इस रमजान टोंक, केरल और कश्मीर की खास कुरान
गुलरूख जहीन
रमजान 2024 में तरह-तरह के कुरान सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. हालांकि, अपनी तरह की ऐसी खास कुरान शरीफ का निर्माण पहले भी हो चुका है, पर रमजान आते ही यह चर्चा में हैं.इसी क्रम में कश्मीरी सुलेखक द्वारा 500 मीटर स्क्रॉल पर लिखी कुरान एक फिर सामने आया है. यह कुरान विश्व रिकॉर्ड में दर्ज है.
खबरों के अनुसार, उत्तरी कश्मीर के सुदूर इलाके गुरेज क्षेत्र के सुलेखक ने लिंकन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. 28 वर्षीय मुस्तफा इब्न-जमील ने 7 महीने में 500 मीटर स्क्रॉल पेपर पर इस्लामी पवित्र पुस्तक कुरान लिखी है. इस बारे में लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उल्लेख किया है, दुनिया में पहली बार 14.5 इंच और 500 मीटर सफेद स्क्रॉल पेपर पर पवित्र कुरान लिखने का नया विश्व रिकॉर्ड.
कहते हैं, जमील ने अपनी लिखावट सुधारने के लिए सुलेख अपनाया था. साल 2017 में उन्होंने सबसे पहले पवित्र कुरान से आयतें लिखना शुरू किया. बाद में, पूरी कुरान को अपने सुलेख में लिखने का फैसला किया. जमील ने पहली बार साल 2018 में कुरान लिखी थी, जिसका वजन 21 किलो था. यह 11 महीने में बनकर तैयार हुई थी. दिसंबर 2021 में उन्होंने 500 मीटर स्क्रॉल पर काम करना शुरू किया और 7 महीने में इसे पूरा किया.
वह कहते हैं,मैंने वर्ष 2016 में शुरुआत की.अपनी लिखावट में सुधार करना चाहता था. जब मैंने देखा कि मैं सुलेख लिख सकता हूं, तो मैंने कुरान की पवित्र पुस्तक लिखना शुरू कर दिया. 2018 में मैंने एक कुरान लिखी जिसका वजन 21 किलोग्राम था. 2021 में मैंने सबसे लंबी कुरान लिखने के बारे में सोचा. मुझे लगता है कि यह अल्लाह की मर्जी थी कि मैं कुरान लिख सका.
संपूर्ण कुरान को पूरा करने में मुझे 7 महीने लगे. इसे लिंकन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा स्वीकार किया गया. मैंने कई अन्य रिकॉर्ड बनाने वाले संगठनों के साथ आवेदन किया है. सुलेखक मुस्तफा-इब्न-जमील ने कहा, मेरे पास बजट कम था इसलिए मैं इसे बड़े स्तर पर नहीं कर सका.
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इस प्रोजेक्ट के लिए जमील को नई दिल्ली जाना पड़ा. कश्मीर में स्क्रॉल पेपर उपलब्ध नहीं था. उन्होंने कहा कि वह कच्चा माल कश्मीर नहीं ला सकते थे. दिल्ली से श्रीनगर तक ले जाना बहुत भारी था. सारा सामान व्यवस्थित करने में उन्हें 2 महीने लगे.उन्होंने 500 मीटर की स्क्रोल को 7 महीने में पूरा करने के लिए हर दिन 18 घंटे काम किया.
कश्मीरी कॉलिग्राफर मुस्तफ़ा इब्न जमील ने, सात महीने में 500 मीटर के स्क्रॉल पर मुकम्मल क़ुरआन लिखकर तमाम आलमी रिकॉर्ड तोड़ डाला है।#Kashmir pic.twitter.com/TAZEyD0xXW
— Shahnawaz Ansari (@shanu_sab) July 9, 2022
उन्होंने बताया,मैंने 135 जीएसएम नामक एक विशेष कागज का उपयोग किया. विभिन्न प्रकार के कागज हैं जिन पर हम लिख सकते हैं. घाटी में पेपर रोल फॉर्म में उपलब्ध नहीं, इसलिए मैं दिल्ली चला गया. मुझे पूरा प्रोजेक्ट वहीं पूरा करना पड़ा. सुलेखक मुस्तफा-इब्न-जमील ने कहा, मैं घाटी में इतना सारा सामान लेकर नहीं आ सकता था. मैंने कुरान लिखने के लिए जो स्याही इस्तेमाल की, वह कलम भी अलग है. हम जिस स्याही का उपयोग करते हैं वह भी विशेष है.
प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 2.5 लाख रुपये आई. पूरे 500 मीटर के स्क्रोल को लैमिनेट करने में जमील को एक महीना लगा. जमील ने एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के लिए पंजीकरण कराया है.
केरल के छात्र ने सबसे लंबी हस्तलिखित कुरान का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
केरल के एक छात्र ने सबसे लंबी कुरान सुलेख का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है. पेरिथलमन्ना के पास पट्टीक्कड़ में जामिया नूरिया अरबी कॉलेज के द्वितीय वर्ष के छात्र मुहम्मद जसीम एम. ने सबसे लंबी हस्तलिखित कुरान बनाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश करके देश को गौरवान्वित किया.
तिरुरंगडी के पास चेरुमुक्कू के रहने वाले जसीम ने 1,106 मीटर लंबी कुरान को सुलेख शैली में लिखकर मिस्र के विद्वान मोहम्मद गेब्रियल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. मिस्र के 700 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ने में उन्हें लगभग दो साल लग गए.
यह कोविड-19 लॉकडाउन था जिसने जसीम को इस अनूठी उपलब्धि पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने पिछले साल दिसंबर में कोझिकोड में जामिया नूरिया अरबी कॉलेज के नूरुल उलमा स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कुरान प्रदर्शनी में अपनी सुलेख कौशल और दृढ़ता का प्रदर्शन किया.
केरल के रहने वाले जसीम मोहम्मद ने हाथ से लिख डाला दुनियां का सबसे लम्बा क़ुरआन शरीफ,
— 👑 Sikandar नाम तो सुना होगा ✍️ (@smartySikandar) March 22, 2024
जिस की लम्बाई 1106 मीटर और वजन 118 किलो है जिस के लिए उन्हें गिंनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड के अवार्ड से सम्मानित किया गया..#SubhanAllah pic.twitter.com/SPMMTdLSti
जसीम की उपलब्धि की जांच करने वाले अधिकारियों में युवा मुस्लिम समुदाय के नेता सैयद मुनव्वरली शिहाब थंगल और ऑल गिनीज रिकॉर्ड्स होल्डर्स (एजीआरएच) के राज्य अध्यक्ष सत्तार अदूर शामिल थे. थंगल और अदूर ने मलप्पुरम प्रेस क्लब में आयोजित एक समारोह में जसीम को गिनीज प्रमाण पत्र सौंपा. एजीआरएच सचिव सुनील जोसेफ और एक अन्य गिनीज रिकॉर्ड धारक सलीम पदवन्ना भी उपस्थित थे.
एजीआरएच अधिकारियों के अनुसार, जसीम केरल से 75वें गिनीज रिकॉर्ड विजेता बने. मुनव्वर ने कहा, यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है.
उनके द्वारा तैयार की गई 1,106 मीटर लंबी कुरान का वजन 118.3 किलोग्राम है. इसमें 325,384 अरबी अक्षर, 77,437 अरबी शब्द, 114 अध्याय और 6,348 छंद हैं. प्रत्येक जुज (अनुभाग) लगभग 65-75 पृष्ठों में किया जाता है. प्रत्येक पृष्ठ में 9-10 पंक्तियां होती हैं. प्रत्येक पृष्ठ की ऊंचाई 75 सेमी और चैड़ाई 34 सेमी है.
#Assalamu_Alaikum_
— IND Story's (@INDStoryS) March 21, 2024
My All Friends with anyone's Fan's
केरल के रहने वाले #जसीम_मोहम्मद ने
अपने हाथ से लिख डाला कुरान दुनियां का सबसे लम्बा क़ुरआन शरीफ,
जिस की लम्बाई 1106 मीटर और वजन 118 किलो है जिस के लिए उन्हें गिंनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड के अवार्ड से सम्मानित किया गया..… pic.twitter.com/Q77ITJKiS8
जसीम ने बचपन से ही सुलेख के प्रति रुचि प्रदर्शित की. उन्होंने कहा कि वह अपने बड़े भाई अयूब की पेंटिंग्स से प्रभावित थे. यह उनके शिक्षक सलाहुद्दीन फैजी थे, जिन्होंने तिरूर में एक दर्श (मस्जिद-आधारित अध्ययन) में धार्मिक अध्ययन करते समय उन्हें अरबी सुलेख में दीक्षित किया. अरबी सुलेख या दिखने में आकर्षक तरीके से अरबी लिपि को हस्तलिखित करने की कलात्मक प्रथा को व्यापक रूप से एक इस्लामी कला के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसमें अरबी वर्णमाला के 28 अक्षरों का उपयोग किया गया है, जो दाएँ से बाएँ, घसीट में लिखे गए हैं.
उन्होंने कहा, मूल रूप से लेखन को स्पष्ट और सुपाठ्य बनाने का इरादा था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक इस्लामी कला बन गई. अरबी लिपि की तरलता कलाकार के लिए असंख्य संभावनाएं प्रदान करती है.एजीआरएच सचिव सुनील जोसेफ ने उन्हें गिनीज रिकॉर्ड हासिल करने के लिए तकनीकी सहायता दी.
दुनिया की सबसे बड़ी और भारी कुरान शरीफ
राजस्थान में दुनिया की सबसे बड़ी और भारी कुरान शरीफ की अनोखी प्रति का करीब से दीदार किया जा सकता है. इस खास कुरान की खासियत यह है कि इसकी छपाई में जर्मनी स्याही का इस्तेमाल किया गया है. इसे तैयार किया हैटोंक के रहने वाले मौलाना जमील और उनके परिवार के सदस्यों ने. मौलाना के अनुसार, इसके निर्माण में दो साल से अधिक समय लगा.
यह कुरान शरीफ जयपुर के सांगानेरी कागज पर प्रिंट की गई. इसका वजन ढाई कुंतल, लंबाई 10.5 फीट और चैड़ाई 7.6 करीब फीट है. मजे की बात है कि इसे आसानी से उठाया नहीं जा सकता. इसके उठाने के लिए 20-25 लोग लगते हैं. इस खास आकार को पढ़ने के लिए सीढ़ी लगानी पड़ती है. 64 पेज की इस कुरान में 32 वर्ग है.
हर वर्ग का डिजाइन अलग और अनोखा है. वही हैंडमेड पेपर से 18 सीट को जोड़कर एक पेज बनाया गया है और हर पेज पर 41 लाइन लिखी हुई हैं. जिसमें हर लाइन को अलिफ से शुरू किया गया है, जिसे जर्मनी की स्याही से लिखा गया है.इस बारे में और जानकारी के लिए मुस्लिम नाउ के इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.