जकार्ता से क्यों स्थानांतरित हो रही है इंडोनेशिया की राजधानी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो ,नई दिल्ली
मुस्लिम आबादी के लिहाज से दुनिया के नंबर एक देश इंडोनेशिया की सरकार जकार्ता से देश की राजधानी को स्थानांतरित करने के लिए तेजी से काम कर रही है. अमेरिकी न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, ईस्ट बोर्नियो के जंगल में इंडोनेशिया की नई राजधानी का निर्माण शुरू हो गया है.
इंडोनेशियाई अधिकारियों का कहना है कि नया शहर 2045 तक पर्यावरण के अनुकूल और शून्य कार्बन उत्सर्जन होगा.ध्यान रहे कि जकार्ता, इंडोनेशिया की वर्तमान राजधानी, घनी आबादी वाला है और पर्यावरण प्रदूषण के अलावा भूकंप का केंद्र रहा है.
हाल के वर्षों में, ऐसी खबरें आई हैं कि जकार्ता शहर धीरे-धीरे जावा सागर में डूब रहा है.दूसरी ओर, पर्यावरणविद ईस्ट बोर्नियो के जंगल में नई राजधानी के निर्माण को लेकर चिंतित हैं.पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि निर्माण से बड़े पैमाने पर वनों की कटाई होगी और इस कदम से वहां रहने वाले लुप्तप्राय वन्यजीवों को भी नुकसान होगा.
पूर्वी बोर्नियो के जंगल भूरे गोरिल्ला के घर है.इंडोनेशिया की नई राजधानी के स्थान तक पहुंच बहुत सीमित है. एसोसिएटेड प्रेस संवाददाताओं को मार्च की शुरुआत में साइट के कुछ हिस्सों तक पहुंच की अनुमति दी गई थी जहां निर्माण चल रहा था.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता की आबादी लगभग दस लाख है. इस शहर को दुनिया का सबसे तेजी से डूबता शहर बताया जा रहा है. कहा जाता है कि साल 2050 तक शहर का एक तिहाई हिस्सा समुद्र में समा जाएगा.जकार्ता के डूबने का एक कारण जमीन से निकाला गया पानी है, जिसे सरकार नियंत्रित नहीं कर पाई है, और दूसरा प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप समुद्र के स्तर का बढ़ना है.
इस शहर की हवा और भूमिगत जल अत्यधिक प्रदूषित है. जकार्ता में भी अक्सर बाढ़ आती है.जकार्ता से लगभग 2,000 किलोमीटर उत्तर पूर्व में इंडोनेशिया की नई राजधानी में सरकारी भवनों के बनने के बाद लगभग 1.5 मिलियन सिविल सेवकों को शुरू में स्थानांतरित किया जाएगा. नुसंत्रा राष्ट्रीय राजधानी प्राधिकरण के अध्यक्ष बेमबांग सुसांतुनो ने कहा कि नई राजधानी के लिए एक फॉरेस्ट सिटी का विचार सामने रखा जाएगा, जिसके तहत इसके 65 प्रतिशत क्षेत्र में फिर से वनीकरण किया जाएगा.