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ईरानः हिजाब के विरोध के नाम पर देश में आराजकता फैलाने वाले 40 विदेशी गिरफ्तार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तेहरान

फीफा वर्ल्ड कप 2022 में इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को मेहमान बताकर भारत और कतर के रिश्ते खराब करने की साजिश रचने वाली मुस्लिम विरोधी ताकतें अब ईरान में अराजकता फैलाने की फिराक में हैं. ऐसी ही ताकतें ईरान में हिजाब कानून का विरोध करने के नाम पर पिछले कई महीने से सड़कों पर बवाल काट रही हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग विभिन्न झड़पांे में मारे गए. इस बीच ईरान पुलिस ने 40 ऐसे विदेशियों को गिरफ्तार किया है जो हिजाब विरोधी आंदोलनों को हवा दे रहे थे.

बता दें कि ईरान में हिजाब सख्ती से लागू करने का कानून है. हर देश के अपने-अपने कुछ विशेष कानून और रीति-रिवाज होते हैं. चूंकि ईरान का इसरायल और यूरोपीय व अमेरिकी देशों से परमाणु बम के मुद्दे पर छत्ताीस का आंकड़ा है, इसलिए ईरान के हिजाब के स्पेशल कानून के विरोध की आड़ में हंगामा किया जा रहा है.

अभी भी ईरान में विरोध प्रदर्शन जारी है. ईरान ने कहा कि देश में विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के आरोप में दो महीने के भीतर 40 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग हिजाब कानून के तहत पुलिस हिरासत में ली गई महसा अमिनी की संदिग्ध मौत के बाद से लगातार विरोध-प्रदर्शनों में सक्रिय रहे.

ईरान में न्यायपालिका के प्रवक्ता मसूद स्टैशी ने मंगलवार, 22 नवंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अब तक 40 विदेशी नागरिक विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं.एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों की राष्ट्रीयता के बारे में विस्तार से नहीं बताया और न ही कोई अन्य विवरण दिया. जाहिर है ऐसा जांच प्रभावित न हो, इसके लिए किया गया है.

रविवार को, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिम को ईरान में दंगा समूहों का समर्थन करने के खिलाफ चेतावनी दी. इस बात पर जोर दिया कि ऐसा करने से उनके हितों की पूर्ति नहीं होगी.रायसी ने कहा, दंगाइयों का सामना करना और उन्हें संबंधित एजेंसियों द्वारा कानून के दायरे में दंडित करना और नागरिकों और उनकी संपत्ति को आतंकवादियों के उत्पीड़न से बचाना, सभी की मांग है, और उन्हें जल्दी से लागू किया जाएगा.

सितंबर में फ्रांस, स्वीडन, इटली, जर्मनी के नौ यूरोपीय लोगों को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए ईरानी सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

ईरान में विरोध प्रदर्शन जारी

ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में एक 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की मौत को लेकर 16 सितंबर से व्यापक विरोध प्रदर्शनों से ईरान हिला हुआ है.

महसा अमिनी की मौत के बाद से विरोध हो रहा है. इससे तीन वर्षों में ईरान में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है.इस दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मारे गए और सैकड़ों गिरफ्तार किए गए.

प्रदर्शनकारी अमिनी की मौत के कारण व जांच के तरीके की जानकारी चाहते हैं और सख्त हिजाब कानूनों को खत्म करने और नैतिकता पुलिस को भंग करने की गुहार लगा रहे हैं.

इस बीच शुक्रवार 18 नवंबर से ईरान में विरोध प्रदर्शन अपने दसवें सप्ताह में प्रवेश कर गया. अधिकांश शहरों और क्षेत्रों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं.

देश में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एचआरएएनए संगठन के अनुसार, ईरान में शासन विरोधी प्रदर्शनों से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर कम से कम 437 हो गई, जिनमें 61 बच्चे शामिल हैं. इनमें से कुछ की उम्र आठ वर्ष से अधिक नहीं है. 155 शहरों में कम से कम 18,055 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.
एक वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 नवंबर तक देश भर के 142 विश्वविद्यालयों में विरोध मार्च आयोजित किए गए, जबकि सुरक्षा बलों ने 549 छात्रों को गिरफ्तार किया.
उल्लेखनीय है कि महसा अमिनी की मृत्यु से व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर लगे प्रतिबंधों, महिलाओं के कपड़ों से संबंधित सख्त नियमों की आड़ में कुछ लोग आर्थिक मुद्दा बनाकर गुस्से को भड़का रहे हैं.