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एग्जिट पोल 2023: मुसलमानों के वोट से कांग्रेस के लिए दो राज्यों में सत्ता वापसी मुमकिन

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली

तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में मुसलमानों के कांग्रेस को एकतरफा वोट देने से इसके दो राज्यों में सत्ता वापसी की उम्मीद है. जबकि मध्य प्रदेश में पार्टी में खींचतान और राजस्थान में मुसलमानों की अनदेखी का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है. मुसलमानों का गहलौत सरकार पर आरोप है कि गोकशी के नाम पर मॉब लिंचिंग करने वालों के विरुद्ध जिनती सख्ती दिखानी चाहिए थी, नहीं दिखाई.

एग्जिट पोल का एक सामूहिक अनुमान है कि गढ़ वाले राज्यों में तीन में से दो में बीजेपी और एक में कांग्रेस को झटका लग सकता है. एग्जिट पोल संकेत दे रहा है कि जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी नौकरी बरकरार रखेंगे, वहीं राजस्थान में उनके समकक्ष अशोक गहलोत को नौकरी गंवानी पड़ सकती है. इस बात की भी प्रबल संभावना है कि मध्य प्रदेश फिर से भाजपा के पास आ जाए.

हालांकि, सबसे बड़ा उलटफेर तेलंगाना मंे देखने को मिल सकता है, जहां 2014 में राज्य की स्थापना के बाद 119 सीटों में से 62  बीआरएस, 44  बीजेपी और कांग्रेस ने सात और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं. इस बार तस्वीर बदल सकती है. कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है.

दूसरी तरफ मिजोरम में कुल मिलाकर छह एग्जिट पोल त्रिशंकु स्थिति के संकेत दे रहे हैं. दो एग्जिट पोल का अनुमान है कि बीजेपी-एमएनएफ के सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत की संभावना बहुत कम है. केवल एक नई पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के लिए व्यापक जीत की भविष्यवाणी की जा रही है.

छत्तीसगढ़ पर 9 एग्जिट पोल के कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए दूसरे कार्यकाल की भविष्यवाणी की गई है, जो पिछले पांच वर्षों से भूपेश बघेल के रिपोर्ट कार्ड पर भरोसा कर रही है. पार्टी को आवंटित सीटों की संख्या 40 से 50 तक के अंतर से मिलने की उम्मीद है. 90 सीटों वाले राज्य में बहुमत का आंकड़ा 46 है. एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स से संकेत मिलता है कि 49 सीटें कांग्रेस और 38 सीटें बीजेपी को मिलेंगी.

हालांकि, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से कांग्रेस के लिए बुरी खबर हो सकती है, जो शायद शिवराज सिंह चैहान को पद से हटाने में सक्षम नहीं होगी. भाजपा के तीन बार के मुख्यमंत्री 2018 में हार के बावजूद 2020 में फिर से सत्ता में आ गए. कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 20 से अधिक वफादार कांग्रेस विधायकों को तोड़कर बीजेपी में शामिल करा दिया था.

9 एग्जिट पोल के कुल मिलाकर संकेत मिलते हैं कि भाजपा राज्य की 230 सीटों में से 124 सीटें जीत सकती है, जहां बहुमत का आंकड़ा 116 है. कांग्रेस को 102 सीटें मिल सकती हैं.सबसे निर्णायक फैसला न्यूज 24-टुडेज चाणक्य का है, जो बीजेपी को 151 सीटें और कांग्रेस को 74 सीटें दे रहा है. अन्य सर्वे का अनुमान है कि कड़ी टक्कर होगी.यह चुनाव भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की अटकलों के बीच हुआ है, जिसने 2004 से राज्य में बड़े पैमाने पर शासन किया है. चार कार्यकाल के साथ, चौहान भाजपा के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्रियों में से एक हैं.

राजस्थान, जो 90 के दशक की शुरुआत से नियमित रूप से सत्ताधारी दल को वोट देता रहा है, स्पष्ट रूप से इस परंपरा पर कायम है, जिससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस प्रवृत्ति को खत्म करने की उच्च उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.नौ एग्जिट पोल में से सात ने भाजपा की आसान जीत की भविष्यवाणी की है. केवल दो में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह जीत सकती है. अधिकांश एग्जिट पोल का अनुमान है कि 200 सदस्यीय सदन में भाजपा की संख्या 100 से ऊपर रहेगी.हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार की मृत्यु के बाद 199 सीटों पर चुनाव हुआ था, लेकिन बहुमत का आंकड़ा 101 होगा.