जहां मुहब्बत और शांति है , वहां खुदा है और जब खुदा है तो किसी और चीज की जरूरत नहीं : सैयद मुहम्मद अशरफ किछौछवी
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अजमेर
जहां भरोसा है, वहां मुहब्बत है. जहां मुहब्बत है, वहां शांति है. जहां मुहब्बत और शांति है , वहां खुदा है और जब खुदा है तो किसी और चीज की जरूरत नहीं. यह कहना है राष्ट्रीय अध्यक्ष अॉल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन सैयद मुहम्मद अशरफ किछौछवी का.
वह दरगाह अजमेर शरीफ झालरा स्तिथि चिश्ती मंजिल अजमेर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कोे संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने सभी को हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैहि के 811वें उर्स की मुबारकबाद दी. कहा कि यह वह बारगाह है जहां से मुहब्बत का पैगाम आम होता है,यहां का संदेश ही मुहब्बत है. यहां नफरत किसी से नहीं है.
उन्हांेने कहा कि सूफी लोगों के यकीन को मजबूत करते हैं, क्योंकि जहां भरोसा है वहां मुहब्बत होती है. जहां मुहब्बत होती है वहीं शांति होती है. जहां शांति है जहां यकीन मुहब्बत शांति है वहां खुदा है और जब खुदा है तो किसी और चीज की जरूरत नहीं बचती. यही सच्चा मार्ग है.
उन्होंने कहा देश को इस समय इस संदेश की बहुत जरूरत है. चंद लोग देश में नफरत का कारोबार कर रहे हैं. उन्हें रोकने का तरीका सिर्फ मुहब्बत है . देश का विकास हो इसके लिए शांति होना आवश्यक है. अभी देश जी 20 की मेजबानी करने जा रहा है. हम चाहते हैं कि भारत एक आध्यात्मिक गुरु के तौर पर विश्व पटल पर जाए तो सूफी विचार को भी सरकार इसमें शामिल करे. देश के विकास के लिए इसकी भलाई के लिए सूफिया की तालीम पर अमल करने वाला अॉल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड हर वक्त काम करने को तैयार है. हुकूमत चाहती है तो हम इस काम में मदद कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड सूफी फोरम का आयोजन कर जिस तरह पहले पूरी दुनिया के सूफी स्कॉलर को आमंत्रित कर इस प्रेम के संदेश को आम करने का कार्य हमने किया ह.ै हम दोबारा देश की फिजा बेहतर करने में मदद करने के लिए ऐसा आयोजन कर सकते हैं. उर्स के मौके पर देश की तरक्की और अमन की दुआ करते हैं.
बोर्ड के महासचिव एवं दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन हाजी सलमान चिश्ती ने कहा कि उर्स के मौके पर हम पूरे मुल्क के लोगों को मुबारकबाद पेश करते हैं. उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ देश का आध्यात्मिक मरकज है, जहां से अध्यात्म का जाम बांटा जाता है जिसे पीने वाला नफरत के करीब भी नहीं जाता. उसके अमल से मुहब्बत आम होती है.हम सब हुजूर गरीब नवाज के संदेश मुहब्बत को लोगों तक पहुंचाने का काम करें ताकि देश में नफरत की कोई कारगुजारी सफल न होने पाए.उन्होंने कहा कि यह समय देश को आगे बढ़ाने का है न कि फिजूल के विवाद में पड़ने का.