Religion

इस्लाम में हलाल कमाई क्यों महत्वपूर्ण है ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इस्लाम में हलाल क्या है और हलाल कमाई किसे कहते हैं ? ये दो ऐसे महत्वूपर्ण सवाल हैं, जिसका जवाब ढंढने की अक्सर लोग कोशिश करते हैं. विशेष कर तब जब हलाल को लेकर किसी तरह का विवाद खड़ा हो जाए. अभी भारत के उत्तर प्रदेश की सरकार ने हलाल सर्टिफीकट वाले सामानों की बिक्री को अवैध घोषित कर दिया है. यूपी की योगी सरकार को ऐसा लगता है कि इससे किसी धर्म विशेष को अधिक तरजीह दी जा रही है. जबकि ऐसा नहीं है.

इस्लाम जीवन जीने की एक शैली है और इसमें हलाल का बहुत महत्व है. यहां तक कि इस्लाम में बेईमानी से बचने और हक-हलाल की कमाई पर विश्वास करने का हुक्म है. ‘कानूनी और अवैध कमाईः एक साहित्य समीक्षा’ यह एक किताब का नाम है, जिसमें विशेष तौर से हलाल कमाई यानी इस्लामिक नजरिए से वैध कमाई का विस्तारपूर्वक जिक्र है.

इस किताब को अमीनू याकूबू ने लिखा है और इसे इस्लामी विकास प्रबंधन अध्ययन केंद्र (आईएसडीईवी), अदामावा स्टेट पॉलिटेक्निक, योलाय अदामावा स्टेट पॉलिटेक्निक, योला द्वारा प्रकाशित किया गया है. इसके प्रकाशन में हरुना यावले कानूनी अध्ययन महाविद्यालय, योला की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस किताब में बताया गया है-

धन अल्लाह के अथाह आशीर्वादों में से एक है जो उसने इंसानों को दिया है. धन प्राप्ति के लिए अनेक प्रावधान हैं. मानव जीवन में कमाई जीवन को सार्थक बनाने में अहम भूमिका निभाती है. इस किताब का उद्देश्य इस बात पर चर्चा करना है कि कैसे इस्लाम मुस्लिमों की कानूनी कमाई को प्रोत्साहित और निर्धारित करता है और मुस्लिमों की अवैध कमाई को कैसे रोकता है. साहित्यिक निष्कर्षों के आधार पर यह पुस्तक कानूनी और अवैध आय अर्जन से संबंधित इस्लामी फैसलों के बारे में बताती है.

यह बहुत आम बात है कि कोई भी मुसलमान वैध और अवैध कमाई के बीच अंतर करने में सक्षम हो. हालाँकि, यह एक चैंकाने वाली घटना और दुखद तथ्य है कि बड़ी संख्या में मुसलमान अब वैध और अवैध कमाई के बीच अंतर नहीं कर पाते. कुछ लोग पैसा कमाने और अवांछनीय व्यवसायों में रोजगार की तलाश में लगे रहते हैं. इस पुस्तक में एक बुनियादी गुणात्मक शोध डिजाइन का उपयोग किया गया है.

सभी डेटा का विश्लेषण विशेष रूप से कुरान, हदीस और संबंधित साहित्य से प्राप्त द्वितीयक डेटा का उपयोग करके यह बताया गया है कि हलाल कमाई क्या है. इसके निष्कर्षों से पता चलता है कि इस्लाम में अवैध कमाई पर रोक के साथ इस्लाम में कानूनी कमाई को प्रोत्साहित करने और अवैध कमाई में लगे व्यक्ति के लिए सजा का भी प्रावधान है.एक मुसलमान के लिए इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि वह कैसे कमाता है और कैसे खर्च करता है, क्योंकि हराम कमाई शरीर को दोजख में ले जाएगा. मानव जाति का कल्याण कानूनी कमाई पर ही निर्भर है. अवैध कमाई मनुष्य के लिए दुर्भाग्य को निमंत्रण देती है. कानूनी तरीके से आय अर्जित करना एक मुसलमान पर अनिवार्य कर्तव्य है.

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