मैंने कभी लव जिहाद नहीं कहा, उत्तरकाशी नाबालिग अपहरण मामले में शिकायतकर्ता का खुलासा, हिंदूवादी संगठनों की साजिश से उठा पर्दा !
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, देहरादून
अगर प्रतिष्ठित अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर सच है तो यह बहुत खतरनाक संकेत है. इस खबर से स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी से मुसलमानों को उजाड़ने के लिए ‘लव जिहाद’ की आड़ में एक सोची समझी साजिश रची गई थी.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे के स्थानीय लोगों ने 16 मई को एक नाबालिग लड़की को दो लड़कों, जिसमें से एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम था, के अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया था.नाबालिग के चाचा, जो एक 40 वर्षीय स्कूल शिक्षक हैं, ने लड़कों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इसके आधार पर दोनों लड़कों को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था और इस समय वे जेल में हैं.
हालांकि बाद में कस्बे के लिए चीजें उलटी हो गईं. इस घटना को हिंदूवादी संगठनों ने लव जिहाद का रंग दे दिया. इसके कारण इलाके में लगभग दो सप्ताह तक सांप्रदायिक अशांति बनी रही.लव जिहाद हिंदुत्व के अनुयायियों और दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा गढ़ा गया एक अर्धसत्य है, जिसमें कहा गया है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को प्यार में फंसाते हैं. उन्हें जबरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित करते हैं. अलग बात है कि न तो केंद्र सरकार और न ही न्यायपालिका इस शब्द को मान्यता देती है.
इस मामले में प्रतिष्ठि अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स (एचटी) ने सरकारी स्कूल के शिक्षक से संपर्क किया तो उन्होंने खुलासा किया कि उनकी पुलिस शिकायत में किसी सांप्रदायिक कोण का कोई उल्लेख नहीं है.
शिकायत में नियमित अपराध का जिक्र: नाबालिग के चाचा
गुमनाम रहने की इच्छा जताने वाले शिक्षक ने एचटी को बताया कि घटना के बाद उनका जीवन नरक में बदल गया है. यह कभी लव जिहाद का मामला था ही नहीं. एक नियमित अपराध था. दक्षिणपंथी संगठनों ने इसे सांप्रदायिक मुद्दा बनाने पर जोर दिया. यहां तक कि उन्होंने अपने दम पर हमारे लिए एक पुलिस शिकायत भी तैयार की. हालांकि, न तो पुलिस और न ही मेरे परिवार ने उनकी बातें स्वीकार कीं.
स्कूल शिक्षक ने एचटी से बातचीत में कहा,जिन लोगों ने इसे अंजाम दिया (अपनी भतीजी के अपहरण का प्रयास किया), वे सलाखों के पीछे हैं. न्यायपालिका अब फैसला करेगी. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा अपना रुख बदलने के लिए लगातार कॉल किए जाने से परेशान, स्कूल शिक्षक को अपना मोबाइल नंबर बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्हांेने कहा, मैंने अज्ञात नंबरों से कॉल लेना बंद कर दिया है.
लव जिहाद का मामला हैः बजरंग दल
एचटी ने बजरंग दल के सदस्य विकास वर्मा से बात की. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह घटना लव जिहाद का है. उनके अनुसार,“आरोपी उबेद खान, ने एक हिंदू के रूप में खुद को पेश किया था. यहां तक कि उसका हिंदू नाम से सोशल मीडिया प्रोफाइल भी था. पीड़िता के चाचा की शिकायत इसकी गवाह है. हमारा मकसद सिर्फ अपनी बेटियों को बचाना है.
पुरोला थाना प्रभारी खजान चैहान के अनुसार, घटना के दिन नाबालिग ने दो आरोपियों- 24 वर्षीय उबेद खान और 23 वर्षीय जितेंद्र सैनी से दिशा-निर्देश मांगा था.वे कथित तौर पर एक पेट्रोल पंप के पास मुख्य बाजार क्षेत्र से चले गए और एक ऑटो रिक्शा बुलाया. जब स्थानीय लोगों ने देखा कि नाबालिग को जबरन कार में बैठाया जा रहा है, तो वे उसके बचाव में आए. सैनी और खान भाग गए थे.
भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 366 (नाबालिग लड़की की खरीद) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मुसलमानों का समर्थन करना चाहते हैं लेकिन बहुत डरते हैं
स्कूल शिक्षक ने इस बीच बताया कि नाबालिग अभी भी अपने साथ हुई घटना से सदमे में है. वह बाहर नहीं जाती. वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित है.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह घटना के बाद की साजिश का समर्थन करते हैं ? स्कूल के शिक्षक नकारात्मक जवाब देते हैं.उन्होंने कहा, मैं मुस्लिम समुदाय को अपना समर्थन देना चाहता हूं, लेकिन मैं बहुत डरा हुआ हूं. जब भी मैं फेसबुक खोलता हूं, ज्यादातर समाचार-संबंधी वीडियो कहते हैं कि यह लव जिहाद का मामला है. यह मुझे उदास कर देता है. कोई मुझसे नहीं पूछता कि असल कहानी क्या ह ?
स्कूल के शिक्षक ने कहा कि एक के अपराध के लिए पूरे समुदाय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.29 मई को पुरोला में धमकी भरे पोस्टर दिखाई दिए, जिसमें मांग की गई थी कि मुस्लिम 15 जून तक शहर खाली कर दें. इसके बाद करीब 50 मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया. जो चले गए उन्हें कभी नहीं जाना चाहिए था. मैं उन्हें वापस चाहता हूँ.