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देखें वीडियो : भागवत की नसीहत पर भड़के ओवैसी, कहा-मुसलमान को डरा कर देश का ध्यान मूल मुद्दे से भटकाने की कोशिश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

एआईएमआईएम के सदर ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को उनके उस बयान पर आड़े हाथों लिया है, जिसमें उन्हांेने इस्लाम-मुसलमानों को नहीं डरने और बड़बोलापन छोड़ने की नसीहत दी है.

इसके जवाब में ओवैसी ने कहा, ‘‘हमें यह बताने वाले मोहन भागवत कौन हैं कि हमें अपनी आस्था का पालन कैसे करना चाहिए? हमने हमेशा समानता की बात की है. भागवत अपनी विचारधारा को सर्वोच्च मानते हैं.’’

बता दूं कि भागवत ने अपने बयान में मुसलमानांे को बड़बोला कहा था और उन्हें यह नसीहत दी थी कि वे भूल जाएं कि उन्हांेने कभी इस देश पर राज किया था. हालांकि अपने बयान में उन्होंने हिंदू और सनातन धर्म के समृद्ध इतिहास और बहादुरी के जमकर गीत  गाए.

इसके जवाब मंे ओवैसी ने कहा, हिंदुओं ने 1000 साल तक युद्ध लड़ा है. लेकिन 8 साल से उनके स्वयंसेवक पीएम हैं, जंग खत्म क्यों नहीं हो रही? एआईएमआई  प्रमुख ए ओवैसी ने कहा,
आरएसएस संवैधानिक समानता में विश्वास नहीं करता है. आरएसएस जानता है कि ज्वलंत मुद्दा बेरोजगारी और महंगाई है, इसलिए वह इन मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहता है. इसलिए इस तरह के बयान दे रहा है.

उन्हांेने भागवत को को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे आंतरिक (सुरक्षा) खतरों के बारे में बात नहीं करते है. आरएसएस प्रमुख ने एकता का कोई संदेश नहीं दिया. वह युद्ध के संदर्भ में उकसा रहे हैं. वह मुसलमानों को धर्म का पालन करने की अनुमति देने वाले कौन होते हैं? आरएसएस भारत की विविधता और बहुलवाद से इतना डरा हुआ क्यों है ?

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

हालांकि, आरएसएस के हिमायती अॉल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि भारत में मुसलमान सुरक्षित हैं और आजाद माहौल में रह रहे हैं. मौलवी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है.

मौलाना बरेलवी ने कहा, मुसलमान सुरक्षित हैं और किसी से या किसी चीज से नहीं डरते. जो नेता मुसलमानों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वे  समुदाय के हितैषी नहीं हैं. बरेलवी ने कहा कि सुन्नी-सूफी-बरेलवी समुदाय बहुसंख्यक है और केंद्र और राज्य सरकारों को सरकार में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि ‘कुछ बड़ा पाने’ या ‘किसी बड़ी मुसीबत’ से खुद को बचाने के लिए देश के कुछ तथाकथित सूफी संत आजकल आरएसएस और बीजेपी की बोली बोल रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव की आहट और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी के बाद यह आवाज और बुलंद हो गई है.

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