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यूपी विधानसभा चुनाव: साइकिल पंचर कर बीजेपी के लिए वरदान बनी एआईएमआईएम

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का प्रदर्शन पूरी तरह विफल माना जा रहा है. जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की को महज 4.51 लाख वोट मिले. दूसरे शब्दों में, यूपी में 15.02 करोड़ मतदाताओं में एआईएमआईएम को केवल 0.49 प्रतिशत ने वोट किया। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की पहली पसंद बन गई और मुसलमानों की मदद से अपनी सीटों और वोट शेयर को बढ़ाने में कामयाब रही, लेकिन कई सीटों पर मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन भी उसके रास्ते में रोड़ा बन गई.

विवरण के अनुसार, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन ने उत्तर प्रदेश की 100 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन एक भी सीट जीतने में असफल रही. आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट को छोड़कर बाकी सभी 94 सीटों पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके. मुबारकपुर से एआईएमआईएम ने दो बार के एमपीए शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया था. उन्होंने पिछले साल नवंबर में बसपा से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होने की बात कही गई, लेकिन फिर बात नहीं बनी और वह मजलिस में शामिल हो गए.

यूपी की 7 सीटों पर समाजवादी पार्टी की हार में आईएमआई की भूमिका

हालाँकि, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों पर करीब से नजर डालने से पता चलता है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन (।प्डप्ड) ने सात सीटों पर समाजवादी पार्टी को हराने में अहम भूमिका निभाई है. एआईएमआईएम का खाता भले ही न रहा हो, लेकिन इसने कई सीटों पर मुस्लिम वोट बांटकर समाजवादी गठबंधन के उम्मीदवारों को हराने में अहम भूमिका निभाई.

उदाहरण के लिए, मुरादाबाद शहर की सीट से बीजेपी उम्मीदवार रितेश कुमार गुप्ता को 148,384 वोट मिले और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मुहम्मद यूसुफ अंसारी पर केवल 782 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. इस सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी वकी राशिद को 2661 वोट मिले. बसपा और कांग्रेस ने भी रितेश गुप्ता के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए थे. अगर मुरादाबाद में मुस्लिम वोट का बंटवारा नहीं होता तो बीजेपी प्रत्याशी के लिए जीतना नामुमकिन होता. यहां बसपा के इरशाद हुसैन को 14013 और कांग्रेस के रिजवान कुरैशी को 5351 वोट मिले.

इसी तरह एआईएमआईएम के उम्मीदवार बारा बांकी सीट, जौनपुर के साहिब गंज, सुल्तानपुर सदर, भदोही के उरई, बिजनौर, सुल्तानपुर के असोली, सहारनपुर के नक्कर, प्रतापगढ़ की रानी गंज, रामनगर और डोमरिया गंज, बिजनौर की धामपुर सीट से चुनाव लड़े और हार गए. समाजवादी उम्मीदवारों की

समाजवादी पार्टी के लिए एक अच्छी बात यह रही कि उसने जिन 95 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 58 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को कांग्रेस के उम्मीदवारों से ज्यादा वोट मिले. ओवैसी के एआईएमआईएम से सिर्फ 36 सीटों पर आगे थी कांग्रेस. एक जानकारी के अनुसार ओवैसी की पार्टी के कारण बीजेपी सात सीटों पर मात्र 200 मतों के अंतर से, 23 सीट 500 वोटों, 46 सीट 1000 वोटों और 86 वोट 2000 मतों के अंतर से जीतने में सफल रही. शायद इसलिए ही एआईएमआईएम को बीजेपी की की बी टीम कहा जाता है.
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