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Subramanian swamy भाजपा आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय को निकालने की मांग भारी पड़ी, हो रही अपशब्दों की बौछार


भाजपा के करोड़ों निस्वार्थ समर्थकों की मेहनत की मलाई खा रहे आईटी सेल वाले

‘स्वामी से अधिक महत्वपूर्ण हैं मालवीय’,‘मालवीय मुझे चाहे कितना नापसंद हो लेकिन तेरे सामने तो मैं उसे ही पसंद करूंगा’,‘जो उखाड़ना है उखाड़ ले, एक गद्दार हमेशा गद्दार रहेगा।’ ये कुछ ऐसे वाक्य हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी के ‘सम्मान’ में कहे जा रहे। ऐसे वाक्यों की ‘बौछार’ का सिलसिला उनके एक ट्वीट के साथ ही शुरू हो गया। उन्हांने अपनी पार्टी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय को लेकर कुछ बातें कहीं हैं।


    सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि उनके ट्वीट को आधार बनाकर भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय उनके विरूद्ध दुष्प्रचार में लगे हैं। इसपर विरोध जताते हुए उन्होंने 9 सितंबर को ट्वीट किया-‘‘कल तक अगर अमित मालवीय को बीजेपी आईटी सेल से नहीं हटाया गया, इसका मतलब है कि पार्टी फिलहाल मेरा बचाव करना नहीं चाहती। चूंकि पार्टी में कोई मंच नहीं, जहां काडर की राय मांगी जाए, इसलिए मुझे खुद अपना बचाव करना होगा।’’

इस ट्वीट का असर हुआ कि इसे खबर लिखने तक 10 हजार बार रि-ट्वीट एवं 54.4 हजार बार लाइक किया जा चुका था। इसपर प्रतिक्रियाएं भी खूब आ रही हैं, पर अधिकांश में सुब्रमण्यम स्वामी की आलोचना हो रही है। कई तो बहुत बुरी-बुरी बातें कह रहे। गद्दार, विश्वासघाती तक कहा जा रहा। स्वामी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पार्टी को उनके द्वारा दी गई ‘धमकी’ उनपर ही भारी पड़ने वाली है।

स्वामी की वफ़ादारी पर उठ रही उंगलियां

खुद को राष्ट्रवादी एवं स्वयंसेवक बताने वाले नरेंद्र पांडे कहते हैं-‘‘आमतौर पर पार्टी लाइन पर कही जाने वाली बातों को अनुशासन कहा जाता है। मान लें कि हम 90 के दशक में वाजपेयी सरकार के दौरान आपकी आरएसएस विरोधी बातें भूल जाएं, लेकिन अरूण जेटली जी पर आपके निजी हमले तथा निर्मला जी को लेकर कही गई बातें क्या हैं ? यह आपका प्रतिशोध है या क्या।’’ खुद को हिंदूवादी बताने वाले हड्डी के डॉक्टर सुधीर सब्बरवाल स्वामी पर बरसते हुए कहते हैं-‘‘आपने साबित कर दिया कि आप किसी पार्टी के लिए लंबे समय तक वफादार नहीं रह सकते। यह आपके उच्च एवं शक्तिशाली अहंकार को दर्शाता है। आप अपनी हताशा निकाल रहे हैं। आपका अंत हो सकता है-न घर के न घाट के।’’

भारत के युवा एवं खेल मामलों के पूर्व डायरेक्टर जनरल दिलावर सिंह के अनुसार-‘‘स्वामी से अधिक महत्वपूर्ण हैं मालवीय।’’

स्मोकिंग किल्स ट्वीटर हैंडल से कहा गया-‘‘मालवीय मुझे चाहे कितने नापसंद हों, लेकिन तेरे सामने तो मैं उसे ही पसंद करुंगा।’’ निष्पक्ष भारतीय ट्वीटर हैंडल ने कहा-‘‘तुम्हें पूछता कौन है। पार्टी ने हमेशा तुम्हारी नकारात्मकता का इस्तेमाल किया। जहां तुम्हारा देश समाज हित में इस्तेमाल हो सकता था नहीं किया। अब तुम्हारे पास विकल्प ही क्या बचा है।’’

गद्दार हमेशा गद्दार ही रहेगा

सुब्रमण्यम स्वामी को बाबरी मस्जिद-अयोध्या मामले की अदालत में जल्दी सुनवाई कराने का श्रेय दिया जाता है। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग एंगल से जांच की देन भी उनके खाते में है। इसके अलावा भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल एवं पार्टी कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा को कोर्ट में घसीटने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। इसके लिए बीजेपी वाले उनकी प्रशंसा करते हैं। मगर पार्टी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय को हटाने की मांग उनपर भारी पड़ रहा है। इस प्रकरण पर पंकज ट्वीटर हैंडल से बेहद भद्दे तरीके से कहा गया-‘‘जो उखाड़ना है उखाड़ ले। एक गद्दार हमेशा गद्दार रहता है।’’ आदित्य मणि त्रिपाठी चिढ़ाने वाले अंदाज में कहते हैं-‘‘स्वामी जी टूमॉरो हो गया। कोई इज्जत, विज्जत है कि नहीं आपकी। कोई सुनता नहीं आपकी पार्टी में। गजब बेइज्जती है।’’

हिंदूवादी विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ स्वामी के जले पर थोड़ा मरहम लगाते हुए कहते हैं-‘‘आईटी सेल जैसा कुछ नहीं। बस कुछ चापलूस वहां बैठे हैं। भाजपा का समर्थन करोड़ों लोग ऐसे कर रहे हैं जिनका भाजपा से कोई लेना-देना नहीं। उन करोड़ों निस्वार्थ समर्थकों के मेहनत की मलाई आईटी सेल वाले खा रहे।’’ वैसे कुलश्रेष्ठ का ट्वीट आ बैल मुझे मार  वाला है।

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संपादक