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गुरुग्राम नमाज विवाद: उन्हें समझ कब आएगी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, गुरुग्राम, हरियाणा

नमाज को मुद्दा बनाकर तनाव फैलाने की कोशिश थम नहीं रही है. चिंताजनक है कि शासन-प्रशासन को सब कुछ जानकारी होने के बावजूद अब तक मसले का स्थाई समाधान निकालता नजर नहीं आ रहा है. परिणामस्वरूप प्रत्येक शुक्रवार के बाद दो समुदाय के कतिपय लोग आमने-सामने आ जाते हैं. समाज विरोधी कहीं इस मसले का अनुचित लाभ न उठाएं, यह चिंता का विषय बना हुआ है.

सभी को पता है कि दिल्ली से लगते हरियाणा के गुरूग्राम शहर में आबादी के हिसाब से मस्जिदों की संख्या ना के बराबर है. चूंकि शहर कामकाजी है, इसलिए प्रत्येक दिन यहां नौकरी और काम-धंधे के सिलसिले में आने वाले लाखों लोगों के कारण शुक्रवार के दिन नमाजियों की भीड़ बढ़ जाती है. सेक्टरों में मंदिर, गुरूद्वारे की तरह यदि मस्जिदों के लिए भी जमीन आवंटित कर दे तो खुले में नमाज पढ़ने की समस्या अपने आप खत्म हो जाए. मगर सरकार की ओर से इस दिशा में पहल नहीं करने से विवाद का हल होता नहीं दिख रहा है. यही नहीं खुले में नमाज पढ़ने वाले लगातार वक्फ जमीन से अवैध कब्जे हटाने की मांग कर रहे हैं ताकि वह उसपर नमाज पढ़ सकेंगे. इस मांग को भी अब तक पूरा नहीं किया गया है. नतीजन इस शुक्रवार को भी

खुले मैदान में नमाज अदा करने के सवाल पर विवाद हो गया. जब इस्लामिक आस्था से जुड़े 200-300 से अधिक लोगों ने सेक्टर-37 मैदान में जुमे की नमाज अदा करने पहुंचे तो विरोध में हिंदू संगठनों के सदस्यों ने धरना दिया. इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में भी लिया.गुरुग्राम पुलिस ने एक औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर -37 में शुक्रवार की नमाज को बाधित करने की कोशिश करने के आरोप में एक दक्षिणपंथी समूह के प्रमुख दिनेश ठाकुर सहित हिंदू संगठनों के लगभग 10 लोगों को हिरासत में लिया है.

भारत माता वाहिनी समूह ने सार्वजनिक पार्कों और स्थानों में नमाज अदा करना बंद करने की मांग की है.तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कई पुलिस कर्मियों को भी मौके पर तैनात किया गया था. उन्होंने शुक्रवार की नमाज के दौरान हिंदू दक्षिणपंथी सदस्यों को किसी भी तरह का हंगामा करने से रोकने के लिए मैदान की घेराबंदी की.

संगठन के कई लोग मैदान में जमा हो गए थे और जय श्री राम, भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारे लगाए.पुलिस ने बताया कि हालांकि नमाज के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. लोगों ने नमाज अदा की और शांति से मैदान से बाहर चले गए.मौके पर मौजूद शहर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राजेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने संगठन के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया है.
उन्होंने बताया, हमने समूह के सदस्यों को हिरासत में लिया, जिन्होंने शुक्रवार की नमाज और कानून व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने की कोशिश की थी. उन्हें एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी.ष्

दिनेश ठाकुर ने गुरुवार को उपायुक्त गुरुग्राम को एक ज्ञापन भी सौंपा था, जिसमें मांग की गई थी कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रार्थनाओं को रोका जाए, क्योंकि वे नियमों के खिलाफ हैं.

मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान ने कहा, जिला प्रशासन ने हमें सेक्टर-37 मैदान में जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत दी है. कई सालों तक यहां करीब 2500 लोग जुमे की नमाज अदा करते थे, जिसे कम कर 200-300 से कर दिया गया है. अगर किसी हिंदू संगठन को कोई समस्या है तो उन्हें जिला प्रशासन से संपर्क करना चाहिए. हम भी भारत के नागरिक हैं. शहर में सद्भाव चाहते हैं. हम नियमित रूप से संबंधित प्राधिकरण के संपर्क में हैं. प्रशासन ने पहले ही हमारे नामित स्थलों को 37 से घटाकर 20 कर दिया है, लेकिन कुछ हिंदू संगठन लगातार हमें अपमानित कर रहे हैं. प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है.

पिछले शुक्रवार को सेक्टर-37 मैदान में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा मुस्लिमों द्वारा धार्मिक नमाज अदा करने का विरोध करने के बाद तनाव पैदा हो गया था. इसी तरह सेक्टर 12 में भी नमाज पढ़ने में इस कदर बाधा पैदा की गई कि वहां नमाज पढ़ना ही बंद करा दिया गया. हालांकि इस दौरान कई अच्छी बातें भी सामने आई हैं. जहां गुरूवारा प्रबंधन ने शहर के अपने गुरूद्वारे के दरवाजे जुमे की नमाज के लिए खोल दिए हैं, वहीं सेक्टर 12 के अक्षय यादव ने अपनी खाली पड़ी दुकान नमाजियों के लिए दे दी है.

दूसरी तरफ नमाज के मुद्दे पर होने वाले विवादों से भारत की छवि पर भी असर पड़ रहा है. जब भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. पाकिस्तानी अखबार इसे बढ़ा-चढ़ाकर छापते हैं. ऐसा कर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले जुल्म को छिपाने की कोशिश की जाती है.