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कायमखानी बिरादरी के युवाओं ने सेना में मचाई धूम, बड़ी संख्या में हुए चयनित

अशफाक कायमखानी,जयपुर ( राजस्थान )

राजस्थान के शेखावाटी जनपद सहित अन्य इलाकों में बसे कायमखानी बिरादरी के युवाओं ने भारतीय सेना में बड़ी संख्या में चयनित होकर अपनी वीरता और सैन्य परंपरा को एक बार फिर साबित कर दिया है। हाल ही में घोषित सेना भर्ती के फाइनल परिणामों में इस बिरादरी के सैकड़ों युवाओं ने सफलता प्राप्त की, जिनमें अग्निवीर योजना के तहत चुने गए कई उम्मीदवार शामिल हैं। इस सफलता से समाज में खुशी और गर्व का माहौल है।

कायमखानी बिरादरी: एक गौरवशाली सैन्य परंपरा

कायमखानी बिरादरी का इतिहास वीरता और पराक्रम की मिसाल है। यह समुदाय पीढ़ियों से भारतीय सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों में अपनी सेवाएं देता आ रहा है।

  • स्वतंत्रता से पूर्व: ब्रिटिश भारतीय सेना में इस बिरादरी के सैनिकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
  • भारत-पाक युद्ध (1947, 1965, 1971): इन युद्धों में कायमखानी सैनिकों ने अभूतपूर्व शौर्य का प्रदर्शन किया।
  • कारगिल युद्ध (1999): कई जवानों ने वीरता के लिए पदक प्राप्त किए।

इस समुदाय में सेना और पुलिस की वर्दी पहनना सम्मान की बात मानी जाती है। घर-घर में देशभक्ति की कहानियां सुनाई जाती हैं, जिससे युवाओं में राष्ट्रसेवा की भावना बचपन से ही विकसित हो जाती है।

हालिया सेना भर्ती में सफलता

इस वर्ष घोषित आर्मी भर्ती परिणामों में कायमखानी बिरादरी के सैकड़ों युवा चयनित हुए हैं। सबसे अधिक सफल उम्मीदवार झुंझुनू, चूरू, नागौर, डीडवाना, भादरा और अन्य जिलों से हैं।

झुंझुनू जिले से चयनित उम्मीदवार:

  • समीर खान (भारु), सहबाज खान (भारु), इंजमाम खान (भारु)
  • अय्यान खान (हमीरखा का बास), इरफान खान (हमीरखा का बास)
  • जहीर खान (गांगियासर), आवेश खान (गांगियासर), सोयल खान (गांगियासर)

चूरू जिले से चयनित उम्मीदवार:

  • इरफान खान (झारिया), सहबाज खान (नया बास), साजिद खान (सहजूसर)
  • महफूज खान (सहजूसर), इरफान खान (पितिसर), सहजाद खान (नोसर भदलिया)
  • मोनू (अगुणा मोहल्ला)

डीडवाना-नागौर क्षेत्र से चयनित उम्मीदवार:

  • अरबाज खान (पुत्र इशाक खान, हवलदार), सोहिल खान (पुत्र सिकंदर खान)
  • समीर खान (छोटी बेरी), सिकंदर खान (राजगढ़), नसीर खान (चुन्टिसरा नागौर)

भादरा क्षेत्र से चयनित उम्मीदवार:

  • अली खान (पुत्र रमजान खान), आशिफ खान (पुत्र रमजान खान)
  • इलियास खान, समीर खान (पुत्र रफीक खान)

इसके अलावा, सरदारशहर, कसनाऊ, सियास, मेड़ता सिटी, सोती सहित अन्य क्षेत्रों के भी कई युवा इस बार सेना में शामिल हुए हैं।

कायमखानी युवाओं की सेना में मजबूत उपस्थिति

कायमखानी बिरादरी के कई जवान सेना में उच्च पदों पर भी कार्यरत हैं। यह समुदाय भारतीय सेना में अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है। हाल ही में चयनित कई युवा अपने परिवार की तीसरी या चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं जो सेना में भर्ती हुए हैं।

सेना में सेवाओं का ऐतिहासिक योगदान

  • प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध: कायमखानी बिरादरी के जवान ब्रिटिश भारतीय सेना में कार्यरत थे।
  • भारत-पाक युद्ध: 1947, 1965, 1971 के युद्धों में कई सैनिकों ने वीरता पदक अर्जित किए।
  • कारगिल युद्ध: इस युद्ध में भी इस बिरादरी के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया।

समाज में हर्षोल्लास का माहौल

कायमखानी बिरादरी में इन युवाओं के चयन को लेकर उत्साह है। विभिन्न गांवों में नव-नियुक्त सैनिकों का स्वागत किया गया।

  • स्थानीय नेताओं, सरपंचों और पंचायतों ने इन युवाओं का सम्मान किया।
  • धार्मिक स्थलों पर प्रार्थनाएं की गईं।
  • कई जगहों पर ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाले गए।

युवाओं के माता-पिता और परिवारजन इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। वे कहते हैं कि सेना में भर्ती होकर उनके बच्चों ने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है।

नवचयनित सैनिकों की प्रेरणा

इन सफल युवाओं ने कहा कि उनके चयन का श्रेय उनके माता-पिता, गुरुओं और सेना भर्ती प्रशिक्षण केंद्रों को जाता है।

  • इरफान खान (चूरू) कहते हैं, “बचपन से ही सेना में जाने का सपना था, जो अब पूरा हुआ।”
  • समीर खान (झुंझुनू) कहते हैं, “देश की सेवा करने का मौका मिलना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”

काबिल ए गौर

कायमखानी बिरादरी के युवाओं का भारतीय सेना में चयन न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। इनका साहस, अनुशासन और देशभक्ति आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। यह उम्मीद की जाती है कि आने वाले वर्षों में भी यह बिरादरी भारतीय सेना में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखेगी और राष्ट्र की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देती रहेगी।

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