मलेशिया: Johor में मुस्लिम व्यवसायी शुक्रवार की नमाज़ के दौरान बंद रखेंगे कारोबार
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वरदा शाहिद
मलेशिया के जोहोर (Johor) राज्य में मुस्लिम व्यवसायियों, कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए शुक्रवार की नमाज़ के दौरान अपने व्यवसाय अस्थायी रूप से बंद रखने की नीति लागू की जाएगी. इस पहल का उद्देश्य मुस्लिम पुरुषों को अपनी धार्मिक जिम्मेदारी निभाने और जुमे की नमाज़ अदा करने का अवसर प्रदान करना है.
मुस्लिम पुरुषों के लिए अनिवार्यता
जोहोर इस्लामिक धार्मिक मामलों की समिति के अध्यक्ष मोहम्मद फरीद मोहम्मद खालिद ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पहल राज्य में सभी मुस्लिम पुरुषों को मस्जिद जाकर नमाज़ अदा करने में सहायता करेगी.
उन्होंने बताया,”जोहोर इस्लामिक धार्मिक विभाग (JAINJ) यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के सभी मुस्लिम पुरुष शुक्रवार की नमाज़ में शामिल हों.”इस नीति के तहत मुस्लिम पुरुषों को व्यवसाय, कार्य या भोजन जैसी किसी भी गतिविधि से दूर रहना होगा। हालाँकि, यह नियम गैर-मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं पर लागू नहीं होगा..
लंच ब्रेक में बदलाव
जोहोर राज्य के मुख्यमंत्री दातुक ओन हाफिज गाज़ी ने गुरुवार को 2025 का राज्य बजट पेश करते हुए घोषणा की कि 1 जनवरी से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में शुक्रवार के लंच ब्रेक को 1 घंटा 30 मिनट से बढ़ाकर 2 घंटे कर दिया जाएगा. यह कदम मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ के लिए पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से उठाया गया है.
शनिवार-रविवार का नया वीकेंड
जोहोर सरकार ने 1 जनवरी 2025 से सप्ताहांत की छुट्टियों को शनिवार-रविवार में स्थानांतरित करने की भी घोषणा की है. इसके साथ ही, शुक्रवार को होने वाली धार्मिक कक्षाओं के संदर्भ में स्कूल यूनिफॉर्म के सवालों पर मोहम्मद फरीद ने स्पष्ट किया. उन्होंने बताया,”कुछ माता-पिता अपने बच्चों को धार्मिक परिधान पहनाने के बजाय राष्ट्रीय स्कूल यूनिफॉर्म में रखना पसंद कर सकते हैं. यह हमारे लिए कोई समस्या नहीं है. मुख्य बात यह है कि छात्र स्कूल जाएँ और शुक्रवार की नमाज़ अदा करें.”
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के लिए कदम
यह कदम राज्य के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों पर लागू होगा और इसे सुनिश्चित करने के लिए जोहोर इस्लामिक धार्मिक विभाग (JAINJ) सक्रिय रहेगा. इसका उद्देश्य न केवल धार्मिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता देना है, बल्कि मुस्लिम समुदाय को अपने विश्वास के प्रति ईमानदार रहना भी सिखाना है.
यह नीति जोहोर राज्य के नागरिकों और मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक सहिष्णुता और व्यावसायिक नियमों में एक नया संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.