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क्या एनआरसी, सीएए, तीन तलाक को लेकर देश का माहौल फिर गर्म होगा ? इनको चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एदार-ए-सरिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, पटना

लगता है एक फिर देेश का माहौल तीन तलाक, सीएए और एनआरसी को लेकर गर्म होने वाला है. कोरोना संक्रमण के आने के बाद एक तरह से यह मुद्दा गौन हो गया था, पर एक बार फिर इसको लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है.

इस कड़ी में जदयू नेता गुलाम रसूल बलयावी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी), नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और देश में तीन तलाक पर प्रतिबंध को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट और पुनरीक्षण याचिका दायर की है. जिस पर भाजपा नेताओं गुस्से वाली प्रतिक्रिया आ रही है. बलयावी एदार-ए-सरिया नामक एक मुस्लिम निकाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. सुप्रीम कोर्ट सीएए और एनआरसी के खिलाफ 2 दिसंबर को रिट याचिका पर सुनवाई करेगा, जबकि तीन तलाक पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 6 दिसंबर को होगी.

बलियावी ने कहा- हमने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट और पुनरीक्षण याचिका दायर की है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय के लोग इन प्रावधानों से संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें लागू करने से पहले उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया. इन मामलों में हम सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा, लोकसभा और राज्यसभा में जब तीन तलाक बिल पेश किया गया तो जदयू ने सदन से वॉकआउट कर दिया था. हमने बिल का समर्थन नहीं किया। फिर भी यह दोनों सदनों में पारित हो गया.

बलयावी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने कहा, देश में एनआरसी, सीएए और तीन तलाक पर प्रतिबंध रहेगा. जो हिंदुओं की बात करेंगे वह देश पर शासन करेंगे. गजवा-ए-हिंद को यहां अनुमति नहीं दी जाएगी.

हालांकि कोरोना की चाल धीमी होने पर कुछ लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान सीएए और एनआरसी को लेकर इसे हवा देने की कोशिश की थी. मगर बाद में इससे संबंधित लोग किनारे हो गए थे.