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इस्माइली समुदाय के आध्यात्मिक नेता आगा खान चतुर्थ का निधन, जमात-ए-इस्लामी हिंद ने जताईं गहरी संवेदनाएँ

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इस्माइली शिया मुस्लिम समुदाय के आध्यात्मिक नेता और विश्वभर में अपने विकास कार्यों के लिए पहचाने जाने वाले प्रिंस करीम अल-हुसैनी, जिन्हें आगा खान चतुर्थ के नाम से जाना जाता था, का 88 वर्ष की आयु में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में निधन हो गया. उनके निधन से न केवल इस्माइली समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई, बल्कि वैश्विक स्तर पर उनके सामाजिक और परोपकारी कार्यों की विरासत को भी याद किया जा रहा है.

एक युग का अंत

आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) ने उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि उनके उत्तराधिकारी की घोषणा जल्द की जाएगी. इस्माइली परंपरा के अनुसार, आगा खान के पुरुष वंशजों में से एक को उत्तराधिकारी के रूप में चुना जाएगा.

आगा खान लंबे समय से फ्रांस में रहे और अपने अंतिम वर्षों में पुर्तगाल में निवास कर रहे थे. उन्हें लिस्बन में ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. वह अपने पीछे तीन बेटे, एक बेटी और कई पोते-पोतियाँ छोड़ गए हैं.

आगा खान का जीवन परिचय

आगा खान का जन्म 13 दिसंबर, 1936 को जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में हुआ था. उनका बचपन केन्या के नैरोबी में बीता. बाद में उन्होंने विशेष ले रोजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय से इस्लामी इतिहास की पढ़ाई की. मात्र 20 वर्ष की आयु में, 1957 में, उन्होंने अपने दादा सर सुल्तान मोहम्मद शाह आगा खान की मृत्यु के बाद इस्माइली मुसलमानों के 49वें इमाम के रूप में पदभार संभाला.

आगा खान, जिन्हें इस्माइली समुदाय पैगंबर मुहम्मद के प्रत्यक्ष वंशज के रूप में मानता था, ने इस्लामी संस्कृति और मूल्यों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, उन्होंने कभी राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं निभाई, लेकिन उन्हें मुस्लिम समाज और पश्चिमी दुनिया के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में देखा जाता था.

AKDN के माध्यम से वैश्विक योगदान

आगा खान का सबसे बड़ा योगदान उनके द्वारा स्थापित आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) के रूप में देखा जाता है. इस नेटवर्क ने शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आर्थिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं.

AKDN:

  • 30 से अधिक देशों में कार्यरत
  • 96,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ संचालित
  • विकास कार्यों के लिए वार्षिक बजट लगभग 1 बिलियन डॉलर

उन्होंने अफ्रीका और एशिया के गरीब इलाकों में स्कूलों और अस्पतालों की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी पहल के माध्यम से लाखों लोगों का जीवन बेहतर हुआ.

सांस्कृतिक धरोहर और वास्तुकला में योगदान

आगा खान ने न केवल आर्थिक और सामाजिक सुधारों पर ध्यान दिया, बल्कि उन्होंने सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और वास्तुकला को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण पहल की. उन्होंने आगा खान आर्किटेक्चर पुरस्कार की स्थापना की, जिसने दुनिया भर में इस्लामी वास्तुकला को प्रोत्साहित किया. यह पुरस्कार उन परियोजनाओं को दिया जाता है जो सतत विकास और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.

शोक संवेदनाएँ और श्रद्धांजलि

उनके निधन पर दुनिया भर से श्रद्धांजलि दी जा रही है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने भी अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं। उन्होंने कहा:”आगा खान चतुर्थ का निधन एक युग का अंत है. उन्होंने न केवल इस्माइली समुदाय बल्कि पूरे समाज के उत्थान के लिए अथक प्रयास किए. उनके द्वारा स्थापित विकास संस्थानों ने दुनिया भर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया. उनका सेवा और मानवीय प्रयासों की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. हम उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं.”

एक अनूठी जीवनशैली और वैश्विक पहचान

आगा खान की पहचान केवल एक धार्मिक नेता तक सीमित नहीं थी. वह अपनी भव्य जीवनशैली के लिए भी जाने जाते थे. निजी जेट, सुपरयॉट और बहामास में निजी द्वीप जैसी सुविधाएँ उनके पास थीं. उनके पास ब्रिटिश, फ्रांसीसी, स्विस और पुर्तगाली नागरिकता थी. इसके बावजूद, उनका ध्यान हमेशा समाज सेवा और विकास कार्यों पर केंद्रित रहा.

आगे की राह

अब पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आगा खान के उत्तराधिकारी कौन होंगे और वे उनकी विरासत को कैसे आगे बढ़ाएंगे. इस्माइली समुदाय के लिए यह एक बड़ा बदलाव होगा, लेकिन आगा खान द्वारा स्थापित संस्थान और उनके सिद्धांतों की रोशनी में उनकी विरासत बनी रहेगी.

आगा खान चतुर्थ न केवल इस्माइली समुदाय के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे. उनके नेतृत्व में AKDN जैसी संस्थाओं ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया. उनकी दूरदृष्टि, परोपकार और सांस्कृतिक संवेदनशीलता की विरासत आने वाले दशकों तक याद रखी जाएगी.

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