तेलंगाना: आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी गजवेल में हिंदू संगठनों की तनाव फैलाने की कोशिश,झड़प के बाद 8 एफआईआर, 14 गिरफ्तार
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,हैदराबाद
तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के गजवेल शहर में हिंदू संगठनों द्वारा सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश को स्थानीय पुलिस ने नाकाम कर दिया. नशे में धुत एक मुस्लिम व्यक्ति की आपत्तिजनक हरकत करने के बाद पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया. बावजूद इसके हिंदू संगठनों ने इसकी आड़ में इलाके में तनाव फैलाने की कोशिश की.
सियासत डाॅट काम की खबर के अनुसार,सिद्दीपेट जिले के गजवेल शहर में दो समूहों के बीच सांप्रदायिक झड़प के सिलसिले में कम से कम 14 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पुलिस आयुक्त एन स्वेता ने कहा कि अब तक 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं. जांच चल रही है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने झड़पों में दक्षिणपंथी संगठनों की संलिप्तता से भी इनकार किया. “कोई संगठन नहीं हैं. हमने वर्तमान जांच के आधार पर व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. ”
गजवेल झड़प: क्या हुआ
गजवेल में पिछले चार दिनों से सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है. इसकी शुरुआत मंगलवार को हुई, जब सिंगापुर के रहने वाले 24 वर्षीय मोहम्मद इमरान को मराठा शासक शिवाजी की मूर्ति का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. आरोप था कि इमरान ने मूर्ति के पास पेशाब कर दिया, जिससे स्थानीय लोग नाराज हो गए.घटना के समय इमरान नशे में था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया, पीटा और थाने पहुंचा दिया.
भगत यूथ एसोसिएशन के सदस्यों की शिकायत के आधार पर, इमरान को गिरफ्तार कर लिया गया और धारा 294 (अश्लील हरकतें ), 294 (बी) (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गीत या शब्द गाना, सुनाना या बोलना), 295 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा), भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (भड़काने के लिए किसी का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज कर दिया गया.
उसी दिन, गजवेल पुलिस ने इमरान की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए मोहम्मद जहीर, मोहम्मद अखिल, मोहम्मद गौस, मोहम्मद चांद पाशा, मोहम्मद शारुख खान, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद वाजिद, मोहम्मद लड्डू शारुख और मोहम्मद खलीम पर भी मामला दर्ज किया.
प्रतिमा के कथित अपमान की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई, जिसके परिणामस्वरूप उसी दिन दो धार्मिक समूहों के बीच झड़प हो गई.
इसके बाद, स्थानीय भाजपा, विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने इमरान के खिलाफ कार्रवाई और घटना की गहन जांच की मांग करते हुए रास्ता रोको प्रदर्शन किया. उन्होंने इसे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला सुनियोजित कदम बताया.
सड़क पर नारे लगाने और यातायात में बाधा डालने के आरोप में नवीन, बेगमपेट स्वामी, मनोहर यादव और अन्य लोगों के खिलाफ गजवेल पुलिस ने एक और प्राथमिकी दर्ज की.घटना के बाद सुरक्षा कड़ी करने के लिए पूरे शहर में भारी पुलिस तैनाती की गई.इस बीच, गुरुवार को गजवेल के कुछ हिस्सों में दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे.कई हिंदू संगठनों ने हड़ताल का आह्वान किया है. कस्बे में निषेधाज्ञा सीआरपीसी धारा 144 लागू थी.
गौरतलब है कि 4 जुलाई को कैसीनो आयोजक चिकोटी प्रवीण ने बिना अनुमति के रैली निकाली थी. वह लोगों के एक समूह को शिवाजी की प्रतिमा के पास ले गए और उस पर माल्यार्पण किया.
हालांकि, जल्द ही उन पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया गया. सिद्दिपेट कमिश्नर ने बताया, उसका शहर में कोई व्यवसाय नहीं था.
पुलिस ने चिकोटी प्रवीण के अलावा कई अन्य लोगों के खिलाफ भी अंबेडकर चैराहे पर धरना देने और गड़बड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.
मदीना मस्जिद, गजवेल शरीफ में आयोजित एक रैली के दौरान पथराव की खबरें भी सामने आई थीं, जिसके बाद आरोपियों की पहचान की गई और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
फेक न्यूज से बचेंः पुलिस कमिश्नर
यह कहते हुए कि गुरुवार को शहर में स्थिति शांत थी, पुलिस आयुक्त एन स्वेता ने नागरिकों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली फर्जी खबरों से बचने का आग्रह किया.एक ट्विटर संदेश में उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है. अफवाहों पर विश्वास न करें.