नागपुर में 300 से अधिक लोगों की बैठक, लाउडस्पीकर विवाद को कानूनी तरीके से सुलझाने का फैसला
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नागपुर
नागपुर में धार्मिक स्थलों, विशेष रूप से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के मुद्दे को लेकर असरा फाउंडेशन के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शहर की कई प्रमुख मस्जिदों के जिम्मेदारों, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों, वकीलों और शहर के सम्मानित नागरिकों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य लाउडस्पीकर से जुड़ी समस्याओं पर विचार-विमर्श कर कानूनी और शांतिपूर्ण समाधान तलाशना था।
बैठक की अध्यक्षता मुफ्ती मुज्तबा शरीफ खान साहब और मौलाना अब्दुल अजीज साहब ने की। इस मौके पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अब्दुल वहाब पारेख, रिटायर्ड जस्टिस काजी एजाजुद्दीन साहब, एडवोकेट आसिफ कुरेशी साहब, एडवोकेट रफीक अकबानी साहब, एडवोकेट खालिद साहब, एडवोकेट आदिल साहब, एडवोकेट मोहम्मद आदिल साहब, एडवोकेट ओपाई साहब, डॉ. अवेस हसन साहब, जनाब अर्सलानुद्दीन कुरेशी साहब, जनाब काशिफ काजी साहब, हाजी मोहम्मद ताहिर रजा साहब, हाजी मोहम्मद वसीम इकबाल और जनाब आमिर ख्वाजा साहब जैसी कई हस्तियां मौजूद रहीं।
बैठक में 300 से अधिक लोगों की उपस्थिति
इस अहम बैठक में शहर भर से 300 से अधिक लोग शामिल हुए। सभी उपस्थित लोगों का यह साझा मत था कि लाउडस्पीकर के मुद्दे पर किसी भी तरह का टकराव या विवाद पैदा करने के बजाय इसे कानूनी और संवैधानिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।
बैठक में यह तय किया गया कि प्रशासन द्वारा लाउडस्पीकरों को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उनका पूरी तरह पालन किया जाएगा। साथ ही, यदि आवश्यक हुआ तो आगे की कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
कानूनी और शांतिपूर्ण समाधान पर सहमति
बैठक में उपस्थित वकीलों और समाजसेवियों ने विस्तार से समझाया कि इस मामले को संवैधानिक अधिकारों और कानूनी प्रावधानों के आधार पर उठाया जा सकता है। एडवोकेट आसिफ कुरेशी और एडवोकेट रफीक अकबानी ने कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का उपयोग धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे में आता है, लेकिन इसे कानूनी सीमाओं के भीतर रखना ही सही रास्ता है।
मौलाना अब्दुल अजीज साहब ने कहा कि इस विषय को भावनाओं से नहीं बल्कि समझदारी और कानूनी दृष्टिकोण से सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों या विवादों से बचें और एकजुट होकर इस मामले को सही मंच पर उठाएं।
असरा फाउंडेशन की भूमिका
असरा फाउंडेशन ने इस बैठक का आयोजन कर समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने का प्रयास किया। फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि शहर में अमन और भाईचारे का माहौल बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, और लाउडस्पीकर के मुद्दे पर कोई भी निर्णय कानूनी मार्गदर्शन और प्रशासन के नियमों के अनुसार ही लिया जाएगा।
लाउडस्पीकर विवाद की पृष्ठभूमि
हाल के वर्षों में महाराष्ट्र के कई शहरों में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर विवाद बढ़ा है। प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम लागू किए हैं, जिसके चलते कई धार्मिक स्थलों को लाउडस्पीकर के उपयोग में कटौती करनी पड़ी है। नागपुर में भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी तरह के विवाद में पड़ने की बजाय कानूनी रास्ता अपनाएगा।
निष्कर्ष
इस बैठक ने यह संदेश दिया कि नागपुर का मुस्लिम समुदाय शांति और कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सभी उपस्थित लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के मुद्दे को कानूनी तरीके से सुलझाया जाएगा और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

