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अफगानिस्तान: तालीबान शासन में पर्यटकों की संख्या 120 प्रतिशत बढ़ी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, काबुल

तालिबान शासन के खिलाफ दुष्प्रचार मंे लगे देशों और संगठनों को इस खबर से धक्का पहुंच सकता है. अमेरिकी सैनिकों के लौटने के बाद पटरी पर आया अफगानिस्तान अभी विदेशी पर्यटकांे का पसंदीदा स्थल बन गया है. विदेशी पर्यटक यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं.

तकरीबन दो साल पहले अमेरिकी सैनिकांें के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद इस देश की सत्ता संभालने को लेकर कुछ देश इसकी निरंतर आलोचना कर रहे हैं. जिन देशांे के अब यहां से उल्लू नहीं सध रहे, वे अक्सर इस दुष्प्रचार का हिस्सा होते हैं. फैलाया जा रहा है कि यहां अफगानी महिलालाओं पर जुल्म होता है. उन्हें नौकरियों और उच्च शिक्षा से बाहर कर दिया गया.

यहां तक कि अमेरिका-इजरायल और उनकी नीतियों की हिमायती भी देश यह आरोप लगाते रहते हैं कि अफगानिस्तान मंे आतंकवादी फिर सिर उठाने लगे हैं. इस बहाने की आड़े में अधिकांश देशों ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है.

ऐसे तमाम आरोपों को दरकिनार कर अफगानिस्तान अपने दम पर निरंतर कारनामे कर रहा है. यहां तक कि देश को मान्यता नहीं मिलने के बावजूद वह अपने संसाधनों से अफगानिस्तान का चेहरा बदल रहा है.

इसके लिए तालिबानियांे ने न केवल फलों की खेती बढ़ा दी है, सिंचाई की समस्या से निजात के लिए तालिबान सरकार ने अपने दम पर अफगानिस्तान में एक नहर भी बना दिया है.

अब तालिबान पर्यटन की बदौलत अपनी विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में लगा है.एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबानियांे की नीतियों का असर है कि अफगानिस्तान जाने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 2023 की मुकाबले 120 प्रतिशत तक बढ़ गई. केवल इस वर्ष अब तक अफगानिस्तान में लगभग 5,200 सैलानी पहुंच चुके हैं.

इनका यहां की दरगाहों एवं इबादतगाहों पर भी जमघट लग रहा है.अमेरिकी यात्री ऑस्कर वेल्स भी तालिबान के कई स्थलांे का नजारा लेकर जा चुके हैं.उत्तरी मजार-ए-शरीफ में 15वीं सदी की ब्लू मस्जिद को देखकर 65 वर्षीय वेल्स युद्ध की समाप्ति के बाद से अफगानिस्तान आने वाले यात्रियों की एक छोटी लेकिन बढ़ती संख्या में से एक हैं.

दशकों के संघर्ष ने अफगानिस्तान में पर्यटन को बेहद दुर्लभ बना दिया था, जबकि यहां का अधिकांश पर्यटनस्थल हिंसा की भेंट चढ़ चुका है. इसकी वजह से यहां आने वाले पर्यटकांे को अभी केवल अत्यधिक गरीबी, जीर्ण-शीर्ण सांस्कृतिक स्थल और अल्प आतिथ्य बुनियादी ढांचे ही मिल पा रहे हैं.

बावजूद इसके यहां आने वाले पर्यटक तालिबान अधिकारियों के सख्त नियंत्रण में यहां छुट्टियां मनाने आ रहे हैं. 2021 में पश्चिमी समर्थित सरकार के पतन के बाद अधिकांश दूतावास खाली कर दिए गए हैं.ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकांे को प्रत्येक प्रांत में आने आगमन की जानकारी अधिकारियों को देनी होती है और इसका पंजीकरण कराना होतो है. यहां तक कि पर्यटकों को सख्त ड्रेस कोड का भी पालन करना पड़ता है. यहां तक कि पुलिस और सेना की चैकियों पर तलाशी से भी निपटना पड़ता है.

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अफगानिस्तान आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 2023 में साल दर साल 120 प्रतिशत बढ़कर लगभग 5,200 तक पहुंच गई.महिलाओं पर भारी प्रतिबंधों के कारण तालिबान सरकार को अभी तक किसी भी देश द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन इसने विदेशी पर्यटन का स्वागत किया है.

सूचना और संस्कृति मंत्री खैरुल्ला खैरख्वा ने कहा, अफगानिस्तान के दुश्मन देश को अच्छी रोशनी में पेश नहीं करते हैं.लेकिन अगर ये लोग आएं और देखें कि यह वास्तव में कैसा है.’’ उन्होंने कहा, वे निश्चित रूप से यहां की अच्छी छवि लेकर जाएंगे.

वेल्स अभी ट्रैवल कंपनी अनटैम्ड बॉर्डर्स के साथ अफगानिस्तान की यात्रा पर हैं. यह कंपनी सीरिया और सोमालिया के दौरे कराने के लिए जानी जाती है. पर्यटक अपनी यात्रा को अफगानिस्तान के लोगों से जुड़ने का एक तरीका मानते हैं.

वह संयुक्त राज्य अमेरिका के सैनिकों के प्रस्थान के लिए अपराध की भावना का वर्णन करता है.उन्होंने कहा, मुझे वास्तव में लगा कि हमें एक भयानक निकास मिला है. इसने शून्य और आपदा पैदा कर दी है. इन लोगों की मदद करना और संबंध बनाए रखना अच्छा ह.

एकल यात्री स्टेफनी मायर, 53 वर्षीय अमेरिकी नागरिक, के लिए, जिन्होंने पश्चिम में बामियान और हेरात के रास्ते काबुल से कंधार तक की यात्रा में एक महीना बिताया, उनके लिए यह एक ष्खट्टा-मीठा अनुभव रहा.

उन्होंने कहा, श्श्मैं ऐसे लोगों से मिल पाई हूं जिनके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मिल पाऊंगी. उन्होंने मुझे अपनी जिंदगी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि एक महिला के तौर पर उन्हें खुद किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा.

उन्होंने कहा, उन्हें इस बात पर अविश्वास था कि लोगों को इस तरह रहना पड़ता है. गरीबी, नौकरियां नहीं हैं, महिलाएं स्कूल नहीं जातीं, उनके लिए कोई भविष्य नहीं है.

युद्ध के बाद विदेशियों का अफगानिस्तान दौरा

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अफगानिस्तान आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 2023 में साल दर साल 120 प्रतिशत बढ़कर लगभग 5,200 तक पहुंच गई. तालिबान सरकार को अभी तक किसी भी देश द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन इसने विदेशी पर्यटन का स्वागत किया है. पर्यटक काबुल में कारते सखी तीर्थ का दौरा करने के बाद निकलते है.एक अफगान गाइड काबुल में कार्ते सखी कब्रिस्तान की यात्रा के दौरान एक पर्यटक की तस्वीर लेता है.

मजार-ए-शरीफ के एक गेस्टहाउस में अमेरिकी पर्यटक ऑस्कर वेल्स (आर) रह रहे हैं. यह एक अनोखी जगह है. यह मेरे दिल को छू जाती है. 65 वर्षीय व्यक्ति ने अनूठे देश और पुराने तरीके से रहने वाले लोगों के साथ इसके शानदार पहाड़ों का दौरा किया.