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वक्फ संशोधन बिल के हिमायती पाखंडी और मुनाफिक हैं, करें सामाजिक बहिष्कार: अफजल अमानुल्लाह का तीखा हमला

मुस्लिम नाउ ब्यूरो , नई दिल्ली
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर जहां देशभर में विरोध का सिलसिला जारी है, वहीं अब बिल के समर्थन में खड़े मुस्लिम चेहरों के खिलाफ भी गुस्सा फूट पड़ा है। पूर्व आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह ने वक्फ संशोधन बिल का खुलकर विरोध करते हुए ऐसे लोगों को “मुनाफिक” (कपटी) और “पाखंडी” करार दिया है और मुस्लिम समुदाय से उनका सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है।

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सोशल मीडिया पर वीडियो बयान में उठाया सवाल

अफजल अमानुल्लाह ने रमज़ान के अंतिम दिनों घटना पर घटना पर एक वीडियो बयान जारी कर वक्फ संशोधन बिल और इसके हिमायतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:

जो मुसलमान इस वक्त सरकार के पाले में खड़े हैं, वे इस्लाम और कौम दोनों के साथ गद्दारी कर रहे हैं। ऐसे लोगों से रिश्ते खत्म कर देने चाहिए – न उनके घर शादी-ब्याह में जाएं, न उन्हें अपने घर बुलाएं।


इमारत-ए-शरिया पर हमले का आरोप

पूर्व आईएएस अफसर ने दावा किया कि पटना स्थित इमारत-ए-शरिया, जो बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुसलमानों के लिए अहम इस्लामिक संस्थान है, उस पर सरकारी साजिश के तहत हमला कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि:

सरकार ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ होने वाले जलसे से घबराकर पुलिस और प्रशासन की मदद से सियासी मुसलमानों का इस्तेमाल कर इमारत-ए-शरिया को निशाना बनाया।


वोट और फायदे की राजनीति का आरोप

अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि जो मुसलमान आज वक्फ बिल के समर्थन में खड़े हैं, वो या तो चुनावी टिकट चाहते हैं या फिर सरकारी फायदे की उम्मीद में सरकार के तलवे चाट रहे हैं। उन्होंने आगे कहा:

कुछ दीन के नाम पर दिखने वाले मुसलमान भी जमीन या लाभ के लोभ में सरकार के पक्ष में बोल रहे हैं। ऐसे लोगों का न कोई ईमान है, न ही ये रसूल के रास्ते पर हैं।


मुसलमानों से एकजुटता की अपील

वीडियो के अंत में अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब देशभर के मुसलमानों को एकजुट होकर वोट की ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा:

अगर हम अब भी चुप रहे, तो ये पाखंडी लोग हमारी कौम को दीमक की तरह खा जाएंगे। अगले चुनाव में इन्हें हराना और इनका पर्दाफाश करना जरूरी है।


वीडियो का असर और प्रतिक्रिया

करीब 10 मिनट लंबे इस वीडियो बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस को जन्म दे दिया है। मुस्लिम समाज के कई तबकों से अफजल अमानुल्लाह के बयानों को समर्थन मिल रहा है, वहीं सरकार समर्थक मुस्लिम चेहरे इस पर अब तक खामोश हैं।

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