तर दिया, हमें निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है. हमें वह स्थान भेजें जहां मुस्लिम सेनाएं एकत्रित होंगी.इसके बाद रुसउदी ने निमंत्रण वापस ले लिया.’’

दरअसल, तुर्की हो या अरब देश यह अपना उल्लू सीधा करने के लिए छोटे मुस्लिम देशों को मोहरा बनाने की कोशिश करते हैं. पाकिस्तान भी उनकी चंगुल में फंसकर देश-दुनिया में न केवल अपनी छवि बिगाड़ जुका है, बल्कि सिर तक कर्ज में डूबा हुआ है.

बड़े इस्लामिक देश अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार को भी अपनी चंगुल में फंसाना चाहते हैं. तालिबान की सरकार बनने के बाद से अब तक किसी भी मुस्लिम देश ने इसे मान्यता देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है, पर वे चाहते हैं कि तालिबान उसके हर उलटे-सीधे फैसले में साथ खड़े हों. उनकी इसके षड़यंत्र को देखते हुए तालिबान अब अपने पैरों पर खड़े होने के प्रयास में है. घरेलू उत्पाद को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. जल स्त्रोत विकसित कर रहा है ताकि आर्थिक संकट से देश को उबारा जा सके. यदि महिला शिक्षा, महिला अधिकार जैसे कुछ विवादास्पद मामलों को तालिबान छोड़ दें तो निश्चित ही उनका भविष्य उज्जवल है.

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