विज़न 2030 के तहत हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर सऊदी अरब की AI क्रांति
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हैफा अलशम्मरी, रियाद
सऊदी अरब अब तकनीक की मदद से अपने नागरिकों को स्वस्थ, सक्रिय और जागरूक बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। विज़न 2030 के लक्ष्य के तहत देश स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और फिटनेस जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को रणनीतिक रूप से अपना रहा है। इसका उद्देश्य है — जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और नागरिकों में एक हेल्दी लाइफस्टाइल को प्रोत्साहित करना।
👨⚕️ किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल की लीडरशिप
रियाद स्थित किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहां AI की मदद से मरीज़ों की देखभाल को कस्टमाइज़ किया जा रहा है, पोस्ट-ट्रीटमेंट रिकवरी को मॉनिटर किया जा रहा है, और परिवारों को दीर्घकालिक बीमारियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है।

डॉ. अहमद अबूसलाह, जो हॉस्पिटल के हेल्थकेयर इंटेलिजेंस सेंटर के डायरेक्टर हैं, कहते हैं:
“आज हम एक ऐसे डिजिटल युग में जी रहे हैं जहां इनोवेशन को लेकर शानदार माहौल है। लेकिन AI को सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि टिकाऊ रणनीति के तहत अपनाना ज़रूरी है।”
उन्होंने बताया कि कुछ संस्थान AI मॉडल बना तो लेते हैं, लेकिन कुछ साल बाद उन्हें बंद कर देते हैं क्योंकि वे व्यावहारिक लाभ नहीं दे रहे होते।
🧠 AI से उपचार में सटीकता और व्यक्तिगत देखभाल
हॉस्पिटल ने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो कैंसर मरीज़ों के अपॉइंटमेंट से तीन दिन पहले उनके संभावित अनुभव का पूर्वानुमान लगाता है। इससे न केवल डॉक्टर मरीज़ की स्थिति का पूर्व आकलन कर सकते हैं, बल्कि आवश्यक हस्तक्षेप भी समय रहते किया जा सकता है।
डॉक्टर अबूसलाह ने बताया:
“हमारे ऑपरेशन इंटेलिजेंस सिस्टम की मदद से मरीज़ की यात्रा (admission से discharge तक) को हम स्मार्ट तरीकों से मैनेज करते हैं।”
AI टूल्स डॉक्टर्स के गैर-चिकित्सकीय कार्यों जैसे रिपोर्टिंग, फॉर्म भरने आदि को ऑटोमेट करते हैं। इससे डॉक्टरों को बर्नआउट से राहत मिलती है और वे मरीजों पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।

🏃♀️ AI से प्रेरित फिटनेस ऐप्स और स्कूलों में बदलाव
AI अब सिर्फ अस्पतालों तक सीमित नहीं है। मोबाइल ऐप्स की मदद से लोग अपनी नींद, खानपान और व्यायाम पर नज़र रख रहे हैं। ये ऐप्स यूज़र को छोटे लेकिन असरदार कदम उठाने के लिए प्रेरित करते हैं — जैसे दिन में थोड़ा और चलना, या साइकलिंग करना।
2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वयस्क सऊदी नागरिकों में सबसे लोकप्रिय व्यायाम चलना और साइकलिंग है। हालांकि, इसमें जेंडर गैप भी देखा गया — जहां 23.2% पुरुष नियमित रूप से सक्रिय हैं, वहीं महिलाओं की संख्या केवल 14% है।
AI इस अंतर को भी पाट सकता है — क्योंकि महिलाएं घर पर या अपने समुदाय में ही एक्सरसाइज़ करने के लिए ऐप्स का इस्तेमाल कर सकती हैं।

🏫 AI से स्कूलों में बदली फिजिकल एजुकेशन
स्कूलों में भी AI की मदद से अब हर बच्चे की ज़रूरतों के हिसाब से व्यक्तिगत खेल गतिविधियाँ प्लान की जा रही हैं। इससे खेल को बच्चों के लिए अधिक दिलचस्प और समावेशी बनाया गया है।
पिछले साल, सऊदी शिक्षा मंत्रालय ने PE पाठ्यक्रम में रग्बी को वैकल्पिक खेल के रूप में जोड़ा — जिससे बच्चों को हेल्दी लाइफस्टाइल की अहमियत समझाने की कोशिश की गई।

🏗️ भविष्य की राह: तकनीक के साथ समावेशी विकास
हालांकि तकनीक अपनी जगह है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब को AI से जुड़ी संरचना, शिक्षकों का प्रशिक्षण, और संस्कृति आधारित समाधान पर भी निवेश जारी रखना होगा। तभी यह बदलाव स्थायी बन पाएगा।
वास्तव में, सऊदी अरब आज केवल तकनीक अपना नहीं रहा, वह AI के ज़रिए एक सार्वजनिक स्वास्थ्य क्रांति की ओर अग्रसर है — जो हर नागरिक को बेहतर ज़िंदगी जीने, चलने और महसूस करने की शक्ति दे रही है।
🔍 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- किंग फैसल हॉस्पिटल में AI की मदद से मरीज़ की पूरी यात्रा को स्मार्ट और प्रभावी बनाया जा रहा है।
- AI ऐप्स नींद, डाइट और एक्सरसाइज़ मॉनिटर करके हेल्दी आदतें बढ़ा रहे हैं।
- स्कूलों में AI आधारित PE प्लानिंग से बच्चों में फिटनेस की आदतें डाली जा रही हैं।
- महिला स्वास्थ्य भागीदारी में AI एक क्रांतिकारी भूमिका निभा सकता है।
- विज़न 2030 का लक्ष्य है – बेहतर जीवनशैली, तकनीक के माध्यम से।
‘Muslim Now’सऊदी अरब की तकनीकी स्वास्थ्य क्रांति से जुड़े हर अपडेट को आप तक पहुंचाते रहेंगे।