मस्जिद-ए-नबवी के निकट की तीन अनमोल मस्जिदें और मक्का क्लॉक टॉवर में छुपा है अद्भुत राज
Table of Contents
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मक्का
मक्का और मदीना का सफर करते समय हज और उमराह के लिए आने वाले लोगों को अक्सर कई महत्वपूर्ण इस्लामी स्थलों की जानकारी नहीं होती. इस लेख में हम आपको मक्का की तीन खास मस्जिदों और मक्का क्लॉक टॉवर के रहस्यों से परिचित कराएंगे. अगली बार जब आप मक्का जाएं, तो इन खास स्थानों का अवश्य दौरा करें.
मस्जिद-ए-नबवी के पास की तीन मस्जिदें
मस्जिद-ए-नबवी इस्लाम में मस्जिद अल-हरम के बाद सबसे पवित्र मस्जिद है. इसके पास की तीन मस्जिदों का इस्लाम के इतिहास में बहुत महत्व है. मदीना जाने पर इन तीन मस्जिदों को अपनी बकेट लिस्ट में ज़रूर शामिल करें.
अल-ग़मामा की मस्जिद
यह वह मस्जिद है, जहाँ पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने एक से अधिक बार ईद की नमाज़ अदा की थी.
मस्जिद अबू बकर
यह वह मस्जिद है, जहाँ अबू बकर (आरए) ने अपनी खिलाफत के दौरान ईद की नमाज़ का नेतृत्व किया था.
मस्जिद अली
यह वह मस्जिद है, जहाँ अली इब्न अबी तालिब (आरए) ने अपनी खिलाफत के दौरान ईद की नमाज़ का नेतृत्व किया था.
मक्का क्लॉक टॉवर का रहस्य
मक्का क्लॉक टॉवर पवित्र काबा के सामने स्थित है और 2013 में इसका उद्घाटन हुआ था. यह टॉवर दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची इमारत है, जिसकी ऊंचाई 607 मीटर है और इसके ऊपर एक सुनहरा अर्धचंद्राकार है.
इसके अंदर क्या है?
विशाल अर्धचंद्राकार कमरे की सतह पर एक बहुत ही खास कमरा है जो केवल प्रार्थना के लिए समर्पित है. यह कमरा दुनिया में इबादत के लिए सबसे ऊंचा स्थान है.
गुप्त कमरे तक कैसे पहुँचें?
इस कमरे तक पहुँचने के लिए हाई स्पीड लिफ्ट का उपयोग किया जा सकता है. लिफ्ट से उतरने के बाद 18 मीटर पैदल चलना पड़ता है या चेयरलिफ्ट का उपयोग किया जा सकता है. अत्यधिक ऊँचाई के कारण एक सामान्य व्यक्ति यहाँ नहीं जा सकता.
लागत क्या है?
इस टॉवर के अंतिम निर्माण में लगभग 1 बिलियन डॉलर की लागत आई थी.
एलईडी लाइट्स
टॉवर के चारों ओर 2 मिलियन एलईडी लाइट्स लगाई गई हैं, जो रात के समय रोशन होती हैं. इन्हें टॉवर से लगभग 17 किलोमीटर दूर से देखा जा सकता है.इस लेख से आपको मक्का और मदीना के महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारी मिली होगी. अगली बार जब आप वहां जाएं, तो इन स्थलों का अवश्य दौरा करें.