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फारूक अब्दुल्ला ने क्यों कहा -क्या केसरिया हिंदुओं का है और हरा मुसलमानों का ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

शाहरुख खान की नई फिल्म पठान में दीपिका पादुकोण के भगवा रंग के कपड़े पहनने पर कई भाजपा नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समर्थन में सामने आए हैं. फिल्म और भगवा को हिंदुओं से और हरे रंग को मुसलमानों से जोड़कर विभाजन पैदा करने के लिए ऐसे तत्वों की आलोचना की है.

अब्दुल्ला ने कहा, शाहरुख खान की नई फिल्म (पठान) में भगवा रंग के कपड़े पहनने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. क्या इसका मतलब यह है कि केसरिया हिंदुओं का है और हरा मुसलमानों का ? यह क्या है? गाय हिंदुओं की है और बैल मुसलमानों का?
 
अब्दुल्ला ने सलाह देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि सभी धर्मों के लोग भाईचारे का पालन करें ताकि देश जीवित रह सके.अब्दुल्ला ने कहा, यह सच है कि भारत में नफरत बढ़ी है, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है. हमें एकजुट रहना होगा. इसे नफरत खत्म करना होगा. अगर इस देश को जीवित रखना है, तो सभी धर्मों के लोगों को भाईचारे का पालन करना चाहिए.

उनका इशारा राजद नेता एबी सिद्दीकी की ओर था.गौरतलब है कि राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि उन्होंने अपने बेटे और बेटी को विदेश में नौकरी करने और वहां की नागरिकता लेने के लिए कहा.हाल ही में रिलीज हुए बेशर्म रंग गाने से उत्पन्न विवाद के मद्देनजर अयोध्या के एक संत ने शाहरुख खान को जिंदा जलाने की धमकी दी है. सुपरस्टार की आने वाली फिल्म पठान का एक नृत्य दृश्य जिसमें दीपिका पादुकोण और खान हैं, इसको लेकर कट्टरपंथी विवाद खड़ा करने के प्रयास मंे हैं. इसमें एमपी के एक राजनेता भी लगे हुए हैं.

बता दें कि पत्रकारों से बात करते हुए, तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने भी कहा कि वह अदालत में किसी का भी बचाव करेंगे जो अभिनेता को जला देगा.उन्हांेने सिनेमाघरों में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया. कहा कि अगर फिल्म को किसी भी सिनेमा हॉल में प्रदर्शित किया जाता है, तो उस सिनेमा हॉल को जला दिया जाएगा.

तथाकथित साधू ने शाहरुख खान की फिल्म के बारे में कहा कि उन्होंने हमारे भगवा रंग का अपमान किया है. ऐसी फिल्मों का बहिष्कार किया जाना चाहिए. शाहरुख खान ने पैगंबर के खिलाफ कोई वेब सीरीज नहीं बनाई है, क्योंकि उनमें दम नहीं है.वह केवल सनातन धर्म का अपमान करते हैं. सनातन धर्म का अपमान धन कमाने का साधन बना दिया गया है. सनातन धर्म का अपमान किया तो मौत की सजा दी जाएगी. मैं शाहरुख को देख लूंगा तो जिंदा जला दूंगा.

शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के गाने बेशरम रंग में एक डांस सीक्वेंस दिखाया गया है, जो रिलीज होने के बाद से विवादों में है.इस गाने की कड़ी आलोचना हो रही है और बीजेपी के कई नेताओं ने भी आपत्ति जताई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा, पहली नजर में गाने में कॉस्ट्यूम्स आपत्तिजनक हैं. साफ दिख रहा है कि फिल्म पठान के गाने को गंदी मानसिकता के साथ शूट किया गया है.मिश्रा का बयान गाना रिलीज होने के दो दिन बाद आया था.

उन्हांेने कहा,मुझे नहीं लगता कि यह सही है. मैं फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को इसे ठीक करने के लिए कहूंगा. इससे पहले भी दीपिका पादुकोण जेएनयू में टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में आई थी. इसलिए उनकी मानसिकता लोगों के सामने आ गई है.मेरा मानना है कि इस गाने का नाम बेशरम रंग भी अपने आप में आपत्तिजनक है और जिस तरह केसरिया और हरे रंग को पहना गया है, गाने के रंग, बोल और फिल्म का टाइटल सही नहीं है. इसमें सुधार की आवश्यकता है. ऐसा नहीं किया गया तो हम विचार करेंगे कि क्या मध्य प्रदेश में इसके प्रसारण की अनुमति दी जानी चाहिए.

राजद के अब्दुल सिद्दीकी ने  अपनी टिप्पणी स्पष्ट की

उधर, लालू प्रसार की पार्टी राजद के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, जिन्होंने हाल ही में भारत में मुसलमानों के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाया था. कहा था कि उन्होंने अपने बच्चों को नौकरी पाने और विदेश में बसने की सलाह दी है. , शुक्रवार इसमें मामले में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी यह टिप्पणी एक ऐसे कार्यक्रम में की गई थी जहां पूर्व न्यायाधीश, नौकरशाह और बुद्धिजीवी मौजूद थे.

सिद्दीकी ने कहा, मैंने यह बात एक कार्यक्रम में कही थी, जहां पूर्व न्यायाधीश, नौकरशाह और बुद्धिजीवी मौजूद थे. मैंने पूछा था कि अगर छात्रों को यहां मौका मिलता है, तो वे विदेश क्यों जाएंगे? कुछ लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत का इस्तेमाल कर रहे है. उन्होंने कहा, बहुत सारे बहुसंख्यक समुदाय व्यापार कर रहे हैं और दूसरे देशों में नागरिकता प्राप्त कर रहे हैं.

राजद नेता ने पिछले सप्ताह बिहार में एक कार्यक्रम में कहा, मेरा एक बेटा है जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ता है और एक बेटी है जो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पास आउट हुई है. मैंने अपने बेटे और बेटी को वहां (विदेश में) ही काम करने और नागरिकता प्राप्त करने के लिए कहा है.

सिद्दीकी को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, मैंने उनसे कहा कि (भारत में) माहौल ऐसा है कि मुझे नहीं पता कि वे इसे सहन कर पाएंगे या नहीं.सिद्दीकी की टिप्पणी की भाजपा नेताओं ने आलोचना की है. रांची से बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सिद्दीकी की टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा, अगर उन्हें डर लग रहा है तो उन्हें डरना चाहिए. अगर वह देश से जाना चाहते हैं, तो उन्हें जाना चाहिए और दूसरों को भी अपने साथ ले जाना चाहिए. उन्होंने कहा, यह मोदी का देश है. यहां हर कोई समान है. कोई खास नहीं है.

इसपरजम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह सच है कि भारत में नफरत बढ़ी है, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है. हमें एकजुट रहना होगा और इसे (नफरत) खत्म करना होगा.