भारत में कितनी वक्फ संपत्ति है ? इसे बचाना हम सब की जिम्मेदारी : जमात-ए-इस्लामी हिंद
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मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
वक्फ इस्लाम की एक महत्वपूर्ण संस्था है, आमतौर पर इसके उपयोगितावादी पहलू को ही देखा जाता है, लेकिन साथ ही, वक्फ इस्लाम की संपूर्ण आर्थिक अवधारणा और इस्लामी अर्थशास्त्र प्रणाली भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्तंभ है. अमीर लोग समाज की एक विशेष आवश्यकता को पूरा करने के लिए अपनी धन और संपत्ति को समर्पित कर देते थे. दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ की जायदाद भारत में हैं. वक्फ़ का 70 से 80 प्रतिशत वक्फ बोर्ड के नियंत्रण से बाहर है और शेष 20 से 30 जो वक्फ बोर्ड के अधीन है वह भी कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के शिकार है. इसलिए, वक्फ की सुरक्षा, इसकी पुनरुद्धार और इसे बचाना हम सब की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और दायित्व है. उक्त बातें जमात-ए-इस्लामी हिंद द्वारा आयोजित दो दिवसीय वक्फ़ जागरूकता कार्यक्रम में जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कही.
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि वक्फ को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना है. निगरानी करना सरकार की कार्रवाई, अदालतों में क्या हो रहा है और मीडिया में क्या चर्चा चल रही है. इसके साथ ही तीसरा महत्वपूर्ण काम राज्य वक्फ बोर्ड को सक्रिय करने का प्रयास करना है.
वक्फ बोर्ड की संपत्ति
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी) के माध्यम से कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कियाती योजना (क्यूडब्ल्यूबीटीएस) नामक योजना लागू करता है, जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है. इस योजना के तहत एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। यह समर्पित ऑनलाइन पोर्टल कंप्यूटरीकरण, वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और अतिक्रमण को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) मैपिंग के लिए वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएएमएसआई) है. WAMSI पर वक्फ संपत्ति का विवरण संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड (एसडब्ल्यूबी) द्वारा दर्ज किया गया है.
दिसंबर, 2022 तक कुल 8,65,646 वक्फ अचल संपत्तियों और 3,53,850 वक्फ संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग WAMSI पोर्टल पर दर्ज की गई है.वक्फ अधिनियम 1995 (2013 में संशोधित) की धारा 40 के अनुसार, राज्य वक्फ बोर्ड को किसी भी प्रश्न पर निर्णय लेने का अधिकार है कि क्या कोई विशेष संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं या वक्फ सुन्नी वक्फ है या शिया। वक्फ. बोर्ड, ऐसे कारण पर विधिवत विचार करने के बाद, जो नोटिस के अनुसरण में दिखाया जा सकता है . जांच करने के बाद, जैसा वह उचित समझे, मामले पर निर्णय लेता है. उक्त प्रावधान के तहत किसी प्रश्न पर बोर्ड का निर्णय, जब तक कि ट्रिब्यूनल द्वारा रद्द या संशोधित नहीं किया जाता, अंतिम होगा.यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने दी.
वक्फ लोगों की सेवा का एक विशिष्ट रूप है
वहीं, डॉ. मोहम्मद रजीउल इस्लाम ने कहा कि वक्फ लोगों की सेवा का एक विशिष्ट रूप है, जिसे कुरान और हदीस में प्रोत्साहित किया गया है. हर युग और हर क्षेत्र में मुस्लिम शासकों और धनाढ्य लोगों ने बड़ी-बड़ी संपत्तियां समर्पित की है. जिस काम के लिए यह किया गया है, उसमें इसे जारी रखना जरूरी है.
वक्फ की निगरानी एक बड़ी जिम्मेदारी है
डॉ. मुहयिद्दीन ग़ाज़ी ने कहा कि अपनी बहुमूल्य संपत्ति को अच्छे कार्यों के लिए समर्पित करना कोई मामूली बात नहीं है, अच्छाई का सच्चा और गहरा जुनून ही इसकी प्रेरणा है. जिस भावना से संपत्ति समर्पित की जाती है, उसी भावना से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और देखभाल करना आवश्यक है, ऐसे में वक्फ की नेमतों से समाज को लाभ मिल सकेगा. वक्फ की निगरानी एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें लापरवाही या कोताही बहुत बड़ा धोखा है.
इनके अलावा सैयद महमूद अख्तर (पूर्व निदेशक, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार), डॉ. जफर महमूद (अध्यक्ष, जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया), अकरम अल जब्बार (पूर्व आयकर आयुक्त, महाराष्ट्र), मोहम्मद अफजाल उल हक (सहायक कानून अधिकारी, सेंट्रल वक्फ काउंसिल), जावेद अहमद (वक्फ वेलफेयर फॉरम), हसीब अहमद (पूर्व संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय) समेत आदि ने अपने विचार रखे.